Ayodhya Ram Mandir Architecture: कैसे बिना किसी यंत्र के नापा था गर्भगृह
Ayodhya Ram Mandir Architecture: अयोध्या राम मन्दिर के Architecture: गुजरात के शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा ने वैसे तो किसी औपचारिक वास्तुकला स्कूल से शिक्षा नहीं ली हैं वे किसी भी औपचारिक स्कूल में नहीं गये पर इनकी सिल्प्करिता की चर्चा दुनिया भर मे है। इन्होने यह सब अपने पूर्वजों और शास्त्रों से सीखा है। इनके परिवार का मानना है कि उनके पूर्वजों को मंदिर निर्माण की कला स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने सिखाई थी। वे अपने काम को काम नहीं बल्कि पूजा मानकर करते है।
आयोध्या में राम मंदिर का काम जोरो- सोरो से चल रहा है। और आने वाले 22 january ,2024 को इसका उद्घाटन होने वाला हैं। ऐसे में पूरी अयोध्या अपने आराध्य के इंतज़ार में आँखे बिछाये बैठी है। और इस काम को पूरा करने में सोमपुरा परिवार ने एक अहम भूमिका निभाई है। 1989 में सोमपुरा परिवार के चंद्रकांत सोमपूरा ने राम मंदिर का नक्शा तैयार किया था हालांकि उस समय राम मंदिर का काम राजनितिक कारणों से शुरू नहीं हो पाया था पर आज इतने वर्षो बाद भी काम उसी नक्से के हिसाब से चल रहा है। इस नक्से पर उस समय विश्वहिंदू परिषद् और अनेक साधु संतो ने मोहोर लगाई थी। चंद्रकांत सोमपूरा ने इस नक्से को बनाने में कई सारे वेदों की सहायता ली थी। आज राम मंदिर का काम इन्हीं की देख रेख में आगे बढ़ रहा है।
सोमपुरा परिवार कौन है?
राम मंदिर के लिए डिजाइन गुजरात से आने वाले सोमपुरा परिवार ने तैयार किया है । यह परिवार गुजरात के भावनगर के पलिताना शहर से है। परिवार के 77 वर्षीय सदस्य चंद्रकांत सोमपुरा ने डिजाइन के काम को अंजाम दिया है। चंद्रकांत सोमपुरा ने सिल्पकारित में कोई विशेष डिग्री प्राप्त नहीं की है। इन्होने सब कुछ अपने पिता और दादा से सीखा है। इनके परिवार का मानना है कि उनके पूर्वजों को मंदिर निर्माण की कला स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने सिखाई थी।
सोमनाथ मंदिर का डिजाइन तैयार किया था:
साल 1951 में चंद्रकांत सोमपुरा के पिता प्रभाशंकर जी ने भी गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर का डिजाइन तैयार किया था। आगे चलकर प्रभाशंकर जी को उनके इस काम के लिए पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था।
इनके ही परिवार ने बनाया है मुकेश अम्बानी का मंदिर :
चंद्रकांत सोमपुरा के बेटे हैं आशीष, जिन्हे मिली थी राम मंदिर परियोजना कि जिम्मेदारी। आज वह देश विदेश में कई अहम प्रोजेक्ट्स में मुख्य भूमिका निभा रहे है। इतना ही नहीं आशीष को मुकेश अंबानी ने अपने घर “एंटिला” में निजी मंदिर बनाने का कार्य सोपा था।
विदेश में भी इनके परिवार ने कई मंदिर बनाये है :
लंदन में स्थित स्वामीनारायण मंदिर का डिजाइन भी इसी परिवार की ही देन है। इनका परिवार अब तक देश -विदेश में 200 से अधिक मंदिर की डिजाइन तैयार कर चूका हैं।
कैसे कदमों से मापा था गर्भगृह :
कई रिपोर्ट्स खुलासा करती है , कि चंद्रकांत सोमपुरा कई साल पहले अशोक सिंघल के साथ उस जगह गये थे , जहां आज राम मंदिर बन रहा है। लेकिन वहाँ के पुजारियों ने उन्हें जमीन मापने का टेप लेकर वहां प्रवेश नहीं करने दिया था। टेप के अभाव के चलते चंद्रकांत सोमपुरा ने पैरों से ही मापकर पूरी जमीन का सर्वेक्षण किया था और वो इतना सटीक था कि आज राम मंदिर का डिजाइन उसी आधार पर पर बन रहा है।
डिजाइन बनाने के बाद, चंद्रकांत उन्हें अशोक सिंघल और विश्व हिंदू परिषद के पास ले गए। उसके बाद एक लकड़ी का मॉडल बनाया गया और संतों को यह संरचना दिखाई गई। साधुओं द्वारा इस डिजाइन को मंजूरी मिलने के बाद हि इस डिज़ाइन को फाइनल किया गया। हालांकि उस डिज़ाइन में तब से आज तक कई सुधार हो चुके है।
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