Pink Guava: सेहत के लिए लाभदायक, कई पोषक तत्वों से भरपूर
Pink Guava: माना जाता है कि अमरूद कई रोगों की रामबाण दवा है। यह एक ऐसा फल है सेहत के लिए तो लाभदायक है, साथ ही इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीफंगल, विटामिन-C, K, B6, फोलेट, नियासिन, एंटीडायबिटिक, एंटी-डायरियल, आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम, पोटैशियम, जिंक, कॉपर, कार्बोहाइड्रेट, डायटरी फाइबर जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। अमरूद न केवल पाचन को दुरुस्त करता है बल्कि ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल रखने में मदद करता है। अमरूद काटने पर गुलाबी या सफेद रंग का निकलता है, पर सवाल उठता है कि गुलाबी सेहत के लिए गुणकारी या सफेद अमरूद, तो जवाब है ‘गुलाबी’। जी हां, गुलाबी रंग का अमरूद सेहत के लिए लिहाज से खाना ज्यादा अच्छा माना जाता है।
डेंगू को ठीक करने में मददगार
एक अध्ययन के अनुसार, गुलाबी अमरूद का इस्तेमाल डेंगू को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। इसमें संतरे के मुकाबले दोगुना विटामिन सी भी होता है। अगर आपको शुगर या स्टार्च कम लेना है, तो गुलाबी अमरूद खा सकते हैं। क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा कम पाई जाती है।

वजन घटाने में सहायक
गुलाबी अमरूद प्रोटीन, विटामिन और फाइबर इनटेक से समझौता किए बगैर आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है। अमरूद खाने के बाद पेट भी भर जाता है और कैलोरी भी कम लेनी पड़ती है। गुलाबी अमरूद में केला, सेब, संतरा और अंगूर जैसे दूसरे फलों के मुकाबले काफी कम शुगर होती है।
पेट दर्द में पहुंचाता है फायदा
नमक के साथ पके हुए गुलाबी अमरूद को खाने से आराम मिलता है। इसके पेड़ के 50 ग्राम पत्तों को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। अमरूद के पेड़ की पत्तियों को बारीक पीसकर काले नमक के साथ चाटने से भी आराम होता है। अमरूद के फल की फुगनी यानि कि इसके फल के नीचे वाले छोटे पत्ते में थोड़ी सी मात्रा में सेंधा नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट का दर्द खत्म हो जाता है। 250 ग्राम अमरूद भोजन करने के बाद कुछ देर बाद खाने से कभी पेट की कोई समस्या नहीं होती है। कब्ज की शिकायत रहने वाले लोगों को खाना खाने से पहले अमरूद खाना चाहिए।
बवासीर में असरदार
सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम गुलाबी अमरूद का नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। पके गुलाबी अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है। इससे बवासीर में काफी फायदा पहुंचता है। कुछ दिनों तक रोजाना सुबह खाली पेट 250 ग्राम अमरूद खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। बवासीर को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट गुलाबी अमरूद खाना सबसे अच्छा होता है।
दांतों के दर्द को भगाए
गुलाबी अमरूद को एंटीप्लाक एजेंट के रूप में पहचान मिली हुई है। यह प्लाक यानी कि दांतों पर जमने वाली बैक्टीरिया युक्त परत से दांतों की सुरक्षा कर सकता है। इस प्लाक को पीरियडोंटल डिजीज (मसूड़ों के संक्रमण) का एक जोखिम कारक कह सकते है।
स्किन चमकाएं और बॉडी डिटॉक्स करे
गुलाबी अमरूद स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद है। अमरूद एंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती है, जिससे वह फ्री-रेडिकल्स से लड़ता है। इसके अलावा बॉडी को डिटॉक्स भी करता है। आपको अगर ज्यादा भूख लगती है या मीठा खाने की क्रेविंग होती है, तो आप एक अमरूद खाना शुरू कर दें।
खाते वक्त थोड़ी सावधानी बरतनी जरूरी
हालांकि, अमरूद के गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हैं, लेकिन खाते वक्त थोड़ी सावधानी बरतनी जरूरी है। अमरूद के नुकसान से बचने के लिए इनका सेवन संतुलित मात्रा में करें।
– अमरूद में फाइबर पाया जाता है और शरीर में फाइबर की अधिक मात्रा पेट में ऐंठन और गैस की समस्या का कारण बन सकती है
– अगर किसी को किडनी से जुड़ी कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो डॉक्टर पोटेशियम का सेवन न करने की सलाह दे सकते हैं वहीं, अमरूद में अच्छी मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है इसलिए, अमरूद के सेवन से पहले अपने डॉक्टर से सलाह-परामर्श कर लें।
– गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताएं अमरूद खा सकती हैं। बस ध्यान रहे कि इसे अधिक मात्रा में लेने से पेट में गैस की समस्या हो सकती है।
गुलाबी और सफेद में ये है अंतर
गुलाबी और सफेद अमरूद में सबसे बड़ा अंतर रंग और स्वाद का होता है। बात अगर इनमें मौजूद पोषक तत्वों की करें तो उनमें भी काफी अंतर होता है। सफेद अमरूद में पानी की मात्रा अधिक तो शुगर और स्टार्च की मात्रा कम पाई जाती है। इसके अलावा गुलाबी अमरूद में बीज भी कम होते हैं। जबकि सफेद अमरूद में स्टार्च, शुगर अधिक पाया जाता है और इसमें बीज भी ज्यादा होते हैं। इसके अलावा सफेद अमरूद के गूदे में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी अधिक पाई जाती है।
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