PM Kisan Samman Nidhi Yojana: देश के 9.3 करोड़ किसानों को फायदा होगा
PM Kisan Samman Nidhi Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे कार्यकाल के पहले दिन ही अपनी कलम से पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त जारी करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही किसान कल्याण के लिए केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 20 हजार करोड़ रुपए जारी कर दिए गए। प्रधानमंत्री के इस फैसले से देश के 9.3 करोड़ किसानों को फायदा होगा। किसान कल्याण निधि की इस किस्त के साथ ही किसानों के खाते में जल्द ही 2 हजार रुपए की राशि पहुंच जाएगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। राजग सरकार कृषि क्षेत्र के लिए और भी बेहतर काम करती रहेगी।
कांग्रेस ने निशाना साधा
प्रधानमंत्री के इस फैसले पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। विपक्षी दल ने कहा है कि तीसरे कार्यकाल के पहले दिन ही समाचार पत्रों की सुर्खियां बटोरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त जारी करने का आदेश दिया है। इसका ढिंढोरी पीटा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधिवत अपना कार्यभार संभाला। वह साउथ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय पहुंचे।

जहां अधिकारियों ने उनका करतल ध्वनि के साथ स्वागत किया। अधिकारियों का अभिवादन स्वीकार करने के बाद प्रधानमंत्री ने पीएम किसान निधि की फाइल मंगाई और उस पर हस्ताक्षर किया। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसान और आमजन के कल्याण से जुड़ी योजनाओं पर तेजी से काम जारी रहना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए।
आदर्श आचार संहिता की वजह से देरी
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि एक तिहाई प्रधानमंत्री का हेडलाइन मैनेजमेंट और पीआर अभियान तीसरे कार्यकाल के पहले दिन से फिर शुरू हो गया है। इस बात को लेकर ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि उन्होंने पदभार ग्रहण करने के बाद पहली फाइल पर हस्ताक्षर पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त प्रदान करने के लिए किया है। लेकिन सच्चाई ये है कि यह किस्त पहले ही मिल जानी चाहिए थी।
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उन्होंने कहा कि पीएम किसान निधि की 16वीं किस्त जनवरी 2024 में मिलने वाली थी। लेकिन प्रधानमंत्री को चुकी चुनावी लाभ लेना था। इस कारण उन्होंने एक माह देरी से इसे जारी किया। जबकि पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त अप्रैल/मई 2024 में मिलने वाली थी। लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण इसमें देरी हुई। यह सब सोची समझी रणनीति के तहत किया गया है।
बहुत बड़ा उपकार नहीं किया
जयराम ने कहा कि एक तिहाई प्रधानमंत्री ने इस फाइल पर हस्ताक्षर करके किसी पर बहुत बड़ा उपकार नहीं किया है। ये उनकी सरकार की अपनी ही नीति के मुताबिक किसानों के वैध अधिकार हैं। उन्होंने सामान्य और नियमित रूप से होने वाले प्रशासनिक निर्णयों को लोगों को दिए जाने वाले बड़े उपहार के रूप में प्रचारित करने की आदत बना ली है। जाहिर है कि वह अब भी खुद को जैविक नहीं, बल्कि दैवीय शक्ति मानते हैं।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री वास्तव में किसानों के कल्याण को लेकर चिंतित होते तो वह किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलाते। स्वामीनाथन फार्मूल के अनुसार एमएसपी की कानूनी गारंटी किसानों को देने का काम करते। इसके साथ ही सरकार किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने का काम करती और फसल नुकसान पर 30 दिन के भीतर किसानों के खाते में बीमा भुगतान का पैसा सीधा ट्रांसफर किया जाता।
24 फरवरी, 2019 को हुई थी शुरुआत
केंद्र सरकार देश के किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना चला रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 24 फरवरी, 2019 को हुई थी। इससे पहले पीएम किसान योजना के तहत देश के करोड़ों किसानों को चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले फरवरी महीने की 28 तारीख को 16वीं किस्त के पैसे बैंक खातों में भेजे गए थे. पीएम किसान सम्मान योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में यह राशि एकमुशत नहीं बल्कि 2000-2000 रुपए की तीन समान किश्तों में भेजी जाती है। आप किसान पोर्टल पर जाकर अपने खाते में PM किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त के आने की स्टेटस चेक कर सकते हैं। यहां हम आपको बताएंगे कि आप कैसे कर सकते हैं।
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जानबूझ कर नहीं कराई देशव्यापी जनगणना
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस ने उनके खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानबूझ कर अब तक देशव्यापी जनगणना नहीं कराई है। जबकि यह हर 10 साल पर होनी चाहिए । विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री से सवाल किया है कि वह आम जनता को बताएं कि सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए हर दस साल पर होने वाली देशव्यापी जनगणना कब होगी।

– कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार हर दस साल में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक देशव्यापी जनगणना करवाती है। पिछले रिकॉर्ड के हिसाब से जनगणना 2021 में होना था। लेकिन नरेंद्र मोदी ने इसे अब तक नहीं करवाया है।
– 2021 में जनगणना न होने का एक दुष्परिणाम यह है कि कम से कम 14 करोड़ भारतीय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं।
– एक तिहाई प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द देश को बताना होगा कि अपडेटेड जनगणना कब कराई जाएगी। जयराम रमेश ने कहा कि वर्ष 1951 से दशकीय जनगणना ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या पर डेटा दिया है।
– अपडेटेड जनगणना में ओबीसी के रूप में वर्गीकृत समुदायों की जनसंख्या पर भी डेटा दिया जाना चाहिए। ऐसा होने से हमारे गणतंत्र के संविधान में निहित सामाजिक न्याय को सही अर्थ मिलेगा।
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