Furniture Designing: नेतृत्व क्षमता और कम्युनिकेशन स्किल्स जरूरी है
आज के दौर में फर्नीचर डिजाइनिंग एक अलग क्षेत्र बनकर उभरा है। एक फर्नीचर डिजाइनर का काम सिर्फ फर्नीचर को डिजाइन करने तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि उसे अपनी कल्पनाशीलता का प्रयोग करके व क्लाइंट की जरूरत को समझ कर फर्नीचर तैयार करके देना होता है। मसलन, कुछ लोग लकड़ी तो कुछ लोग फर्नीचर में शीशे आदि का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं।
वहीं कुछ जगहों पर थीम बेस्ड फर्नीचर की डिमांड की जाती है। इसलिए एक फर्नीचर डिजाइनर का काम प्लानिंग से लेकर उसके एग्जीक्यूशन, आर्गेनाइजेशन व सुपरवाइजिंग तक होता है। सबसे पहले वह फर्नीचर को डिजाइन करने की प्लानिंग करता है, जिसमें बजट से लेकर फर्नीचर डिजाइन व क्वालिटी तक का ध्यान रखा जाता है और फिर वह उसका एग्जीक्यूशन करता है, जिसमें वह अन्य लोगों को नेतृत्व करते हुए बेहतरीन फर्नीचर तैयार करवाता है।
रचनात्मक व आर्टिस्टिक सेंस
एक फर्नीचर डिजाइनर का काम काफी विस्तृत होता है। एक फर्नीचर डिजाइनर को अपने काम व उसमें इस्तेमाल होने वाले पदार्थों की जानकारी तो होनी चाहिए ही, साथ ही उसका रचनात्मक व आर्टिस्टिक सेंस का होना बेहद जरूरी है। इसके अतिरिक्त एक फर्नीचर डिजाइनर को अपने काम के दौरान कई लोगों से संपर्क करना पड़ता है, इसलिए उसकी नेतृत्व क्षमता व कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होने चाहिए। अमूमन, फर्नीचर का डिजाइन पहले कंप्यूटर पर ही बनाया जाता है और क्लाइंट से अप्रूवल लिया जाता है, इसलिए उसे कंप्यूटर का इस्तेमाल करना भी आना चाहिए।
एक फर्नीचर डिजाइनर एक बेजान लकड़ी या धातु को एक आकर्षक रूप देता है, इसलिए उसमें वह सब गुण होने चाहिए जो एक आम-सी लकड़ी को खास बना सके। इन सबसे अतिरिक्त एक फर्नीचर डिजाइनर में मार्केटिंग स्किल्स व बिजनेस की भी अच्छी समझ होनी आवश्यक है। साथ ही उसका मार्केट में चल रहे नए ट्रेंड से अवगत होना भी जरूरी है।
दसवीं या बारहवीं पास होना जरूरी
इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए छात्रों का दसवीं या बारहवीं पास होना जरूरी है। जहां कुछ संस्थान दसवीं पास छात्रों को फर्नीचर डिजाइनिंग कोर्स में दाखिला देते हैं, वहीं कुछ संस्थानों में मिनिमम क्वालिफिकेशन 12वीं है। फर्नीचर डिजाइनर बनने के लिए छात्र फर्नीचर डिजाइनिंग का डिप्लोमा, सर्टिफिकेट या बैचलर डिग्री कोर्स कर सकते हैं।
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अवसरों की भरमार
चूंकि आजकल फर्नीचर को भी काफी तवज्जो मिलने लगी है, इसलिए छात्रों के पास अवसरों की कमी नहीं है। फर्नीचर डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद छात्र किसी डिजाइनर के साथ काम कर सकते हैं या किसी फर्नीचर डिजाइनिंग कंपनी में जॉब कर सकते हैं। वहीं थोड़े अनुभव के बाद आप खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं और विभिन्न ऑफिस, कॉरपोरेट कंपनियों, होटल्स या रेस्त्रां आदि के लिए फर्नीचर डिजाइन कर सकते हैं।
ये संस्थान कराते हैं कोर्स
– नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
– इंस्टीट्यूट ऑफ फर्नीचर डिजाइनिंग, पटियाला
– इंडियन प्लायवुड इंडस्टीज रिसर्च इंस्टीटयूट, बेंगलुरू
– गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक इंस्टीटयूट, चंडीगढ़
– एपीजे इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन, नई दिल्ली
– एक्स्टीरियर−इंटीरियर, विभिन्न केन्द्र
– साई स्कूल ऑफ इंटीरियर, नई दिल्ली
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