Savji Dholakia : ‘डायमंड इंजीनियर’ नाम से मशहूर हैं हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स के फाउंडर सावजी धोलकिया
Savji Dholakia – डायमंड मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्ट कंपनी हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स के फाउंडर और चेयरमैन सावजीभाई धोलकिया शून्य से शिखर तक पहुंचने वाली शख्सियत हैं। सावजीभाई की कंपनी अपने अच्छी क्वालिटी के डायमंड के लिए दुनिया भर में जानी जाती है। कंपनी हर महीने 40 हजार और हर साल 5 लाख हीरे पॉलिश करती है।
वर्ल्ड रिकॉर्ड से लेकर लाखों पेड़ लगाने, 160 से ज्यादा झीलें बनवाने तक, एचके एक्सपोर्ट्स के नाम बहुत सारी उपलब्धियां हैं। सावजीभाई खुद सालों तक हीरा घिस्सू (हीरा घिसने वाले) कहलाए, लेकिन जब खुद की कंपनी खोली, तो हीरा तराशने वालों को सम्मानित ‘डायमंड इंजीनियर’ नाम दिया। उन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए भी शर्त रखी है कि फैक्ट्री में कोई भी पान-गुटखा-मसाला नहीं खाएगा।

12 साल की उम्र में पढ़ना छोड़ा
सावजीभाई धोलकिया का जन्म 12 अप्रैल 1962 को गुजरात के अमरेली जिले के दुधाला गांव में हुआ था। पिता किसान थे। घर की आर्थिक तंगी के चलते 12 साल की उम्र में पढ़ना छोड़ दिया। 1977 में साढ़े बारह रुपए लेकर अपने चाचा के पास सूरत आ गए। चाचा हीरा व्यापारी थे। उनके साथ डायमंड ट्रेडिंग की बारीकियां सीखीं। कुछ साल बाद सूरत में ही एक डायमंड वर्कशॉप में हीरा घिसने का काम शुरू किया।
उस समय सैलरी में महज 180 रुपए मिलते थे। यहां दस साल तक हीरा घिसने का काम करते रहे। सावजीभाई को लगा कि अगर खुद का हीरे घिसने का काम किया जाए तो ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है। चाचा से कुछ पैसे उधार लिए और अपने दोस्तों के साथ मिलकर हीरे की पॉलिशिंग का काम शुरू किया। उनका ये काम अच्छा चलने लगा।
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1992 में अलग कंपनी शुरू की
1992 में अपने भाई हिम्मत और तुलसी के साथ मिलकर हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स नाम से अलग कंपनी शुरू की। एक साल के भीतर ही कंपनी ने एक करोड़ का बिजनेस किया। 1995 तक कंपनी का टर्नओवर 13 करोड़ रुपए पहुंच गया। एक बार जब सावजीभाई सूरत से अपने गांव आए तो मां फूलीबेन धोलकिया ने उन्हें समझाया। मां ने कहा कि अगर पढ़ाई नहीं कर सकते तो कोई बिजनेस करो। मां की इच्छा थी कि सावजी एक अच्छा और बड़ा आदमी बने।
मां की बात सुनकर सावजीभाई ने फैसला किया कि वे उन्हें बहुत सारा पैसा कमाकर देंगे और अच्छा आदमी बनेंगे। एक इंटरव्यू में सावजी कहते हैं, ‘18 की उम्र में मां को 1 लाख रुपए कमाकर देने, अच्छा आदमी बनने और बड़ा आदमी बनने का वादा किया। कुछ समय बाद 1 लाख रुपए तो कमा लिए, लेकिन अच्छा और बड़ा आदमी बनने की बात हमेशा मेरे दिमाग में घूमती रही। यहां से मुझे पांच विचार आए। इन पांच बातों को अपने जीवन का सूत्र बना लिया। जिसके बाद जीवन भर इन पांच बातों को फॉलो करता रहा।

