Medical Emergency in Train: 58 तरह की दवाइयां, हर बड़े स्टेशन पर डॉक्टर उपलब्ध
इमरजेंसी के लिए ट्रेन के हर टीटीई को भी फर्स्ट एड की बुनियादी ट्रेनिंग दी जाती है। इसलिए अगर आपकी थोड़ी बहुत समस्या है तो टीटीई ही हल कर देगा। हाल के दिनों में जो नई प्रीमियम ट्रेनों की शुरुआत हुई है, उसमें अब कई सुविधाओं के साथ एक डॉक्टर की मौजूदगी की भी सुविधा मुहैया कराने की बात हो रही है ताकि किसी इमरजेंसी के समय ट्रेन में क्वालीफाइड डॉक्टर की सुविधा पायी जा सके।
जब भी ट्रेन में सफर करते हुए किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या से घिरें तो इस बात का भी ध्यान रखें कि हर ट्रेन में मेडिकल बॉक्स की सुविधा होती है। इसमें कई दर्जन आम दवाइयां और फर्स्ट एड बॉक्स का सामान मौजूद होता है। देश के विभिन्न रूटों पर चलने वाली 162 से ज्यादा ट्रेनों में सरकार ने आधुनिक मेडिकल बॉक्स लगाए हैं। इनमें 58 तरह की दवाइयां होती हैं। हर बड़े स्टेशन पर डॉक्टर भी उपलब्ध होता है। इसलिए अगर ट्रेन में तबीयत खराब हो जाती है तो अगले बड़े स्टेशन पर आपको डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है लेकिन यह सुविधा मुफ्त नहीं होती। इसके लिए आपको पैसे खर्च करने पड़ते हैं।

इमरजेंसी सेवाओं के बार में जानना जरूरी
ट्रेन के हर स्टेशन पर डॉक्टर की व्यवस्था नहीं होती, इसलिए टीटीई अगले बड़े स्टेशन पर आपके लिए डॉक्टर मुहैया कराने की व्यवस्था करता है जहां मरीज को स्टेशन के मेडिकल रूम में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। अगर तबीयत ज्यादा खराब हो जाए तो वहां के रेलवे अस्पताल या रेलवे का जिस अस्पताल के साथ संबंध होता है, यात्री को वहां एडमिट करवाया जाता है और उसके घर वालों को फोन करके वहां पहुंचने और उनकी देखभाल के लिए कहा जाता है।
अगर ट्रेन में सफर करते हुए कोई थोड़ी बहुत चोट लग जाए तो हर ट्रेन में फर्स्ट एड बॉक्स होता है। आमतौर पर रेलवे के कर्मचारी इतने असहयोगी किस्म के होते हैं कि अगर आपको अपने इन अधिकारों के बारे में नहीं पता और आप टीटीई सहित शिकायत संबंधी ऑनलाइन व्यवस्थाओं को नहीं जानते तो रेलवे के कर्मचारी खुद आपके पास आकर आपको इन सब सुविधाओं के बारे में नहीं बतायेंगे। इसलिए ट्रेन में यात्रा करने वाले हर व्यक्ति को इन स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी सेवाओं के बारे में जानना चाहिए।
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पहचान का खुलासा नहीं करते डॉक्टर
रेलगाड़ी में एक अनौपचारिक व्यवस्था यह भी होती है कि टिकट रिजर्वेशन के समय फॉर्म में पूछा जाता है कि क्या आप डॉक्टर हैं? अगर टिकट लेने वाले डॉक्टर ने फॉर्म में बताया होता है कि हां, वह डॉक्टर है तो सफर कर रहे डॉक्टर के द्वारा भी इमरजेंसी के समय मेडिकल असिस्टेंस दी जा सकती है लेकिन यह सुविधा इसलिए कारगर नहीं है कि ट्रेन में सफर कर रहे डॉक्टरों को उनकी इस विशेषज्ञ सुविधा को हासिल करने के एवज में रेलवे उन्हें कोई फायदा नहीं पहुंचाती।
इसलिए डॉक्टर आमतौर पर ट्रेन में सफर करते हुए अपनी पहचान का खुलासा नहीं करते कि वे डॉक्टर हैं। रेलवे को चाहिए कि वह रेलगाड़ी में सफर करने वाले हर क्वालीफाइड डॉक्टर को 10 फीसदी किराये में छूट दे। अगर रेलवे ऐसा कदम उठाए तो सफर कर रहे यात्रियों को साथ में सफर कर रहे डॉक्टर से प्राथमिक दर्जे की परामर्श सुविधा तो मिल ही सकती है।

इमरजेंसी में ट्रेन को रोकने की व्यवस्था
अगर कभी किसी यात्री का अचानक स्वास्थ्य ज्यादा खराब हो जाए तो ट्रेन को रोकने और तुरंत संभव मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था है। इसके लिए अभी तक 100 रुपये की फीस है लेकिन सुनने में आ रहा है कि बहुत जल्द ही यह फीस 500 रुपये होने वाली है। हालांकि अब पहले की तरह रेलगाड़ी मरीज के स्वस्थ होने का इंतजार नहीं करती बल्कि उसे स्टेशन में मेडिकल सुविधा के सुपुर्द करके ट्रेन आगे बढ़ जाती है।
बहरहाल जिस तरह से रेलगाड़ी का सफर लगातार मध्यमवर्गीय सुविधाओं से लैस हो रहा है, उससे जल्द ही वह दिन आयेगा जब हर ट्रेन में कम से कम एक डिब्बा मेडिकल संबंधी सुविधाओं का हो सकता है। भले इसके लिए एक तयशुदा फीस ली जाए लेकिन यह फीस देने से ज्यादातर लोगों को दिक्कत नहीं होगी।
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हेल्पलाइन नंबर की सुविधा
अगर रेलगाड़ी में सफर करते हुए अचानक तबीयत खराब हो जाए तो ट्रेन में डॉक्टर की फैसिलिटी मिलती है मगर यह बात बहुत कम लोगों को पता होती है। चलती ट्रेन में डॉक्टर की सुविधा पाने के लिए सबसे पहले आपको रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 138 पर कॉल करना होगा। अगर 138 पर कोई फोन न उठा रहा हो या किसी वजह से बात न हो पा रही हो तो ट्रेन के टीटीई या ट्रेन के दूसरे कर्मचारियों की भी इस संबंध में मदद ली जा सकती है।
आपके लिए रेलवे के ये कर्मचारी डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। अगर आप सोशल मीडिया में सक्रिय हैं तो ट्विटर पर आईआरसीटीसी को टैग करते हुए अपना पीएनआर नंबर तथा अपनी परेशानी डिटेल में लिख दीजिए। अगर परेशानी संबंधी डिटेल लिखना संभव नहीं है तो सिर्फ इतना लिख दीजिए ‘प्लीज मेडिकल हेल्प’। जल्द ही आप से कोई न कोई रेलवे का कर्मचारी संपर्क करेगा। अगर फोन में ही बात करना हो और 138 नंबर पर किया गया कॉल नहीं लग रहा तो आप 9794834924 नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं। यहां से आपकी कॉल तुरंत ली जाएगी।
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