Pharma Industry – सबसे बड़ा निर्यात बाजार के रूप में उभरा, देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि
Pharma Industry: भारत का फार्मा निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 30 बिलियन डॉलर को पार कर गया, जिसमें अमेरिका देश के फार्मा निर्यात का एक तिहाई से अधिक हिस्सा रखने वाला प्रमुख बाजार बना हुआ है। यह देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। कहा जाए तो भारत की फार्मा इंडस्ट्री के लिए अमेरिका सबसे बड़ा निर्यात बाजार बनकर उभरा है। वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से फरवरी तक भारत ने अमेरिका को 9.8 अरब डॉलर की दवाएं निर्यात कीं, जो कुल फार्मा निर्यात का 36% से भी अधिक है। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन द्वारा आयात शुल्क बढ़ाए जाने की आशंका को देखते हुए अब भारतीय निर्यातक नए बाजारों की तलाश में जुट गए हैं। फार्मास्युटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका को निर्यात में 14% की ग्रोथ दर्ज की गई है। फार्मेक्सिल के वाइस चेयरमैन भाविन मेहता ने बताया नए बाजार में घुसपैठ आसान नहीं होती। इसमें कम से कम 1.5 से 2 साल का समय लगता है। अगर अभी शुरुआत भी हो, तो 2026 से पहले इसका असर दिखना मुश्किल है।

जोखिम के आधार पर मूल्यांकन शुरू
फार्मेक्सिल ने अब निर्यात बाजारों का जोखिम के आधार पर मूल्यांकन शुरू कर दिया है। इस महीने सरकारी अधिकारियों और निर्यातकों की बैठक संभावित है, जिसमें फोकस होगा- जोखिममुक्त और स्थायी निर्यात रणनीति पर। गुजरात के एक निर्यातक ने बताया कि अब फोकस है अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशियन देशों पर। छोटे और मध्यम निर्यातकों के लिए चुनौती है, लेकिन बड़े खिलाड़ी भी धीरे-धीरे इन नए बाजारों में सक्रिय हो रहे हैं। फार्मेक्सिल ने अफ्रीका को महत्त्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है। हाल ही में संगठन के नेतृत्त्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने तंजानिया, इथियोपिया और जांबिया का दौरा किया। अप्रैल से फरवरी 2025 तक भारत का कुल दवा निर्यात 6.95% बढ़कर 26.58 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। अनुमान है कि वर्षांत तक यह आंकड़ा 27 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
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टॉप लिस्ट में यूके, ब्राजील, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका भी शामिल
आधिकारिक व्यापार आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में फार्मा निर्यात 30,467.32 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2024 के 27,851.70 मिलियन डॉलर से 9 प्रतिशत अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, मार्च के महीने में फार्मा निर्यात में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने के 2,805.71 मिलियन डॉलर से बढ़कर 3,681.51 मिलियन डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 2025 में मूल्य के संदर्भ में अमेरिका को निर्यात 14.29 प्रतिशत बढ़कर 8,953.37 मिलियन डॉलर हो गया। पिछले वित्त वर्ष में भारत के फार्मा निर्यात में टॉप पर रहने वाले दूसरे देशों में यूके, ब्राजील, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका थे।

2026 में 9% वृद्धि होने की उम्मीद
इस बीच, पिछले महीने एक रिपोर्ट में कहा गया था कि घरेलू फार्मास्यूटिकल्स बाजार में वित्त वर्ष 2026 में सालाना आधार पर 8-9 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए इस क्षेत्र में वृद्धि सालाना आधार पर 7.5-8.0 प्रतिशत होगी। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर कृष्णनाथ मुंडे ने कहा, “इस क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024 में सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।” फरवरी में फार्मा बाजार ने सालाना आधार पर 7.5 प्रतिशत का राजस्व दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि कीमत और नए लॉन्च में बढ़ोतरी होने के कारण दर्ज की गई है। कीमत को लेकर सालाना आधार पर 5.2 प्रतिशत दर्ज की गई और नए लॉन्च को लेकर सालाना आधार पर 2.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जबकि वॉल्यूम वृद्धि सालाना आधार पर नकारात्मक 0.2 प्रतिशत बनी रही।
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फार्मा क्षेत्र 8 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ा
वित्त वर्ष 2025 में इस क्षेत्र ने औसतन 7.3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। इसमें मूल्य वृद्धि (5.5 प्रतिशत), नए लॉन्च की वृद्धि (2.7 प्रतिशत) और वॉल्यूम वृद्धि शामिल है। देश में फार्मा क्षेत्र में उत्पादन में तेजी देखी जा रही है। मैकिन्से एंड कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फार्मा क्षेत्र 8 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ा है और 2024 में निर्यात दरों में भी 9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश जेनेरिक दवाओं का दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर भी बन गया है, जिसकी फार्मा निर्यात वृद्धि दर 9 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी है।