नया ज्वेलरी ब्रांड एचके ज्वेल्स भी लॉन्च
2001-02 तक कंपनी 0.18 सेंट्स से 0.98 सेंट्स के हीरे भी तराशने लगी। इसी साल कंपनी का टर्नओवर भी 100 करोड़ पार हो गया। 2002-03 में कंपनी की ग्रोथ 300 प्रतिशत रही। 2002 में कंपनी ने नया ज्वेलरी ब्रांड एचके ज्वेल्स भी लॉन्च किया। 2005 में सावजीभाई ने दो और नए ब्रांड लॉन्च किए। इनका नाम एचके डिजाइन और किस्ना डायमंड ज्वेलरी रखा।
किस्ना डायमंड ज्वेलरी भारत का सबसे बड़ा घरेलू डायमंड ज्वेलरी ब्रांड है, जिसके 29 राज्यों में 3000 से ज्यादा आउटलेट्स हैं। किस्ना ने कई पुरस्कार भी जीते हैं। 2008 में कंपनी ने सूरत में नया हरि कृष्णा कैंपस बनाया, जहां पर हीरे तराशे जाते हैं।

रेवेन्यू भी 10 हजार करोड़ से ज्यादा
हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स का रेवेन्यू भी 10 हजार करोड़ से ज्यादा का है। कनाडा, अमेरिका, अरब और यूरोप के देशों समेत दुनिया भर के 86 देशों में एचके एक्सपोर्ट्स का कारोबार फैला है। कंपनी में 8000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते है। इसके अलावा कंपनी को ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ सर्टिफिकेट भी मिला है। जिसका मतलब है कि कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी यहां के पॉजिटिव वर्क स्पेस की वजह से खुश है।
सावजीभाई ने 1995 में अपने कर्मचारियों को तीन कार दी थी। ये चर्चा में तब आए, जब इन्होंने 2016 में अपने कर्मचारियों को 1260 गाड़ियां, 400 से ज्यादा घर और ज्वेलरी सेट गिफ्ट किए। सावजीभाई का मानना है कि ये तोहफे कर्मचारियों को निष्ठा से संगठन के लिए काम करने का इनाम है, जिसकी वजह से उनकी कंपनी तरक्की कर रही है।
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4000 कर्मचारियों को गाड़ी और घर दिया
वे अब तक अपने 4000 कर्मचारियों को गाड़ी, 4000 कर्मचारियों को घर, महंगे आभूषण और बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट और इंश्योरेंस पॉलिसी गिफ्ट कर चुके है। 2018 में एचके एक्सपोर्ट्स ने 25 साल पूरा करने वाले अपने तीन कर्मचारियों को मर्सिडीज कार गिफ्ट की थी। इसमें हर एक कार की कीमत 1 करोड़ रुपए से ज्यादा थी। इतना ही नहीं, सावजीभाई अपनी कंपनी के कर्मचारियों को परिवार की तरह मानते हैं।
उनके पेरेंट्स को हर साल टूर पर भी भेजते हैं। करीब 30 साल से वह ऐसा करते आ रहे हैं। 2022 में राष्ट्रपति से पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद सावजीभाई के परिवार के सदस्यों ने 50 करोड़ का एक हेलिकॉप्टर इन्हें गिफ्ट किया। सावजीभाई ने वो हेलिकॉप्टर भी चिकित्सा और इमरजेंसी सर्विस के लिए दान कर दिया। सावजीभाई कहते हैं- आपको देना चालू करना चाहिए। अपने भाई को, कर्मचारियों को, पड़ोसी और राष्ट्र, सबको देना चाहिए।
आप जब देने लगेंगे तो आपको मिलना शुरू हो जाएगा। बच्चों को फैमिली बिजनेस जॉइन कराने से पहले बेसिक जॉब स्ट्रगल की ट्रेनिंग के लिए घर से दूर बिना साधन-सुविधा के भेजा जाता है। परिवार की शर्त होती है कि जहां भी जाएंगे, परिवार की पहचान नहीं बताएंगे।

