Crude Oil Import – फिर भी सस्ता नहीं हो रहा पेट्रोल-डीजल
Crude Oil Import: भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल इंपोर्टर है। अपनी जरुरत का 85 फीसदी कच्चा तेल इंपोर्ट करता है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें भारत की इकोनॉमी पर खासा फर्क डालती हैं। कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होने से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा देखने को मिलता है और देश में महंगाई बढ़ती है। भारत में मार्च 2024 के बाद से देश के चारों महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। खास बात तो ये है कि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 4 साल के लोअर लेवल पर आ गई है। केंद्र सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए एक्साइज ड्यूटी में इजाफा कर दिया है। उसके बाद भी आम लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई कमी नहीं की गई।

उठे कई सावल
यही से बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जब कच्चे तेल के दाम चार साल के लोअर लेवल पर आ गए हैं, तो देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती क्यों नहीं की गई? अगला सवाल ये है कि क्या कच्चे तेल की कीमतों से ही पेट्रोल और डीजल के दाम तय होते हैं? क्या पेट्रोल और डीजल की कीमतों में डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू कितनी मायने रखती है? बीते चार साल में डॉलर के मुकाबले में रुपए की वैल्यू कितनी कम हो गई है? ये वो तमाम सवाल ये है, जो भले ही आम लोगों की जिंदगी से सीधे तो नहीं जुड़े हुए हैं, लेकिन उनकी जेब पर जरूर असर डालते हैं। आइए इसे विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर भारत में चार साल पहले पेट्रोल और डीजल के दाम कितने थे और अब जब कच्चा तेल चार साल के लोअर लेवल पर आ गया है, तो पेट्रोल और डीजल के दाम कम क्यों नहीं हो रहे हैं?
Read more: E-Commerce Market: भारत को ई-कामर्स बाजार खोलने अमेरिकी पहल

67 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार
इंटरनेशरनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम चार साल के लोअर लेवल पर है। आंकड़ों को देखें तो खाड़ी देशों का कच्चा तेल 1.28 फीसदी की गिरावट के साथ 67 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। जोकि करीब 4 साल के लोअर लेवल पर था। 19 अप्रैल 2021 को ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 67 डालर प्रत बैरल पर कारोबार कर रहे थे।

1.36 फीसदी की गिरावट
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी क्रूड ऑयल डब्ल्यूटीआई की बात करें तो मौजूदा समय में 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 63.80 डॉलर प्रति बैरल पर देखने को मिल रही है। जबकि 19 अप्रैल 2021 को अमेरिकी ऑयल के दाम 63.43 डॉलर प्रति बैरल पर देखने को मिल रहे थे। खास बात तो ये है कि मौजूदा साल में कच्चे तेल की कीमतें काफी नीचे आ चुकी है। जानकारों की मानें तो मौजूदा साल में कच्चे तेल के औसतन दाम 65-66 डॉलर प्रति बैरल के बीच में रहने आसार हैं।