Village Udsar Churu – गांव में कई कहानियां प्रचलित हैं
Village Udsar Churu: इन दिनों एक से अधिक मंजिल वाले घरों को चलन है। हर कोई अपना घर बनाने का सपना देखता है और अगर घर पांच मंजिल वाला हो, तो क्या कहना। आपने अपने घर के आस-पास देखा होगा, कि जिन लोगों के पास अच्छी-खासी जमीन है, या तो वो खुद ही पांच मंजिला मकान बना लेते हैं, या फिर बिल्डर से बनवाते जो राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर तहसील का ‘उडसर गांव’ है। जानकर हैरानी होगी, कि इस गांव में रहने वाले लगभग सभी लोगों के पास खुद की जमीन हैं, लेकिन यहां करीब 700 साल से किसी ने दो मंजिला मकान नहीं बनवाया है।

परिवार को काफी कष्ट झेलने पड़ते
मकान के ऊपर मकान न बनाने के पीछे गांव में कई कहानियां प्रचलित है। गांव के लोगों का मानना है कि, अगर इस गांव में कोई भी परिवार एक से अधिक मंजिल बनाता है, तो उसे और उसके परिवार को काफी कष्ट झेलने पड़ते हैं। गांव के लोगों ने बताया, अब तक इस गांव में तीन परिवारों ने एक से अधिक मंजिल वाले घर को बनाने की कोशिश की थी, जिसके बाद उनके परिवार के साथ अनहोनी होनी शुरू हो गई। एक के बाद एक सब मरने लगे।
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गांव वालों को श्राप
करीब 700 साल पहले भोमिया नाम का एक व्यक्ति यहां रहता था। एक दिन उसे पता चला कि गांव में कुछ लोग आए, जो गांव के नहीं थे, बल्कि चोर थे। जिसके बाद अकेले भोमिया ने सभी चोरों को भगाने की कोशिश की, लेकिन चोरों की संख्या ज्यादा थी, जिस कारण वो पूरी तरह से घायल हो चुका था। जान बचाने के लिए भोमिया अपने ससुर के घर की दूसरी मंजिल पर छिप गया, लेकिन चोर पीछे-पीछे वहां पहुंच गए। जिसके बाद चोरों ने भोमिया का गला काट दिया। जब इस घटना के बारे में भोमिया की पत्नी को पता चला, तो उसने गांव वालों को श्राप दिया कि अगर कोई भी गांव में अपने घर की दूसरी मंजिल पर मकान या कमरा बनाएगा, तो उसका सर्वनाश हो जाएगा। जिसके बाद से गांव वाले दूसरी मंजिल बनाने से कतराते हैं।

एक-एक कर सबका निधन
एक गांव वाले ने बताया, यहां पर रहने वाले एक शख्स ने 40 से 45 साल पहले अपने बेटों के लिए दूसरी मंजिल बनाई थी, लेकिन वे लोग हंसी- खुशी इस गांव में नहीं रह पाए। एक – एक कर सबका निधन हो गया है। हैरानी वाली बात थी, कि इस शख्स के 9 बेटे थे, जिसमें से एक भी नहीं बचा।
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प्रसिद्ध है भोमियाजी का मंदिर
जब चोरों ने भोमिया का गला काट दिया था और जहां पर उनका सिर गिरा था, अब वहां एक मंदिर है। जिसे गांव वाले काफी मानते हैं। यहां के लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है। हर चतुर्थी को यहां पर पूजा- पाठ की जाती है। इसके अलावा गांव के लोग ये मानते हैं, कि जब भी गांव पर कोई संकट आता है, तो भोमिया जी उनकी रक्षा करते हैं।
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