बेटे द्रव्य ने पेस यूनिवर्सिटी से MBA किया
सामान्य व्यक्ति की तरह कपड़े पहनने होंगे। एक फीचर फोन दिया जाता है। सस्ती जगह पर रहना और खाना होता है। एक महीने में तीन नौकरियां तलाश करनी होती हैं। सावजीभाई धोलकिया के बेटे द्रव्य ने न्यूयॉर्क की पेस यूनिवर्सिटी से MBA किया है। द्रव्य पिता के साथ बिजनेस मीटिंग के लिए लंदन गए थे। पापा को पापड़ खाने का शौक है, इसलिए बेटे ने रेस्टोरेंट में खाने के साथ पापड़ भी ऑर्डर कर दिया। खाने के बाद जब बिल आया तो उसमें एक पापड़ की कीमत चार पॉन्ड (360 रुपए लगभग) दर्ज थी।
उस समय सावजी ने बेटे से कुछ नहीं कहा, लेकिन मन ही मन तय कर लिया कि बेटे को पैसे की कीमत समझाना जरूरी है। जब द्रव्य न्यूयॉर्क से सूरत लौटे तो सावजीभाई ने उन्हें फैमिली बिजनेस में शामिल करने की जगह फ्रेशर की तरह जॉब करने केरल के कोच्चि शहर भेज दिया। द्रव्य को 7000 रुपए सिर्फ इमरजेंसी में खर्च करने के लिए दिए। वहां उन्होंने मैकडॉनल्ड्स, एक जूते की दुकान और एक बेकरी में काम किया। द्रव्य ने कहा कि उन्हें वहां जाकर पता चला कि आम आदमी की जिंदगी क्या होती है, उन्हें लगभग 60 जगहों पर रिजेक्ट कर दिया गया था।

एचके डिजाइन ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
2023 में एचके डिजाइन ने एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था। कंपनी ने एक ऐसी अंगूठी बनाई थी, जिस पर 50 हजार से ज्यादा हीरे लगे थे। यह अंगूठी दुनिया में सबसे ज्यादा हीरे वाली अंगूठी है। इस पर 50907 हीरे लगे हैं। अंगूठी को बनाने में 9 महीने का समय लगा। यह पूरी अंगूठी रिसाइकल मटेरियल से बनी है। अंगूठी में 18 कैरेट रिसाइकल सोने का इस्तेमाल किया गया है। इसमें जो हीरे हैं, वे भी ग्राहकों के लौटाए हुए हैं।
अंगूठी का नाम यूटिएरिया रखा गया है। सावजीभाई की एचके एक्सपोर्ट समाज कल्याण के काम भी करती है। गुजरात के सौराष्ट्र इलाके में कंपनी ने 160 से ज्यादा तालाब बनवाए हैं। इन तालाबों से 300 से ज्यादा गांवों के ढाई लाख किसानों को फायदा हुआ है। इसी इलाके की गागड़ीया नदी को फिर से जीवित करने का काम भी सावजीभाई कर रहे हैं।

32 लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुकी है कंपनी
सावजीभाई का 2027 तक 100 बिलियन लीटर पानी संरक्षित करने का लक्ष्य है। कंपनी अब तक 32 लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुकी है। कंपनी ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ वर्क स्पेस कल्चर में ग्लोबल लीडर है। ये अन्य कंपनियों को अपने कर्मचारियों को पॉजिटिव वर्कस्पेस अनुभव देने में मदद करती है। जो कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क प्लेस पर अच्छा अनुभव और वर्क स्पेस देती हैं, उन्हें ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ सर्टिफिकेट दिया जाता है। ग्रेट प्लेस टू वर्क सर्टिफिकेशन पाने के फ़ायदे- यह प्रमाण पत्र, कंपनी की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। इससे कंपनी को नए कर्मचारी मिलने में आसानी होती है।
इससे कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की दर कम होती है। इससे कर्मचारियों में क्रिएटिविटी और कुछ नया करने की इच्छा बढ़ती है। दिवाली पर कर्मचारियों को महंगे गिफ्ट देने वाले सूरत के हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स के फाउंडर हीरा व्यापारी सावजीभाई धोलकिया अक्सर चर्चा में रहते हैं। वे अब तक अपने 4 हजार से अधिक कर्मचारियों को कार, फ्लैट्स, ज्वेलरी सेट, फिक्स्ड डिपॉजिट और इंश्योरेंस पॉलिसी दे चुके हैं।
हुरुन इंडिया की रिच लिस्ट के मुताबिक हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स के चार मालिकों की कुल संपत्ति 12 हजार 500 करोड़ है। सावजीभाई कहते हैं – मां का सपना पूरा कर दिया था। पैसा कमाकर अच्छा आदमी भी बन गया। जब पद्मश्री सम्मान मिला, तो बड़ा आदमी भी बन गया।