Mindfulness Therapy: 300 अरब डॉलर से ज्यादा का कारोबार
Mindfulness Therapy: रिसर्चर ने स्वीकार किया है कि हर तरह के तनाव में मेडिटेशन राहत पहुंचाता है। इससे हमारी मानसिक सेहत दुरुस्त होती है। यह भी इन्होंने माना है। एक आम आदमी को इससे बड़ा और सबूत क्या चाहिए कि मेडिटेशन का असर सुकून हासिल करने में होता है। यह हर तरह के तनाव से राहत देता है। यही कारण है कि आज पूरी दुनिया में एक अरब से ज्यादा लोग हैं जो सप्ताह में कम से कम एक दिन मेडिटेशन जरूर करते हैं। करीब 60 करोड़ लोग पूरी दुनिया में ऐसे हैं, जो हर दिन मेडिटेशन करते हैं। जाहिर है लोगों को इससे फायदा मिलता है। तभी तो मेडिटेशन दुनिया में आज 300 अरब डॉलर से ज्यादा का कारोबार बन चुका है।
पूरी दुनिया मानती है कि मेडिटेशन से लोगों की जिंदगी बदल जाती है। यह भी कि मेडिटेशन हमें स्वस्थ और तनाव रहित रहने में फायदेमंद है और आज की तारीख में भला कौन होगा, जो स्वस्थ नहीं रहना चाहेगा, जिसे सुकून नहीं चाहिए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल के सालों में मेडिटेशन के सबसे बड़े ब्रांड अंबेसडर बनकर उभरे हैं। सोशल मीडिया में अकसर उनकी ध्यान लगाने की फोटो आती रहती है। यही हाल हॉलीवुड की कई सेलिब्रिटीज का भी है, इस कारण भी मेडिटेशन का असर पूरी दुनिया में लगातार सकारात्मक ढंग से बढ़ रहा है।
तकनीकी विकास ने टाइम टेबल बदल दिया
तकनीकी विकास ने हमारे कामकाज के टाइम टेबल को उलट-पलट करके रख दिया है। पहले एक तय समय पर हम लोग काम करने जाते थे और उसके बाद काम को भूल जाते थे। मगर आज कुछ किसानों, मछुआरों और जिस्मानी काम करने वालों को छोड़ दें बाकी सबके के लिए 24 सौ घंटे कामकाज के हो गए हैं। इस तकनीक ने समय और दूरी दोनो को ही बेमतलब कर दिया है। आप अपने लैपटाॅप से दुनिया के किसी भी कोने में रहते हुए, किसी भी समय अपना काम कर सकते हैं।
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इस तरह की कामकाजी सुविधा ने हमें अत्यधिक तनाव और मानसिक अस्वस्थ का तोहफा दिया है। मेडिटेशन इस मानसिक अस्वस्थ में कारगर है। आज अगर पूरी दुनिया में लोगों को पार्कों, पहाड़ों, जंगलों, सुनसान इलाको, घरों और खास तरह की कक्षाओं में सुबह सवेरे ध्यान लगाते हुए देखा जाता है तो इसके पीछे सिर्फ यही वजह है कि मेडिटेशन हमें रोजमर्रा की जिंदगी की तमाम मानसिक परेशानियों से बचाता है। अगर हम उनसे घिरे हैं तो उनसे लड़ने में हमारी मदद करता है।
प्रोफेशनल को राहत माइंडफुलनेश थैरेपी से
मेडिटेशन से माइंडफुलनेश थैरेपी विकसित की गयी है, जिससे हर उस प्रोफेशनल को काफी राहत मिलती है, जो दिन रात तनाव के वातावरण में रहता है। आज दुनिया की एक दर्जन से ज्यादा बड़ी सेनाओं ने जिनमें अमरीका और भारत की सेनाएं भी शामिल हैं, इनके नौजवान तनाव से निपटने के लिए मेडिटेशन का सहारा लेते हैं। मेडिटेशन एक ऐसी ध्यान साधना के रूप में विकसित हुआ है, जिसका असर किसी इंजेक्शन या टेबलेट की तरह महज एक हफ्ते में दिखने लगता है। यह मेडिटेशन की इंसान की सेहत में कामयाब भूमिका का ही असर है कि आज दुनिया में एक दो नहीं छह तरह की मेडिटेशन थैरेपी या मेडिटेशन के प्रकार चलन में हैं।

सभी धर्म मेडिटेशन को अपना चुके
सबसे ज्यादा सचेतन ध्यान यानी माइंडफुलनेश मेडिटेशन लोग करना पसंद करते हैं। उसके बाद विपस्यना ध्यान, चक्रध्यान, ट्रांसडेंटल ध्यान और गाइडेड मेडिटेशन या निर्देशित ध्यान की प्रसिद्धि है। आज दुनिया के लगभग सभी धर्म मेडिटेशन को अपना चुके हैं। लेकिन हिंदू, बौद्ध,जैन और सिख धर्म में इसकी सबसे ज्यादा मान्यता है। दरअसल मेडिटेशन का जो एक सबसे सीधा और बुनियादी मतलब है वह है मन को शांत रखना तथा मस्तिष्क को चेतना से परिपूर्ण करना। मन और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में ध्यान या मेडिटेशन की अहम भूमिका है। इसलिए आज तमाम बहस मुबाहिशे के बाद भी हर दिन दुनिया के कोने कोने में 9 से 10 हजार लोग पहली पहली बार मेडिटेशन से आकर्षित होकर इसे अपनी जिंदगी में शामिल कर रहे हैं।
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