Computer Engineering: ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन की रिपोर्ट में खुलासा
Computer Engineering: कंप्यूटर इंजीनियर विभिन्न क्षेत्र में काम करते हैं, जिनमें कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क और इंफ्रास्ट्रक्चर की डेवलपिंग और मैनटैनिंग शामिल है। एक कंप्यूटर इंजीनियर स्पेशल सोल्युशन या न्यू टेक्नोलॉजी बनाने के लिए कंप्यूटर हार्डवेयर डिजाइन करता है। एक कंप्यूटर इंजीनियर की जॉब में मुख्य रूप से डिटेल रिसर्च और डिजाइनिंग शामिल हैं। हाल ही में हुए सर्वे के अनुसार देशभर के इंजिनियरिंग कॉलेजों में अब पहली पसंद कंप्यूटर इंजिनियरिंग को देखा जा रहा है।
उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) 2021-2022 में बताया गया है कि कंप्यूटर इंजिनियरिंग में 12,91,103 स्टूडेंट्स का नामांकन है जबकि दूसरे नंबर पर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियरिंग में 6,05,023 स्टूडेंट्स हैं। इस तरह से देखें तो कंप्यूटर इंजिनियरिंग में इलेक्ट्रॉनिक्स की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा छात्रों के दाखिले हैं। इस तरह इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी स्ट्रीम में कंप्यूटर इंजिनियरिंग की मांग लगातार बढ़ रही है।
सबसे ज्यादा छात्र इसी स्ट्रीम में दाखिला ले रहे हैं। कंप्यूटर इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस के क्षेत्रों को जोड़ती है। एक कंप्यूटर इंजीनियर, कंप्यूटर आर्किटेक्चर के डिजाइन और हार्डवेयर एंड सॉफ्टवेयर के डिजाइन दोनों में शामिल होता है।

39.04 लाख स्टूडेंट्स का UG कोर्सेस में एडमिशन
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा 39.04 लाख स्टूडेंट्स ने इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी अंडरग्रेजुएट (UG) कोर्सेस में एडमिशन लिया था। इसके बाद 1.73 लाख स्टूडेंट्स ने पोस्ट ग्रेजुएशन(PG) और 52748 स्टूडेंट्स ने पीएचडी की पढ़ाई की थी। AISHE रिपोर्ट के मुताबिक इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी यूजी, पीजी, एमफिल और पीएचडी लेवल में कुल 41 लाख 31 हजार 303 स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया था। सबसे ज्यादा छात्रों का नामांकन कंप्यूटर इंजीनियरिंग में देखा गया। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और फिर मैकेनिकल इंजीनियरिंग सब-स्ट्रीम में एडमिशन हुए थे। साइंस-टेक्नोलोजी-इंजिनियरिंग एंड मैथमैटिक्स (STEM) में ग्रैजुएशन, पीजी, एमफिल और पीएचडी स्तर पर 98.49 लाख छात्रों के नामांकन है, जिसमें से 56.56 लाख पुरुष और 41.93 लाख महिलाएं हैं।
कंप्यूटर इंजीनियर के लिए जरूरी स्किल्स
कोडिंग: कोडिंग वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के प्रोफ़ेशनल्स सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम बनाते हैं। एक कंप्यूटर इंजीनियर को अपने करियर में सफल होने के लिए कोडिंग की जानकारी होनी चाहिए।
कम्युनिकेशन स्किल: कंप्यूटर इंजीनियर अक्सर सॉफ्टवेयर और डिबग प्रोग्राम विकसित करने के लिए टीमों में काम करते हैं। एक कंप्यूटर इंजीनियर को नए कर्मचारियों या अन्य इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने की भी आवश्यकता हो सकती है, जिसके लिए कम्युनिकेशन स्किल का होना जरूरी है।
प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल: अपने काम में कंप्यूटर इंजीनियर को बहुत सारी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। प्रोग्राम डिबग करना या गड़बड़ियों को खोज कर जल्द से जल्द ठीक करना उनकी जिम्मेदारी होती है। इसके लिए उन्हें सोल्युशन प्रस्तावित करने के लिए सक्षम होना जरूरी है।
रिसर्च स्किल: कोडिंग और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के बारे में अधिक सीखना रिसर्च से शुरू होता है। जब कंप्यूटर इंजीनियर को कुछ प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है, जैसे कि कौन से मेथड का उपयोग किया जाए, किस मेथड से सबसे अच्छा रिजल्ट मिल सकता है, तब उन्हें रिसर्च की अवश्यकता होती है। अतः कंप्यूटर इंजीनियर को जानकारी खोजने और एक्सप्लेन करने के लिए स्टेलर रिसर्च स्किल की आवश्यकता होती है
रेसिलिएंस: कई बार ऐसा होता है जब एक कंप्यूटर इंजीनियर का सुझाव टीम द्वारा उपयोग की जाने वाली विधि नहीं हो सकती है। कंप्यूटर इंजीनियर के लिए टेक्निकल नॉलेज महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें असफलताओं के बाद भी महान विचार प्रदान करना जारी रखने की अनुमति देता है।
सिक्योरिटी: कंप्यूटर इंजीनियर के लिए साइबर सिक्योरिटी को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे अक्सर उन कंपनियों और व्यक्तियों के लिए प्रोग्राम और सॉफ्टवेयर कोडिंग करते हैं जो अपनी जानकारी को निजी रखना चाहते हैं। अतः कंप्यूटर इंजीनियर के पास साइबर सिक्योरिटी की समझ होना ज़रूरी है।

