Bihari’s HardWork Story- एक कहानी जो आपको आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करेगी
अक्सर आपने देखा होगा कि, भारत के हर बड़े पद पर यानि IAS या IPS जैसी Position पर बिहारी लोग ही नजर आएंगे…ऐसा क्यों..इसके पीछे का Secret क्या है ? आखिर क्यों..बिहारी ही UPSC जैसी परीक्षाएं पास करते हैं ? इन सवालों का जवाब हम आपको एक कहानी के जिरये देंगे…इस कहानी को पढ़कर आस समझ जाएंगे कि, बिहारियों की सफलता का राज क्या ?
कभी आपने सोचा है, आखिर…बिहारी लोग ही क्यों IPS और IIT जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करते हैं?
ये सवाल जब मैंने अपने पिताजी से पूछा।
तब पिताजी ने मुझे पास बैठाकर कहा- बेटा, मैं तुम्हें समझाता हूं, क्यों बिहारी, IPS जैसी परिक्षाओं को पास करते हैं…
पिताजी ने मुझे एक किस्सा बताना शुरू किया, उन्होंने कहा –
कंपनी के काम के लिए जब मैं अपने शहर से दूसरे शहर ट्रेन से जाया करता था, उस दौरान..
..मैंने देखा रेलवे स्टेशन पर एक लड़का अपनी ट्रेन आने का इंतज़ार करते हुए बैठा है।
पता चला कि वह लड़का एक छोटी सी कंपनी में नौकरी करता था,
वह अक्सर चादर जैसी चीज़ को फर्श पर बिछा देता और किताब पढ़ने लगता… अक्सर मेरे पिताजी ऐसा करते उसे देखते थे…
एक दिन,
मेरे पिताजी जैसी ही उसके सामने से गुजरे…
उसने, मेरे पिताजी से ट्रेन आने के बारे में पूछा लिया, तब से दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई..
उस लड़के ने बताया कि, वह बिहार का रहने वाला है…
मेरे पिताजी ने उससे पूछा – ‘भाई, आप इतनी मोटी-मोटी किताबें किस लिये रोजना पढ़ते हैं?”
लड़के ने कहा – मैं सेंट्रल रेलवे परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं, अगर मुझे रेलवे में नौकरी मिल जाती है, तो मेरे परिवार की आर्थिक हालत सुधर जाएगी…।
पिताजी बोले – ओह, ये बात है, तो अच्छे से पढ़ाई करो और मेरी शुभकामनाएं हैं…!
उस दौरान पिताजी उसे रोज़ाना देखते थे, जब कभी भी देखते, वह किताब पढ़ते दिखता था,
ट्रेन का इंतज़ार करते समय,
ट्रेन के अंदर (अगर सीट मिल जाती है)।
… हम गैर बिहारी अक्सर आश्चर्य किया करते हैं कि UPSC, रेलवे, अकाउंट्स जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहारी क्यों आगे रहते हैं।
…सबको लगता है कि उनके पास ज़्यादा दिमाग़ होता है।
लेकिन उनकी कड़ी मेहनत कोई नहीं देखता,
कम या ज़्यादा दिमाग़ वाली बात ही नहीं है।
मेहनत की बात है सारी…।
हर कोई सोचता है कि उनके पास बहुत बड़ा दिमाग़ है,
लेकिन ये बड़े दिमाग़ वाली बात नहीं है,
हम उनकी मेहनत को नज़रअंदाज़ करते हैं।
और यदि सब कुछ सामान्य हटा दिया जाए,
जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है वो है मेहनत.
वो साले कभी खाली नहीं बैठते हैं।
हर समय कोई ना कोई किताब पढ़ते रहेंगे, काम पर ध्यान देंगे।
बिहारी, अपना समय बर्बाद नहीं करते,
जब भी उन्हें समय मिलता है तो वे किताबें पढ़ते हैं, या कोई अन्य काम करते हैं।
लेकिन कोई टाइमपास नहीं करते…
वो ऐसे पढ़ते हैं जैसे कि कल दुनिया ख़त्म हो जाएगी या फिर सिर्फ एक प्रयास है उनके पास।
भाई, तुम बिहार को भले ही गरीब या भ्रष्ट राज्य बोलो, लेकिन मेहनत करने से पीछे नहीं हटते बिहारी..
लेकिन बिहारी जानते हैं कि मेहनत क्या होती है।
वे बहुत मेहनती होते हैं।
वो लोग ये नहीं सोचते कि आज ये खाएंगे, कल वो खाएंगे,
आज यहां घूमेंगे, कल वहां घूमेंगे!
न केवल बिहारी, बल्कि मेहनत करने वाल कोई भी व्यक्ति, वह निश्चित रूप से यूपीएससी में अच्छे पद का हकदार है।
.
.
और इस तरह मेरे पिता बिहारियों से प्रेरित हुए और उन्होंने रेलवे परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी,
उन्होंने वह परीक्षा पास कर ली,
भारतीय रेलवे में शामिल हुए
और आज उनकी वजह से,
मैं इतनी अच्छी ज़िंदगी जी रहा हूं।
मैं उस बिहारी आदमी और अपने पिता का शुक्रिया अदा करता हूँ।
मेरे पिता ने मुझसे कहा – बेटा, अगर तुम आज अपने करियर के साथ कड़ी मेहनत करोगे, तो कल तुम एक पॉवरफुल पद में रहोगे।
अगर तुम कड़ी मेहनत नहीं करोगे, तो खुद से सफल व्यक्ति बनने की उम्मीद मत करो।
हां पिताजी….!
Read more: Success Story Vegetable Vendor Son: दूसरा प्रयास में मारी बाजी, BPSC में 40वीं रैंक हासिल
- Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला - March 7, 2025
- Umang Shridhar Designs: ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, 2500 महिलाओं को दी ट्रेनिंग - March 7, 2025
- Medha Tadpatrikar and Shirish Phadtare : इको फ्रेंडली स्टार्टअप से सालाना 2 करोड़ का बिजनेस - March 6, 2025