भारतीय रसोई की शान है ये मसाला
भारतीय रसोई की शान ‘हल्दी’ अनेक रोगों में फायेमंद मानी जाती है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ‘हल्दी’ में खास औषधीय गुण होते हैं जो हमें खांसी-जुकाम, बुखार, चोट आदि में तुरंत लाभ देती है. इसे प्राकृति एंटीसेप्टिक माना जाता है, तभी तो दादी के नुस्खे में इसे सर्वोत्तम स्थान प्रदान किया गया है लेकिन सवाल उठता है कि क्या हल्दी, किडनी के लिए नुकसान दायक या लाभदायक, इस पर भी हेल्थ विशेषज्ञों में मतभेद है, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि हल्दी का सीमित सेवन किडनी के लिए लाभदायक है वहीं कुछ एक्सर्ट्स का मानना है कि हल्दी का सेवन किडनी के लिए हानिकारक है।
किडनी के कार्य में होता है सुधार
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि हल्दी क्रोनिक किडनी रोग और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों के लिए अत्यधिक फायदेमंद हो सकती है। इस मसाले का सीमित सेवन करने से किडनी को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। हल्दी सेहत के लिए वरदान साबित होती है। इसमें एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट्स समेत कई अन्य आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। इसके सेवन से शरीर में मौजूद टॉक्सिन यानी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। साथ ही किडनी भी सेहतमंद रहती है। इसके लिए हल्दी वाला दूध का सेवन कर सकते हैं।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हल्दी एक बेहद ही हेल्दी नेचुरल मसाला या हर्ब है. हल्दी से प्लाज्मा प्रोटीन में सुधार होता है और टी2डीएम के (Type 2 Diabetes Mellitus) रोगियों में सीरम यूरिया और क्रिएटिनिन के स्तर में कमी आती है. ऐसे में यह किडनी के कार्य में सुधार के लिए बेहद ही उपयोगी हर्ब साबित हो सकती है. हल्दी में सक्रिय यौगिक करक्यूमिन, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। इन सभी की वजह से किडनी में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है। अपने भोजन में हल्दी शामिल करना या गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से क्रिएटिनिन के लेवल को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा चूंकि हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, इसलिए यह शरीर को संक्रमण से लड़ने में भी मदद करती है।
किडनी में पथरी का कारण बनता है
वहीं कुछ एक्सपर्ट के अनुसार हल्दी के फायदे लेने के लिए आपको रोजाना एक टी स्पून हल्दी का सेवन करना चाहिए। लेकिन इससे अधिक हल्दी का सेवन करने से आपको लाभ की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है। हल्दी का सेवन अधिक करने से आपको पेट से जुड़ी समस्याएं और चक्कर भी आ सकते हैं। जिन लोगों को शरीर में बार-बार पथरी बनती है उन्हें हल्दी का सेवन हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए।
हल्दी के अंदर ऑक्सलेट मौजूद होता है। यह ऑक्सलेट कैल्शियम को शरीर में घुलने के बजाय बांधने लगते हैं। जिससे कैल्शियम अघुलशील होने लगता है। यह किडनी में पथरी का एक अहम कारण बनता है। ऐसे में हल्दी का अधिक सेवन करने पर समस्या और भी बढ़ सकती है। इसके अलावा पीलिया यानी ज्वाइंडिस रोगी को हल्दी न खाने की सलाह दी जाती है। इससे उनकी समस्या और बढ़ सकती है। पीलिया ठीक होने के बाद भी रोगी को अपने डॉक्टर से पूछकर ही हल्दी के सेवन करना चाहिए।
हल्दी सेवन के नुकसान
– हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कई बार पाचन संबंधित समस्याएं पैदा करता है। इसके अधिक सेवन से व्यक्ति को कई बार दस्त या उल्टी की समस्या होने लगती है। लेकिन यह समस्या केवल तभी होती है जब आप हल्दी का अधिक सेवन करते हैं।
– डायबिटीज रोगियों को अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। मधुमेह रोगियों को अपने आहार में बहुत सी चीजें खाने-पीने की मनाही होती हैं। ऐसे में अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो हल्दी के ज्यादा सेवन से बचें।
– शरीर में आयरन की कमी कई रोगों को जन्म देती है। ऐसे में हल्दी का अधिक सेवन करने से शरीर में आयरन अच्छे से एब्सॉर्ब नहीं हो पाता है। अगर आपके शरीर में पहले से ही आयरन की कमी है तो आप हल्दी का सेवन केवल तय मात्रा में ही करें। वरना यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
– हल्दी की तासीर गर्म होती है। ऐसे में उन लोगों को जिन्हें गर्मी की वजह से नाक से खून आने की शिकायत रहती है, उन्हें हल्दी का सेवन काफी कम मात्रा में करना चाहिए। हल्दी का ज्यादा सेवन इस समस्या को और बढ़ा सकता है।
हल्दी सेवन के लाभ
– हल्दी की तासीर गर्म होने की वजह से जुकाम में इसका सेवन करना फायदेमंद रहता है। हल्दी के धुंए को रात के समय सूंघने से जुकाम जल्दी ठीक होता है। हल्दी सूंघने के कुछ देर बाद तक पानी नहीं पीना चाहिए।
– सरसों का तेल, हल्दी मिलाकर सुबह-शाम मसूड़ों पर लगाकर अच्छी प्रकार मालिश करने तथा बाद में गर्म पानी से कुल्ले करने पर मसूड़ों के सब प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। हल्दी का गुण पायरिया के लिए फायदेमंद होता है।
– एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर कच्ची हल्दी पुरानी बीमारियों के खतरे को भी कम करने में मदद करती है। इसका सेवन करने के लिए सबसे पहले आप इसे पीस लें, फिर इसे गर्म पानी में मिलाएं। आप इसमें शहद भी डाल सकते हैं। अगर आप नियमित रूप से इस ड्रिंक को पीते हैं, तो इससे शरीर के टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकलते हैं। हल्दी का यह ड्रिंक डिटॉक्स ड्रिंक के रूप में काम करता है।
– कच्ची हल्दी पाचन को स्वस्थ रखती है। यह अपच और सूजन के लक्षणों को कम करने में भी मदद करती है। इससे आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। कच्ची हल्दी के सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वजन कम होने में भी मदद मिलती है।
नोट : उपरोक्त सलाह जानकारी देने के लिए की गई है WESTORY इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता। कोई भी उपाय अपनाने के पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
- Content Marketing : भारत में तेजी से बढ़ रहा है कंटेंट मार्केटिंग का क्रेज - January 22, 2025
- Black Magic Hathras: ‘काले जादू’ के नाम पर 9 वर्ष के बच्चे की बलि - January 18, 2025
- Digital Marketing: आपके व्यवसाय की सफलता की कुंजी ‘डिजिटल मार्केटिंग’ - January 18, 2025