By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
WeStoryWeStoryWeStory
  • हिंदी न्यूज़
  • बिज़नेस
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • सेहत
  • एजुकेशन
  • ऑटो
  • खेल
  • फाइनेंस
  • अन्‍य
    • सफलता की कहानी
    • स्टोरीज
    • शख़्सियत
    • उद्यमी (Entrepreneur)
Search
  • Advertise
Copyright © 2023 WeStory.co.in
Reading: Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
WeStoryWeStory
Font ResizerAa
  • हिंदी न्यूज़
  • बिज़नेस
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • सेहत
  • एजुकेशन
  • ऑटो
  • खेल
  • फाइनेंस
  • अन्‍य
Search
  • हिंदी न्यूज़
  • बिज़नेस
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • सेहत
  • एजुकेशन
  • ऑटो
  • खेल
  • फाइनेंस
  • अन्‍य
    • सफलता की कहानी
    • स्टोरीज
    • शख़्सियत
    • उद्यमी (Entrepreneur)
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2024 WeStory.co.in. All Rights Reserved.
WeStory > बिज़नेस > Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला
बिज़नेस

Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला

Rupinder Kaur, Organic Farming - पंजाब के लुधियाना में एक गांव है पक्खोवाल, जहां 55 साल की रुपिंदर कौर ‘कुलराज ऑर्गेनिक फार्मिंग’ चलाती हैं। रूपिंदर ने अपने..

WeStory Editorial Team
Last updated: 2025/03/18 at 12:48 PM
WeStory Editorial Team
Share
7 Min Read
Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला
Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला
SHARE

Rupinder Kaur, Organic Farming : 10 साल बाद तैयार हो जाएंगे 200 महोगनी के पेड़, कीमत प्रति पेड़ 15 लाख

Rupinder Kaur, Organic Farming – पंजाब के लुधियाना में एक गांव है पक्खोवाल, जहां 55 साल की रुपिंदर कौर ‘कुलराज ऑर्गेनिक फार्मिंग’ चलाती हैं। रूपिंदर ने अपने दम पर खेती कर खुद की पहचान बनाई है। आज उनको फलों की रानी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने सबसे पहले अपने कुलराज फार्म हाउस में वर्ष 2014 में एक एकड़ में 400-500 तरह के पौधे लगाए थे। साथ ही सेब, अनार, ड्रेगन फल, अमरूद, चीकू ,केले की बिजाई की। तीन वर्ष बाद सभी पेड़ों पर फल लगने शुरू हो गए। तब पति ने उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। अब उनके फलों के बाग में अमरूद, कश्मीरी बेर, अनार, ड्रेगन फल, हिमाचली सेब, जैन इदीग्रेशन के अनार, राजस्थान के ड्रेगन फल लगे हुए हैं। इतना ही नहीं पीएयू के पपीते, आड़ू, आलू बुखारा, बबूगोशा के फल भी यहां लगे हुए हैं।

Table of Contents
Rupinder Kaur, Organic Farming : 10 साल बाद तैयार हो जाएंगे 200 महोगनी के पेड़, कीमत प्रति पेड़ 15 लाख15 बीघे में अलग-अलग वैराइटी के प्लांट्सपंखुरियों से गुलकंद बनाती हैंचावल और काले गेहूं की खेतीसूखे पत्तों से बनाती हैं प्रोडक्ट
Rupinder Kaur, Organic Farming : 10 साल बाद तैयार हो जाएंगे 200 महोगनी के पेड़, कीमत प्रति पेड़ 15 लाख
Rupinder Kaur, Organic Farming : 10 साल बाद तैयार हो जाएंगे 200 महोगनी के पेड़, कीमत प्रति पेड़ 15 लाख

15 बीघे में अलग-अलग वैराइटी के प्लांट्स

रुपिंदर कौर कहती हैं, ‘फल ऐसी चीज है जिसे हर व्यक्ति खाता है। बिना केमिकल वाला मिले तो सोने पर सुहागा। 4 साल पहले गार्डनिंग शुरू की थी। फिर फलों और प्लांट्स को बेचने के अलावा इन फलों को प्रोसेस कर प्रोडक्ट बनाने लगी।’ शुरुआत 3 बीघे जमीन से की थी। आज लगभग 15 बीघे में अलग-अलग वैराइटी के प्लांट्स की फार्मिंग और फलों से बने प्रोडक्ट को बेचकर सालाना 10 लाख की कमाई कर रही हूं। खेत में करीब 200 महोगनी के पेड़ हैं। जो 10 साल बाद तैयार हो जाएंगे। इसकी कीमत प्रति पेड़ 15 लाख रुपए तक है। लोगों के घरों, उनके छतों पर गार्डन सेटअप भी करती हैं। लुधियाना की रुपिंदर कौर फलों के पौधों की नर्सरी के अलावा ऑर्गेनिक फार्मिंग करती हैं। इनके फार्म में 40 से ज्यादा तरह के फलों के पौधे हैं।

