Indian Premier League: 60 से 70 करोड़ लोगों की अजीविका जुड़ी
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी )मानती है कि आईपीएल ने क्रिकेट का इतिहास ही नहीं पूरा भूगोल ही बदल दिया है। यही वजह है कि दुनिया का कोई भी देश यहां तक कि पाकिस्तान भी कभी आईपीएल के आयोजन पर सवाल नहीं उठाता। पिछले दो दशकों में आईसीसी के सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 108 हो गई है। इसमें 12 पूर्ण सदस्य देश हैं और 96 एसोसिएट सदस्य देश हैं। आईपीएल के कारण इन एसोसिएट देशों में अब भरपूर क्रिकेट पहुंच गया है और सिर्फ खेल के जुनून या आकर्षण के चलते नहीं बल्कि आज की तारीख में पूरी दुनिया में क्रिकेट पर 10 लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजी रोटी मिल रही है और अप्रत्यक्ष रूप से क्रिकेट जैसे खेल के साथ 60 से 70 करोड़ लोगों की अजीविका जुड़ी हुई है।
क्रिकेट को इस विराट पैमाने तक पहुंचाने वाला टूर्नामेंट आईपीएल है। यह अकारण नहीं है कि आज दुनिया के सभी देशों के खिलाड़ी अपने देश की टीम में खेलने से तो एक बार इंकार कर देते हैं, लेकिन आईपीएल के लिए सोते समय भी तैयार रहते हैं। वेस्टइडीज, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया यहां तक कि क्रिकेट जिस इंग्लैंड में जन्मा है वहां भी आज खिलाड़ी आईपीएल खेलने को पहली प्राथमिकता देते हैं। दरअसल आईपीएल महज एक टूर्नामेंट नहीं है बल्कि बड़े पैमाने पर युवा खिलाड़ियों का शानदार भविष्य और वाइट कॉलर जीवनशैली का आनंद लेने वाले लोगों के लिए यह एक मनोरंजन का फूलफ्लैज्ड पैकेट है। यही वजह है कि आईपीएल का कारवां कभी रूकता नहीं और कभी रूकेगा भी नहीं। क्योंकि क्रिकेट का भविष्य इसी के कंधों पर टिका है।

दुनिया के 24 देशों तक पहुंचा क्रिकेट
आज अगर दुनिया के 24 देशों तक क्रिकेट पहुंच गया है और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल का लक्ष्य है कि साल 2040 तक आधी दुनिया में क्रिकेट को खेला जाए या क्रिकेट जैसे खेल में रूचि ली जाए, तो यह लक्ष्य आईपीएल जैसी लोकप्रिय लीगों के चलते ही संभव हो सकता है। आजतक आईपीएल के जो 16 सीजन हुए हैं, उन सबने न सिर्फ क्रिकेट को हर बार एक नये मुकाम तक पहुंचाया है। आईपीएल के हर सीजन के बाद दुनिया में क्रिकेट देखने वालों की संख्या में इजाफा होता है।
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साल 2008 के पहले पूरी दुनिया में क्रिकेट विश्व कप जैसे टूर्नामेंटों के भी एक समय में 10 करोड़ से ज्यादा दर्शक नहीं हुआ करते थे। लेकिन आज क्रिकेट खेलने वाले भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में ही एक मैच को देखने के लिए करीब ढाई अरब लोग होते हैं। जहां पहले वल्र्ड कप क्रिकेट को भी देखने के लिए 10 करोड़ लोग मुश्किल से मिलते थे, वहीं अब आईपीएल के हर मैच को आमतौर पर 10 करोड़ से ज्यादा लोग देखते हैं। वास्तव में आईपीएल ने विश्व क्रिकेट को मनोरंजन ही नहीं एक पुनर्जीवन दिया है।
दौलत और आकर्षण का संगम
आईपीएल जैसा टूर्नामेंट ही यह सुनिश्चित करता है कि दौलत और आकर्षण के मामले में दुनिया के सबसे ताकतवर देशों के बीच क्रिकेट मौजूद रहे। आज आईपीएल में न सिर्फ दुनिया के ज्यादातर टेस्ट खेलने वाले देशों के सौ से ज्यादा खिलाड़ी खेलते हैं बल्कि इन महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को मोटी कमाई होती है। आईपीएल के पूरी दुनिया में सजीव प्रसारण के चलते दुनिया के सभी महत्वपूर्ण क्रिकेट खेलने वाले देशों को हर साल हजारों करोड़ रुपये की आय होती है। इसलिए आईपीएल को स्थगित करने के लिए सोचा भी नहीं जाता। इसके पहले जब जब आईपीएल टूर्नामेंट किसी भी वजह से प्रभावित हुआ, तो उसे पलक झपकते ही किसी दूसरे देश में शिफ्ट कर दिया जाता है।

दुनिया का हर देश आईपीएल को आयोजित करने के लिए पलक पांवड़े बिछाये रहता है, क्योंकि इससे उसे जबरदस्त आय होती है। जैसे फुटबॉल को मालामाल और लोकप्रियता के शिखर तक ले जाने में यूरोपीय क्लबों की बड़ी भूमिका है, ठीक वैसी ही भूमिका क्रिकेट के लिए आईपीएल की है। आईपीएल के आयोजन का सम्पन्न होना या स्थगित होना सिर्फ भारतीय क्रिकेट के लिए ही मायने नहीं रखता बल्कि विश्व क्रिकेट का भविष्य भी आईपीएल जैसी लीग से जुड़ गया है। क्योंकि आईपीएल आज की तारीख में विश्व क्रिकेट का सबसे ताकतवर इंजन बन चुका है। यह आईपीएल टूर्नामेंट ही है जो दुनिया के फुटबॉल, टेनिस और बास्केबॉल जैसे महारथी खेलों के सामने क्रिकेट को पैर जमाये रखने की ताकत दी है वरना दुनिया के दूसरे तमाम खेल इन जाइंट्स किलर के सामने पस्त हो चुके हैं। आईपीएल जैसा टूर्नामेंट नहीं होता तो क्रिकेट की भी वही दुर्गति होती, जो आज दुनिया के स्तर पर हॉकी और मुक्केबाजी जैसे खेलों की है।
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