Uttar Pradesh Kanwar Yatra: योगी सरकार के फैसले विपक्ष ने भी साधा निशाना
Uttar Pradesh Kanwar Yatra: यूपी में कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों में दुकानदार को अपना नाम लिखना होगा। इसमें दुकान मालिक का नाम और डिटेल लिखी जाएगी। शुक्रवार को सीएम योगी ने यह आदेश दिया। सरकार का कहना है कि कांवड़ यात्रियों की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। यूपी के बाद उत्तराखंड के हरिद्वार में भी यह आदेश लागू कर दिया गया है। योगी सरकार के इस फैसले पर राजनीति घमासान शुरू हो गया है। यहां तक एनडीए के घटक दलों ने भी इस पर आपत्ति जताई है। इस साल कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी। यूपी में हर साल 4 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार से जल उठाते हैं।

फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए :
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा- इससे बड़ी कांवड़ यात्रा बिहार में निकलती है, वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है। पीएम मोदी की जो व्याख्या भारतीय समाज, एनडीए के बारे में है- ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’, यह प्रतिबंध इस नियम के खिलाफ है। इस पर पुनर्विचार हो तो अच्छा है।

JDU के बाद RLD ने भी उठाए सवाल
नीतीश कुमार की जदयू के सवाल उठाने के बाद अब जयंत चौधरी की रालोद ने भी सवाल खड़े किए हैं। योगी सरकार के आदेश पर रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा कि गांधी, चौधरी चरण सिंह और अन्य महानुभावों ने धर्म और जाति को पीछे रखने की बात कही है। अब नेता राजनीति में धर्म और जाति को आगे बढ़ा रहे हैं। त्यागी ने कहा कि मुझे लगता है कार्रवाई सही नहीं है। आप सड़क पर ठेलों पर किसी से अपना नाम क्यों लिखवाते हैं? उन्हें काम करने का अधिकार है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह परंपरा बिल्कुल गलत है।
यह ग्राहक पर निर्भर है, वे जहां चाहें वहां से खरीदारी कर सकते हैं। मैं राजनेताओं से पूछना चाहता हूं – क्या शराब पीने से आप धार्मिक रूप से भ्रष्ट नहीं हो जाते? क्या ऐसा तभी होता है जब आप मांस खाते हैं? तो फिर शराब पर रोक क्यों नहीं है? वे शराब के बारे में क्यों नहीं बोलते? क्योंकि व्यापार करने वालों की सांठगांठ है, यह ताकतवर लोगों का खेल है। ये छोटी-छोटी दुकानें गरीबों द्वारा लगाई जाती हैं। तो आप उन पर उंगली उठा रहे हैं। मैं मांग करूंगा कि शराब पर प्रतिबंध लगाया जाए।

धंधा हिंदुओं से करना चाहेंगे, पर नाम लिखने में शर्म आती है : भाजपा
भाजपा के प्रवक्ता प्रशांत उमराव उन्होंने बताया है कि कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखने क्यों जरूरी हैं। उन्होंने लिखा- कितने बेगैरत और बेशर्म लोग हैं। होटल, ढाबा का नाम हिंदू देवताओं के नाम पर रखेंगे। धंधा हिंदुओं से करना चाहेंगे, जिन्हें काफिर कहते हैं, लेकिन बोर्ड पर अपना नाम लिखने में शर्म आती है।
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माया ने फैसले का बताया असंवैधानिक
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस फैसले को असंवैधानिक बताया। कहा- यह फैसला चुनावी लाभ के लिए है। यह प्रयास धर्म विशेष के लोगों का आर्थिक बायकॉट करने का है। वहीं, यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा- यह अव्यावहारिक कार्य है। इसको तत्काल निरस्त करना चाहिए।

यूपी में ऐसे आदेश मौहाल बिगाड़ते हैं : अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- कोर्ट को इस मामले पर खुद एक्शन लेना चाहिए। ऐसे आदेश की जांच कराई जाए। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
जर्मनी में इसका नाम जुडेनबॉयकॉट था : ओवैसी
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक्सा पर लिखा- ठेले मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से किसी मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद लें। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथेड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम जुडेनबॉयकॉट था।

उत्तराखंड में भी होटल के बाहर लिखना होगा नाम
यूपी के बाद उत्तराखंड की हरिद्वार पुलिस ने भी होटल मालिकों को कांवड़ यात्रा मार्ग पर नाम लिखने के लिए कहा है। SSP पद्मेंद्र डोबाल ने बताया- कांवड़ मार्ग में पड़ने वाले होटल, ढाबे को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी दुकानों पर मालिक का नाम लिखेंगे। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।
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