अन्य इंजीनियरिंग फील्ड पर एक नजर
– इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट और कम्युनिकेशन सिस्टम जैसे पोर्टेबल म्यूजिक प्लेयर और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) डिवाइस समेत इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को डिजाइन और डेवलप करते हैं। कई लोग कंप्यूटर हार्डवेयर से जुड़े क्षेत्रों में भी काम करते हैं।
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– मैकेनिकल इंजीनियरिंग में फिजिकल मशीनों की पढ़ाई होती है जिसमें फॉर्स और मूवमेंट शामिल हो सकती है। यह एक इंजीनियरिंग ब्रांच है जो यांत्रिक प्रणालियों को डिजाइन, विश्लेषण, निर्माण और रखरखाव करने के लिए इंजीनियरिंग भौतिकी और गणित सिद्धांतों को सामग्री विज्ञान के साथ जोड़ती है।
– सिविल इंजीनियरिंग एक पेशेवर इंजीनियरिंग अनुशासन है जो सड़क, पुल, नहर, बांध, हवाई अड्डे, सीवेज सिस्टम, पाइपलाइन, इमारतों और रेलवे के संरचनात्मक घटकों जैसे सार्वजनिक कार्यों सहित भौतिक और प्राकृतिक रूप से निर्मित पर्यावरण के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव से संबंधित है।
– इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की नवीनतम शाखाओं में से एक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग उन डिवाइस, इक्विपमेंट और सिस्टम के डिजाइन, स्टडी और एप्लीकेशनंस से संबंधित है जो बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक का इस्तेमाल करते हैं।
– इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में कम्युनिकेशन, डेटा ट्रांसफर करने और सूचना को संसाधित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल है। इस कोर्स के बाद साइबर सिक्योरिटी, नैनो टेक्नोलॉजी, क्लाउड कम्प्यूटिंग, सॉफ्टवेयर डिजाइनर, डेटा साइंटिस्ट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्पेशलिस्ट, आईटी मैनेजर समेत कई फील्ड में करियर ऑप्शन होते हैं।
– आर्किटेक्चरल इंजीनियरिंग या वास्तुकला इंजीनियरिंग, जिसे बिल्डिंग इंजीनियरिंग के रूप में भी जाना जाता है। इसके बाद आप आर्किटेक्ट, आर्किटेक्चरल टेक्नोलॉजिस्ट, इंटीरियर डिजाइनर, बिल्डिंग सर्वेयर, टाउन प्लानर, प्रॉडक्शन डिजाइनर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर आदि में करियर बना सकते हैं।

– केमिकल इंजीनियरिंग के बाद आप एनर्जी इंजीनियरिंग, प्रोसेस इंजीनियरिंग, परमाणु इंजीनियरिंग, जैव प्रौद्योगिकी और पर्यावरण इंजीनियरिंग, कैमिकल प्लांट इंजीनियर आदि बन सकते हैं।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लक्ष्य रखा गया है कि 2035 तक उच्च शिक्षा में छात्रों का कुल नामांकन (GER) 50 प्रतिशत तक हो। इसके लिए डिस्टेंस एजुकेशन पर भी फोकस किया जा रहा है। इसके लिए एक नई यूनिवर्सिटी भी बनाई जा रही है। डिस्टेंस मोड में अभी 45.61 लाख छात्र हैं, जिसमें से 64.7 प्रतिशत ग्रैजुएशन और 26.6 प्रतिशत पीजी कोर्स कर रहे हैं। ग्रैजुएशन में रेगुलर पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या 28 लाख के करीब है, वहीं डिस्टेंस मोड में 30 लाख के आसपास छात्र रजिस्टर्ड हैं। पीजी में रेगुलर मोड में 10.99 लाख और डिस्टेंस मोड में 13.12 लाख छात्र पढ़ रहे हैं।
कोर्स छात्रों की संख्या
कंप्यूटर इंजीनियरिंग 12.91 लाख
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग 6.5 लाख
मैकेनिकल इंजीनियरिंग 5.74 लाख
सिविल इंजीनियरिंग 4.64 लाख
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 3.75 लाख
इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी 1.39 लाख
इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी 1.17 लाख
आर्किटेक्चर 78,009
केमिकल इंजीनियरिंग: 62,789
अन्य कोर्स 2.43 लाख
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