ChatGPT-AI: मानव की तरह करता है संवाद
चैटजीपीटी एक डीप मशीन लर्निंग बेस्ड चैट बॉट है। इस पर आप जो सवाल पूछते हैं। उसका यह लगभग सटीक उत्तर देता है। हालांकि, कई बार चैटजीपीटी द्वारा दिए गए उत्तर में संदर्भों की कमी होती है। इसके उत्तर अधिकतर मामलों में एकदम सटीक होते हैं। यही वजह है, जिसके चलते महज कुछ ही दिनों में चैटजीपीटी पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका है। चैटजीपीटी से आप किसी गहरे दार्शनिक सवालों से लेकर अपनी छोटी छोटी समस्याओं के बारे में पूछ सकते हैं।
इस एआई चैटबॉट टूल की असीम संभावनाएं भविष्य में दिख रही हैं। इस चैट बॉट टूल से आप विभिन्न विषयों पर अच्छे और यूनिक आर्टिकल लिखवा सकते हैं। अगर आप एक ब्लॉगर हैं, तो ये चैट बॉट आपको एक एसईओ फ्रेंडली आर्टिकल लिखकर भी दे सकता है। इसके अलावा उसे आप कैसे सर्च इंजन पर रैंक करा सकते हैं। उसके लिए ये टूल आपको अच्छे कीवर्ड्स और यूआरएल भी देता है। गौरतलब बात है कि चैटजीपीटी की अभी बीटा टेस्टिंग चल रही है।
इस चैटबॉट में अभी भी कई तरह की खामियां हैं, जिन्हें आने वाले समय में ठीक किया जाएगा। चैटजीपीटी यानि चैट जेनरेटिस प्री-ट्रेएंड ट्रांसफॉर्मर। जिस तरह आप गूगल पर कुछ भी लिखते हैं और आपके सामने जवाब आते हैं। उसी तरह चैटजीपीटी पर सवाल करने पर आपको वो लिखकर जवाब देता है।

मानव की तरह करता है संवाद
चैटजीपीटी को Openai कंपनी ने तैयार किया है। ओपन एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर रिसर्च करने वाली कंपनी है। इसकी शुरुआत साल 2015 में एलन मस्क और सैम अल्टमैन ने मिलकर की थी। हालांकि, साल 2018 में एलन मस्क ने इस कंपनी को छोड़ दिया। इस कंपनी ने चैटजीपीटी को 30 नवंबर, 2022 के दिन लॉन्च किया। लॉन्च होने के महज पांच दिनों के भीतर ही 1 मिलियन से ज्यादा यूजर्स इससे जुड़ गए। चैटजीपीटी की सफलता को देखते हुए संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि निकट भविष्य में यह चैटबॉट गूगल को रिप्लेस कर सकता है।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि चैट जीपीटी के पास आपके हर सवालों का जवाब है। विचारणीय बात यह है कि अभी इस चैट बॉट को इंटरनेट के साथ जोड़ा नहीं गया है। उसके बाद भी ये प्रोग्राम ऑफलाइन होकर आपके सभी सवालों के जवाब दे रहा है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च फर्म ओपेनएआइ द्वारा विकसित चैटबॉट चैटजीपीटी एआइ का प्रयोग कर न केवल यूजर्स के तमाम प्रश्नों का जवाब देता है, बल्कि मानव की तरह संवाद भी करता है। यहां तक कि यह सवालों की वैधता और प्रासंगिकता को भी जांचता है। यह एक ऐसा पर्सनल ट्यूटर है, जिसे सभी विषयों का ज्ञाता माना जा सकता है।
ओपेनएआइ की वेबसाइट से होगा एक्सेस
इसे ओपेनएआइ की वेबसाइट से एक्सेस किया जा सकता है। अभी इसका कोई एप्लीकेशन नहीं है। हालांकि, यूजर्स के अनुभव को परखने के लिए चैटबोट का लिंक ओपेनएआइ के वेब पोर्टल पर उपलब्ध है। इसके लिए एंड्रायड स्मार्टफोन के वेब ब्राउजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिलहाल, एंड्रायड और आइफोन के लिए यह स्टैंडअलोन एप के रूप में उपलब्ध नहीं है। लाग-इन करने के लिए सबसे पहले ओपेनएआइ की वेबसाइट पर जाकर अकाउंट बनाएं, वेबसाइट के बैनर पर चैटजीपीटी के एक्सेस लिंक पर क्लिक करें।

इसके बाद ई-मेल आइडी और फोन नंबर से अपने अकाउंट को वेरिफाइ करें। सेटअप पूरा करने के बाद ‘प्लेग्राउंड’ आप्शन पर क्लिक करें। इस पर क्लिक करके आप अपने प्रश्नों को टाइप कर वार्तालाप शुरू कर सकते हैं। चूंकि यह रियल टाइम डेटा को अभी एक्सेस नहीं करता है, ऐसे में इससे अभी रियल टाइम में हो रही घटनाओं के बारे सहायता नहीं प्राप्त की जा सकती है।
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ऐसे हुई शुरुआत
इंटरनेट पर मौजूद जानकारी की मानें, तो चैट जीपीटी की शुरुआत साल 2015 में सैम ऑल्टमैन और एलन मस्क ने मिलकर की थी। तब यह एक नॉन-प्रॉफिट कंपनी थी, लेकिन 2017-18 के दौरान एलन मस्क इससे अलग हो गए। एलन मस्क के इस प्रोजेक्ट से अलग होने के बाद माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के मालिक बिल गेट्स ने इसमें बड़ा निवेश किया। कंपनी ने 30 नवंबर 2022 को इसे प्रोटोटाइप के तौर पर लॉन्च कर दिया। Open AI के चीफ सैम ऑल्टमैन ही हैं।
गूरल को खतरा
चैट जीपीटी से कोई भी सवाल किया जा सकता है और यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई के माध्यम से जवाब तैयार कर उसे यूजर्स के सामने रख देता है। गूगल पर अपने सवालों का उत्तर ढूंढ़ने के लिए हमें कई विकल्पों से होकर गुजरना होता है। ऐसे में सही जवाब तक पहुंचने के लिए हमें कई बार पांच से 10 वेबसाइटों से होकर गुजरना पड़ता है। वहीं, चैट जीपीटी आपके उन्हीं सवालों का जवाब सटीक ढंग से बिना किसी देरी के देता है। टेक इंडस्ट्री में गूगल की प्रतिस्पर्द्धी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने चैट जीपीटी पर 10 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया है। जाहिर है, गूगल को एआई बेस्ड इस टूल से खतरा महसूस हो रहा है।
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