15 बीघे में अलग-अलग वैराइटी के प्लांट्स
15 बीघे में अलग-अलग वैराइटी के प्लांट्स

पंखुरियों से गुलकंद बनाती हैं

रुपिंदर कहती हैं, ‘मैं घर में अकेले बैठे-बैठे बोर होने लगती थी। मायके की 75 बीघा जमीन थी, जिसे ठेके पर दे रखा था, लेकिन जब खुद खेती करने के बारे में सोचा, तो सारी जमीन वापस ले ली।’ रुपिंदर कहती हैं, ‘नहीं, 3 बीघे में गार्डनिंग शुरू की थी, बाकी में ऑर्गेनिक फार्मिंग। शुरुआत तो गुलाब की खेती से की थी, फिर उसकी पंखुरियों से गुलकंद बनाने लगी।’ रुपिंदर कहती हैं, ‘खेती के बारे में कुछ भी पता नहीं था। इंटरनेट को खंगालना शुरू किया। कौन-सा प्लांट कहां मिलेगा। किसकी मार्केट डिमांड ज्यादा है, इन चीजों को समझा। तीन लाख रुपए हसबेंड से लेकर फार्मिंग की शुरुआत की थी।’ वो कहती हैं, ‘गुलाब की खेती के बाद हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से सेब के 250 पौधे मंगवाए थे, लेकिन पहली फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। एक साल तक खुद से एक्सपेरिमेंट करना शुरू किया।’ खेत में अलग-अलग वैराइटी के प्लांट्स लगाए। इसके बीच में जो खाली जगह बची थी, उसमें सरसों, दलहन, रागी, मूंगफली, काले-सफेद चने, गन्ना, बाजरे, गेहूं जैसे फसलों की खेती शुरू की।

Read more : Chinese Steel चीनी स्टील पर 25% तक शुल्क लगा सकता है भारत

पंखुरियों से गुलकंद बनाती हैं
पंखुरियों से गुलकंद बनाती हैं

चावल और काले गेहूं की खेती

ऑर्गेनिक तरीके से बासमती चावल और काले गेहूं की खेती करने लगी। जिसका मार्केट में प्रति क्विंटल कीमत 12 हजार से 25 हजार रुपए तक है। रुपिंदर कौर टिशू खजूर की भी खेती करती हैं, जिसके एक पेड़ से करीब एक क्विंटल खजूर निकलता है और इसकी मार्केट कीमत 15 हजार प्रति क्विंटल है। वो कहती हैं, ‘राजस्थान से ड्रैगन फ्रूट और टीशू खजूर, उत्तर प्रदेश से बेर, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से कीनू, बाबूगोशा, नाशपति, मौसमी, केला, नींबू, पपीता, हिमाचल से एवोकाडो, अंजीर, आंवला, बेल, कटहल और कैलिफोर्निया से बादाम के पौधे मंगवाए।’ रुपिंदर कहती हैं, ‘सेब की पहली फसल बर्बाद होने से मैंने बहुत कुछ सीखा।

दरअसल, उस वक्त ना तो मैं ट्रेंड थी और ना ही वर्कर। दरअसल, प्लांट में पेस्टिसाइड नहीं डालने की वजह से फसल बर्बाद हो गई, जिसके बाद मैंने खुद से ऑर्गेनिक खाद बनाने की ठानी। गाय, भेड़, बकरियां पालनी शुरू की। काम करने वाले वर्कर्स को ट्रेनिंग देने लगी। सबसे बड़ी दिक्कत ट्रेंड वर्कर के मिलने की ही होती है।’ रुपिंदर फलों के प्लांट्स बेचने के अलावा फलों को प्रोसेस कर उससे प्रोडक्ट भी तैयार कर बेचती हैं। वो कहती हैं, ‘जब लगा कि फलों को सीधे मार्केट में बेचने से ज्यादा इससे प्रोडक्ट को बेचना फायदेमंद है, तो मैं प्रोडक्ट बनाकर बेचने लगी।

चावल और काले गेहूं की खेती
चावल और काले गेहूं की खेती

सूखे पत्तों से बनाती हैं प्रोडक्ट

गुलाब के फूलों से गुलकंद के अलावा इसके सूखे पत्तों से चाय पत्ती, लेमन ग्राम, गिलोय, चाय मसाला, हरी मिर्च से पेस्ट और पाउडर, आंवला कैंडी, आम पापड़ जैसे प्रोडक्ट बनाकर बेचती हूं।’ रुपिंदर कहती हैं, ‘अब तो ये मेरा पैशन और प्रोफेशन, दोनों बन गया है। शुरुआत में जो जानने वाले थे। जैसे- टेलर वाला, कपड़े वाला, दोस्त जिनकी मैं कस्टमर थी, उन्हें ही अपना सामान बेचना शुरू किया। फिर धीरे-धीरे लोगों को ऑनलाइन और ऑफलाइन कॉन्टैक्ट कर पौधे, प्रोडक्ट बेचना शुरू किया।

