RK Sinha-Rituraj Sinha – SIS कंपनी के देश-विदेश में हैं लाखों सिक्योरिटी गार्ड
RK Sinha-Rituraj Sinha – 51 साल से ज्यादा पुरानी सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विस कंपनी SIS के सिक्योरिटी गार्ड अक्सर मॉल या किसी दफ्तर की बाहर नीले रंग की यूनीफॉर्म पहने दिखाई देते हैं। SIS कंपनी की शुरुआत की कहानी बेहद दिलचस्प है। 22 साल की उम्र में पेशे से पत्रकार रहे रविंद्र किशोर सिन्हा उर्फ आरके सिन्हा ने कंपनी शुरू की। उनका जन्म बिहार के बक्सर जिले में 22 सितंबर 1951 को हुआ था। आरके सिन्हा के पिता पटना में नौकरी करते थे इसलिए उनकी पढ़ाई पटना में ही हुई। पढ़ाई के साथ-साथ आरके सिन्हा 20 साल की उम्र में रिपोर्टिंग करने लगे। पत्रकारिता में आ गए। 2 जनवरी 1974 को पटना में 2 कमरे के गैराज से SIS कंपनी की शुरुआत हुई। आरके सिन्हा ने SIS की नींव तो रख दी थी, लेकिन इसको रजिस्टर नहीं करवाया था।

वॉलंटियर काम कर रही थी कंपनी
अगले 10 सालों तक SIS वॉलंटियर काम कर रही थी और इससे कंपनी को कोई रेवेन्यू नहीं होता था। कुछ समय बाद कंपनी जहां भी सिक्योरिटी गार्ड प्रोवाइड करवा रही थी, वहां लेबर इंस्पेक्टर आने लगे। कंपनियां परेशान होने लगीं। तब उन कंपनी के मालिकों के कहने पर आरके सिन्हा ने एक फॉर्मल कंपनी खोली। फिर 1985 में इसे प्राइवेट लिमिटेड बना दिया। आरके सिन्हा के बेटे ऋतुराज किशोर सिन्हा 22 साल की उम्र में लंदन से एमबीए करके लौटे। 2002 में ऋतुराज ने SIS कंपनी का काम देखना शुरू किया। ऋतुराज कंपनी को सिक्योरिटी सर्विस के साथ ही अन्य फील्ड में भी आगे बढ़ाना चाहते थे।
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2 हजार करोड़ रुपए में ‘चब ऑस्ट्रेलिया’ को खरीदा
ऋतुराज ने कंपनी को भारत में कैश लॉजिस्टिक की फील्ड में लाने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने सिक्योरिटी की दुनिया में बेस्ट कंपनी ‘सिक्योरिटास’ के साथ पार्टनरशिप करने का प्रपोजल बनाया। ये प्रपोजल लेकर ऋतुराज 2005 में लंदन पहुंच गए, लेकिन ‘सिक्योरिटास’ के तत्कालीन अध्यक्ष और सीईओ थॉमस बर्गलुंड ने प्रपोजल ठुकरा दिया। ऋतुराज ने इसके बाद भी अकेले ही 2006 में कैश लॉजिस्टिक की फील्ड में SIS की एंट्री करवाई। साल 2008 में सारी दुनिया जहां आर्थिक संकट से जूझ रही थी, उसी समय ऋतुराज ने कंपनी के दूसरे देशों में विस्तार करने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की सिक्योरिटी कंपनी ‘चब ऑस्ट्रेलिया’ को खरीदने की तैयारी करनी शुरू कर दी। ये कंपनी SIS से 7 गुना बड़ी थी। जिसको लेकर ऋतुराज को काफी दिक्कतें आ रही थीं। हालांकि एसबीआई बैंक से मदद मिलने के बाद ऋतुराज ऐसा करने में सफल रहे। उन्होंने यूएस समूह यूनाइटेड टेक्नोलॉजीज कॉर्प से 238 मिलियन डॉलर यानी 2 हजार करोड़ रुपए में ‘चब ऑस्ट्रेलिया’ को खरीदा।

कई सिक्योरिटी कंपनियों को खरीदा
SIS भारत में तो सबसे बड़ी सिक्योरिटी सर्विस बन ही गई थी, अब कंपनी ऑस्ट्रेलिया में भी नंबर वन होने जा रही थी। इसी बीच ऋतुराज ने इस विस्तार को और बढ़ाया। ऑस्ट्रेलिया में दो कंपनियां, भारत, सिंगापुर और न्यूजीलैंड में भी कई सिक्योरिटी कंपनियों को खरीद लिया। आज 4 देशों (भारत, सिंगापुर, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में SIS सिक्योरिटी सर्विस प्रोवाइड कर रही है। जिसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया में नंबर 1, न्यूजीलैंड में नंबर 3 के साथ ही सिंगापुर में 5वें नंबर की सिक्योरिटी कंपनी है। सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विस कंपनी SIS ने हाल ही में बिहार के दरभंगा जिले में 500 से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को नौकरी दी है। कंपनी ने इन लोगों को सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर के पदों पर भर्ती किया है। SIS भारत की सबसे बड़ी सिक्योरिटी सर्विस कंपनी है। आज SIS कंपनी के 4 देशों में 2.85 लाख गार्ड और कर्मचारी हैं। साथ ही 22 हजार कस्टमर हैं। आज कंपनी का रेवेन्यू 12 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
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