Study Abroad – ‘अध्ययन परमिट’ में कटौती का ऐलान
Study Abroad:कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए ‘अध्ययन परमिट’ में कटौती करने का ऐलान किया है जिससे बहुत से भारतीय नागरिकों के प्रभावित होने की आशंका है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हम इस साल 35 फीसदी कम अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट जारी कर रहे हैं तथा अगले साल इसमें 10 फीसदी और कमी की जाएगी। 2025 में कुल 5,09,390 छात्रों को वीजा जारी किए जाने का लक्ष्य था, लेकिन अब इसमें 35% की कमी की जाएगी। अगले साल भी वीजा में 10% और कटौती की जाएगी, जिसका अर्थ है कि इस साल कनाडा केवल 3,31,303 छात्रों को ही वीजा जारी करेगा।
1,78,087 कम वीजा जारी किए जाएंगे
इस कटौती के परिणामस्वरूप 1,78,087 कम वीजा जारी किए जाएंगे। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल के पहले महीने में 1,75,920 वीजा ही जारी किए गए हैं। ट्रूडो ने कहा कि आव्रजन हमारी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है, लेकिन जब खराब तत्व व्यवस्था का दुरुपयोग करते हैं और छात्रों का फायदा उठाते हैं, तो हम कार्रवाई करते हैं। यह कदम तब उठाया गया है जब कनाडा सरकार अस्थायी निवासियों की संख्या कम करने पर विचार कर रही है। कनाडा भारतीय विद्यार्थियों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्यों में से एक है। ट्रूडो की घोषणा से कनाडा में पढ़ने की इच्छा रखने वाले कई भारतीय छात्रों पर असर पड़ने की संभावना है। ओटावा में भारतीय उच्चायोग की वेबसाइट के अनुसार, शिक्षा भारत और कनाडा के बीच पारस्परिक हित का एक प्रमुख क्षेत्र है। भारत विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत है और अनुमानित तौर पर 4,27,000 भारतीय विद्यार्थी कनाडा में पढ़ रहे हैं।
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चुनाव के कारण दबाव में ट्रूडो
कनाडा में अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपनी इमिग्रेशन नीतियों के कारण दबाव में आ गए हैं। ट्रूडो सरकार ने इस वर्ष छात्रों के वीजा की संख्या घटाकर 3,31,303 करने की घोषणा की है। कनाडा ने 2023 में कुल 12 लाख विदेशियों को स्टडी वीजा, वर्क वीजा, और टेम्परेरी रेजिडेंस वीजा जारी किए थे, जिन्हें अब घटाकर 4,37,000 करने की योजना है। पिछले कुछ सालों में कनाडा में शरणार्थियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। स्थानीय नागरिकों द्वारा दिए जाने वाले टैक्स का बड़ा हिस्सा अब शरणार्थियों की भलाई पर खर्च किया जा रहा है, जिससे यह चुनावी मुद्दा बन गया है।
नियमों का पालन करना होगा
इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि कनाडा में आने वाले हर विदेशी को अब नियमों का पालन करने के बाद ही रहने की अनुमति मिलेगी। इससे पहले, कनाडा ने टेम्परेरी रेजिडेंस वीजा की संख्या में 5% की कटौती की घोषणा की थी। पिछले कुछ समय में बढ़ती प्रवासी संख्या के कारण कनाडा में आवास संकट और महंगाई की समस्याएं सामने आई हैं। मकानों की बढ़ती कीमतों ने स्थानीय लोगों को त्रस्त कर दिया है, जिससे यह भी एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। कनाडा की सरकार को चुनाव से पहले बड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं। पिछले महीने ही सरकार ने टेम्परेरी फॉरेन वर्कर प्रोग्राम के तहत दिए जाने वाले वर्क वीजा की संख्या बढ़ाने की योजना को रद्द कर दिया था। यह योजना कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई थी, जिसके तहत कनाडा में रह रहे विदेशी श्रमिकों के वीज़ा को बढ़ाया जा रहा था। जनवरी में सरकार ने विदेशी छात्रों के लिए भी 2 साल का सीमा कैप (सीएपी) लागू किया था।
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