आज इतनी डिमांड है कि मैं सप्लाई नहीं कर पाती हूं। रूपिंदर कौर 36 प्रकार के सभी फल की खेती कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वह गेंहू, सरसों, देसी गुलाब की आर्गेनिक खेती करती है और किसी भी प्रकार का कोई कैमिकल, स्प्रे नहीं करती है। उनकी खेती को पंजाब एग्रो से मान्यता प्राप्त है। हर छह महीने बाद उनकी टीम आती है और फलों व मिट्टी के सैंपल लेकर जाती है। उन्होंने बताया कि ढाई एकड़ में फलों की खेती, बाकी में गेहूं, सरसों व बासमती की खेती होती है।

  • Author
  • Recent Posts
WeStory Editorial Team
WeStory Editorial Team
Author at WeStory
WeStory.co.in - वीस्टोरी के संपादक टीम आपको अनुभव, सफलता की कहानी, जोश,हिम्मत और बराबरी की कहानी के साथ -साथ ताजा समाचार और अन्य विषय पर भी एजुकेशन, मनोरंजन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, बिज़नेस, फाइनेंस, सेहत, लाइफस्टाइल इत्यादि पे आपने लेख पब्लिश करते हैं !
WeStory Editorial Team
Latest posts by WeStory Editorial Team (see all)
  • Mark Zuckerberg joins US Army: अमेरिकी सेना के जवान पहनेंगे चश्मे और हेलमेट - June 11, 2025
  • Pahalgam Terrorist Attack: नया भारत है, यह रुकता नहीं, झुकता नहीं - June 11, 2025
  • Ather Electric Scooters: एथर रिज़्टा की 1 लाख से अधिक यूनिट्स बिकीं - June 11, 2025

You Might Also Like

Pahalgam Terrorist Attack: नया भारत है, यह रुकता नहीं, झुकता नहीं

Thyrocare Medical laboratory company: थायरोकेयर ने शुरू की पूर्वी भारत में सेवा, उन्नत और किफायती

Indian Economy Strong: दुनिया के लिए ‘अनिश्चिततापूर्ण क्षण’ , भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत

SugarCane Production: गन्ना कम, बारिश कम : 18 फीसदी घटा चीनी उत्पादन

Basavaraju News: अबूझमाड़ में मारा गया बसवराजू , आंध्र-तेलंगाना में माओवादी पार्टी का पर्याय था

TAGGED: HIndi news

Sign Up For Daily Newsletter

Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.

By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article Umang Shridhar Designs: ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, 2500 महिलाओं को दी ट्रेनिंग Umang Shridhar Designs: ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, 2500 महिलाओं को दी ट्रेनिंग
Next Article Cow Dung Cow Dung: पर्यावरण की सुरक्षा और इको फ्रेंडली प्रोडक्ट को बढ़ावा
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest News

Mark Zuckerberg joins US Army
Mark Zuckerberg joins US Army: अमेरिकी सेना के जवान पहनेंगे चश्मे और हेलमेट
हिंदी न्यूज़ June 11, 2025
Pahalgam Terrorist Attack
Pahalgam Terrorist Attack: नया भारत है, यह रुकता नहीं, झुकता नहीं
हिंदी न्यूज़ June 11, 2025
Ather Electric Scooters
Ather Electric Scooters: एथर रिज़्टा की 1 लाख से अधिक यूनिट्स बिकीं
टेक्नोलॉजी June 11, 2025
Travel insurance
Travel insurance: इंटरनेशनल ट्रिप की प्लानिंग कर रहे हैं? जानिए क्यों ट्रैवल इंश्योरेंस है सबसे अच्छा साथी
फाइनेंस June 11, 2025

Categories

  • अन्‍य
  • उद्यमी (Entrepreneur)
  • एजुकेशन
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • टेक्नोलॉजी
  • फाइनेंस
  • बिज़नेस
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • सफलता की कहानी
  • सेहत
  • स्टोरीज
  • हिंदी न्यूज़

About WeStory US

WeStory.co.in एक न्यूज पोर्टल प्रोफेशनल Author,न्यूज़ जर्नलिस्ट और अनुभवी केटेगरी के प्रफेशनल के दुवारा लिखा लेख इन सारे विषय से जैसे की जुकेशन, मनोरंजन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, बिज़नेस, फाइनेंस, सेहत एक न्यूज ब्लॉग पब्लिश करते है और आपको जानकारी देके आपको अनभभावी बनाते है !

Recent Posts

  • Mark Zuckerberg joins US Army: अमेरिकी सेना के जवान पहनेंगे चश्मे और हेलमेट
  • Pahalgam Terrorist Attack: नया भारत है, यह रुकता नहीं, झुकता नहीं
  • Ather Electric Scooters: एथर रिज़्टा की 1 लाख से अधिक यूनिट्स बिकीं

Categories

  • अन्‍य
  • उद्यमी (Entrepreneur)
  • एजुकेशन
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • टेक्नोलॉजी
  • फाइनेंस
  • बिज़नेस
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • सफलता की कहानी
  • सेहत
  • स्टोरीज
  • हिंदी न्यूज़

Important Links

  • About Us
  • Contact Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
Follow US
© 2024 Westory. All Rights Reserved.
Join Us!

Subscribe to our newsletter and never miss our latest news, podcasts etc..

Zero spam, Unsubscribe at any time.
Go to mobile version
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?