M Karunanidhi : पूर्व सीएम एम करूणानिधि के शताब्दी समारोह में शामिल हुए रजनीकांत समेत कई अन्य सितारे
M Karunanidhi : तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम करूणानिधि की स्मृति में शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया। चेन्नई में हुए इस इवेंट को ‘कलैगनार 100’ नाम दिया गया। बता दें कि दिवंगत पूर्व सीएम करूणानिधि (M Karunanidhi ) अपने प्रशसंकों के बीच ‘कलैगनार’ नाम से जाने जाते थे। इस शताब्दी समारोह को तमिल फिल्म प्रोड्यूसर्स काउंसिल द्वारा आयोजित किया गया था।
M Karunanidhi की स्मृति में आयोजित हुआ ‘कलैगनार 100’
पूर्व सीएम करूणानिधि राजनीती की दुनिया में कदम रखने से पहले सिनेमा जगत में काम करते थे। वे एक स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर जाने जाते थे। उन्हें कलैगनार नाम दिया गया था जिसका अर्थ होता है ‘कला का विद्वान या जानकार’. तमिल फिल्म प्रोड्यूसर्स काउंसिल द्वारा आयोजित ये इवेंट चेन्नई के रेस कोर्स में आयोजित किया गया था। जहाँ दक्षिण सिनेमा जगत के बहुत से सितारे शामिल हुए। जिनमे सुपरस्टार रजनीकांत, कमल हासन, नयनतारा,धनुष,कीर्ति सुरेश और वाडिवेलु समेत अन्य बहुत से जानी मानी हस्तियों ने शिरकत की।
रजनीकांत और कमल हासन ने याद किया कलैगनार को
कमल हासन और रजनीकांत के पूर्व सीएम एम करूणानिधि से अच्छे संबंध थे और वो उनके करीबी भी माने जाते हैं। एक वक्त था जब वो कई बार साथ में सिनेमा का लुत्फ़ उठाते थे। हालाँकि बाद में वो राजनीति के क्षेत्र में आ गए। रजनीकांत ने उन्हें इस अवसर पर याद करते हुए कहा कि यदि उन्होंने राजनीति की ओर रुख नहीं किया होता तो आज अब तक कई और शिवाजी और एमजी रामचंद्रन बनाए होते।
उधर, कमल हासन का कहना था कि उन्होंने सभी मौकों का इस्तेमाल किया और उन्हें देखकर उनसे बहुत कुछ सीखा। साथ ही वो आज तक इसका पालन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कलैगनार द्वारा जो उन्हें सम्मान दिया गया है वो उसके हमेशा आभारी रहेंगे।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एम करूणानिधि
दिवंगत एम करूणानिधि को कलैगनार यूँ ही नहीं कहा जाता। वो न सिर्फ कला की जानकारी रखते थे बल्कि स्वयं भी बहुत सी कलाओं को जानने वाले थे। उन्हें बहुमुखी प्रतिभा का धनी कहा जा सकता है। उनकी प्रतिभा को उनके जीवन के अलग अलग पड़ावों में देखा जा सकता है। वो न सिर्फ राजनीति में ही अव्वल थे बल्कि सिनेमा जगत में ही काफी जाना माना नाम थे।
एम करूणानिधि तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के एक छोटे से गाँव तिरुकुवालायि में जन्मे थे। उन्हें बचपन से ही राजनीति में रूचि थी जिसका परिचय उन्होंने 14 वर्ष में सामाजिक आंदोलन में भाग लेकर दिया। उन्हें संगीत और लेखन में भी रूचि थी जिसे सिनेमा जगत में किये गए कामों में देखा जा सकता है। करूणानिधि एक पत्रकार भी रह चुके हैं। उन्होंने एक समाचारपत्र की शुरुआत भी की थी, जो बाद में उनकी राजनीतिक पार्टी डीएमके का आधिकारिक समाचारपत्र मुरासोली बन गया।
करूणानिधि को एक मूर्तिकार भी कह सकते हैं। उन्होंने कन्याकुमारी में स्थित चट्टानों में से एक 133 फुट की तिरुवल्लुवर मूर्ती बनायी थी। बताते हैं कि इस मूर्ती की वजह से उनके शरीर के कई हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया था और वो बीमार भी हो गए थे।
तमिल सिनेमाजगत में नाटककार और पटकथा लेखक भी थे। उन्हने समाजवादी और बुद्धिवादी आदर्शों को बढ़ावा देने वाली, ऐतिहासिक और सामाजिक सुधार वाली कहानियां लिखने के लिए मशहूर हुए थे। उन्होंने 100 से अधिक कहानियां लिखी हैं।
उन्हें तमिल सिनेमा के दो बड़े सितारों शिवाजी गणेशन और एस एस राजेंद्रन से दुनिया को परिचित कराया। उन्होंने एम जी रामचंद्रन के साथ भी बहुत सी फिल्मे की है। इसके अतिरिक्त तमिल साहित्य में अपने योगदान के लिए मशहूर हैं करूणानिधि।
इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रउन्हें तमिल सिनेमा के दो बड़े सितारों शिवाजी गणेशन और एस एस राजेंद्रन से दुनिया को परिचित कराया। उन्होंने एम जी रामचंद्रन के साथ भी बहुत सी फिल्मे की है। इसके अतिरिक्त तमिल साहित्य में अपने योगदान के लिए मशहूर हैं करूणानिधि। खा जहाँ वो कभी भी कोई भी विधानसभा में चुनाव नहीं हारे। इसके अलावा उनके नाम काफी रिकॉर्ड हैं। साथ ही वो तमिलनाडु के सीएम रहे।
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