Budget For Education- दाखिले के लिए विद्यार्थियों को दस लाख रुपये का लोन
Budget For Education: केंद्रीय बजट में सरकार ने उच्च शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों को बड़ा तोहफा दिया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे जिले के छात्र अब अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। देश के विभिन्न संस्थानों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को दस लाख रुपये का लोन मिलेगा, जिसमें ब्याज पर वार्षिक तीन प्रतिशत छूट मिलेगी। इसके लिए ई-वाउचर स्कीम लाई जा रही है। नई व्यवस्था से जिले के हजारों छात्र अपना भविष्य संवर सकेंगे। केंद्रीय बजट में घोषणा हुई कि सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण देगी।

एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप
कुल 1000 आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा, पाठ्यक्रम सामग्री और डिजाइन को उद्योगों की कौशल आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाएगा। वित्त मंत्री ने आगे घोषणा की कि सरकार एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप प्रदान करेगी। इन प्रशिक्षुओं को 5000 रुपये वजीफा और 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता मिलेगी।
कंपनियां अपने सीएसआर फंड से लागत वहन करेंगी। केंद्रीय बजट 2024 के फरवरी संस्करण में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा था कि पिछले 10 वर्षों में उच्च शिक्षण संस्थानों और STEM पाठ्यक्रमों में महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसे उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का प्रभाव बताया।
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ई-वाउचर्स स्कीम
देश के अंदर शिक्षण संस्थानों में उच्च शिक्षा ले रहे छात्रों के लिए खास ई-वाउचर्स स्कीम लाई गई है। इस योजना के तहत छात्रों को शिक्षा लोन पर वार्षिक 3 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। एक लाख छात्रों को पढ़ाई के लिए 10 लाख तक का लोन लेने में मदद की जाएगी। ई-वाउचर्स फॉर एजुकेशन लोन व्यवस्था सराहनीय कदम है। उच्च शिक्षा में जीईआर (ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो) को बढ़ाने के लिए यह अच्छी शुरुआत है, जो वर्तमान में 28 प्रतिशत है। पहल से जिले के हजारों छात्रों अपनी पढ़ाई पूरी कर सपनों को साकार कर सकेंगे।

10 लाख रुपये तक के ऋण पर वित्तीय सहायता
आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्र भी अब उच्च शिक्षा हासिल कर अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे। LEO1 के एमडी और संस्थापक रोहित गजभिये का कहना है कि केंद्रीय बजट 2024-25 में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण पर वित्तीय सहायता का प्रावधान आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए शिक्षा की पहुंच बढ़ाने का लक्ष्य रखता है।
साफ पात्रता मानदंड और सही वितरण व्यवस्था की स्थापना महत्वपूर्ण होगी ताकि ये फंड वास्तव में जरूरतमंद छात्रों तक पहुंच सकें। शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन बुनियादी ढांचे और गुणवत्ता से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यदि इसे सही तरीके से लागू कियाv जाए, तो यह निवेश शैक्षणिक संस्थानों और छात्रों दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप योजना
रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन, जैसे नए कर्मचारियों के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, रोजगार सृजन और कार्यबल की भागीदारी को प्रोत्साहित कर सकते हैं। रोहित गजभिये का कहना है कि इसके अलावा, राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से एक नई केंद्रीय प्रायोजित कौशल योजना, शैक्षणिक परिणामों को बाजार की मांगों के साथ मिलाने का प्रयास करती है।
शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप योजना उद्योग और शिक्षा के बीच के अंतर को कम करने का प्रयास करती है, जिससे रोजगार योग्यता बढ़ती है। कुल मिलाकर, बजट में शिक्षा की सुलभता, पहुंच, बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण पर जोर भारत के मानव पूंजी विकास के लिए एक आशाजनक दृष्टिकोण को दर्शाता है। जबकि हमारा प्राथमिक ध्यान नवाचारी डिजिटल समाधान और कैशलेस कैंपस अनुभव प्रदान करने पर है, हम इन पहलों से शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र में संभावित तालमेल को पहचानते हैं।
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