Mission Lifestyle for Environment: नीति आयोग ने 7 श्रेणी की आदतों की सूची तैयारी की है
जीवन की छोटी-छोटी आदतों को बदलकर पर्यावरण में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। जलवायु परिवर्तन के खतरनाक असर को कम किया जा सकता है। हाल ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिशन लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट की शुरुआत की। इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए नीति आयोग ने पूरा प्रारूप तैयार किया है। इस पर अमल कर वर्ष 2027-28 तक कॉर्बन उत्सर्जन में 20 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है। नीति आयोग ने 7 श्रेणी की आदतों की सूची तैयारी की है, जिनमें बदलाव किया जा सकता है। इनमें ऊर्जा बचत, जल सुरक्षा, सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने, टिकाऊ खाद्य प्रणाली अपनाने, स्वच्छता अपनाने, स्वस्थ जीवनशैली और ई-वेस्ट को कम करने की आदतें शामिल हैं।
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- – एसी के तापमान को 24 डिग्री पर रखना
- – जहां तक संभव हो, सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करना
- – लाल बत्ती पर वाहनों को बंद करना
- – एलईडी बल्ब व ट्यूबलाइट का इस्तेमाल करना
- – जरूरत नहीं हो तो इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं को ऑफ रखना
- – कम पानी वाली फसल को अपनाना
- – बारिश के पानी को जमा करना
- – नल के पानी को बर्बाद होने से रोकना
- – पानी की छोटी-छोटी लीकेज को बंद करना
- – एसी व वाटर प्यूरीफायर से निकलने वाले पानी का इस्तेमाल
- – खरीदारी के लिए कपड़े के बैग का इस्तेमाल
- – समारोह को प्लास्टिक रहित बनाने की कोशिश
- – नीम के दातून व लकड़ी के टूथब्रश का इस्तेमाल
- – खाने में मोटे अनाज को अपनाना
- – घर, स्कूल व ऑफिस में किचन गार्डन बनाना
- – खाने के दौरान छोटी प्लेट का इस्तेमाल करना ताकि खाने की बर्बादी को रोका जा सके
- – पशु, खाद्य व कृषि से जुड़े कचरे को बायोगैस में इस्तेमाल करना
- – गीला व सूखा कचरा अलग-अलग करना
- – सार्वजनिक जगहों पर पालतू जानवरों को मल-मूत्र करने से रोकना

स्वस्थ्य जीवनशैली से जुड़ी हैबिट्स
- – पेड़-पौधे लगाना
- – ऑर्गेनिक फार्मिंग करना
- – ग्रीन क्लब का निर्माण
- – जानवरों की खाल जैसी चीजों से बनी वस्तुओं की खरीदारी को टालना
- – पास की ई-वेस्ट रिसाइकलिंग यूनिट में बेकार गैजेट्स को भेजना
- – रिचार्जेबल लीथियम बैट्री का इस्तेमाल करना
- – क्लाउड स्टोरेज को प्राथमिकता देना
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कुछ वर्षों में ऐसा दिखेगा असर
- – भारत की 1 अरब आबादी वर्ष 2022-23 से वर्ष 2027-28 तक ट्रैफिक लाइट और रेलवे क्रासिंग पर अपने वाहनों को बंद कर दे तो इससे 22. 5 अरब किलोवाट ऑवर (केडब्ल्यूएच) बिजली की बचत हो सकती है।
- – बेकार में चल रहे नल को बंद करने से 9 लाख करोड़ लीटर पानी की बचत हो सकती है।
- – खरीदारी के दौरान प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े के बैग के इस्तेमाल से 37. 5 टन कचरे को लैंडफिल में जाने से रोका जा सकता है।
- – बेकार पड़े गैजेट्स को पास के ई-रीसाइकलिंग यूनिट में देने से 7. 5 लाख टन ई-वेस्ट को रीसाइकिल किया जा सकता है।
- – घरों में खाने की बर्बादी को रोककर 15 अरब टन खाद्य पदार्थों को लैंडफिल में जाने से रोका जा सकता है।
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