Scripps National Spelling Bee: ‘स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी’ का खिताब जीता
Scripps National Spelling Bee: अमेरिका में फ्लोरिडा के सातवीं कक्षा के 12 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी छात्र बृहत सोमा ने ‘स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी’ के टाईब्रेकर में 29 शब्दों का सही उच्चारण कर यह खिताब अपने नाम कर लिया और इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में छोटे नस्ली समूह के बच्चों का दबदबा कायम रखा। बृहत ‘स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी’ में विजयी हुए और उन्होंने 50,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक नकद एवं अन्य पुरस्कार अर्जित किए। इस साल की प्रतियोगिता टाईब्रेकर तक पहुंची, जिसमें बृहत ने 90 सेकंड में 29 शब्दों का सही उच्चारण करके फैजान जकी को हराया। भारतीय-अमेरिकी मूल के ब्रुहत सोमा 12 साल के हैं और सातवीं में पढ़ते हैं. बृहत के पिता श्रीनिवास सोमा तेलंगाना के नलगोंडा के रहने वाले हैं. ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी में हिस्सा लिया है. इससे पहले 2 बार प्रतियोगिता में शामिल हो चुके हैं. साल 2022 में 163वें और 2023 में वे 74वें और स्थान पर रहे थे. लेकिन इस बार खिताब रच कर इतिहास रच दिया है. बता दें कि इस कॉन्टेस्ट में 8 फाइनलिस्ट थे, जिनमें से 5 तो भारतीय-अमेरिकी मूल के ही थे. इस बार 228 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था.

20 शब्दों का सही उच्चारण
फैजान ‘लाइटनिंग राउंड’ में 20 शब्दों का सही उच्चारण कर पाये। बृहत का चैम्पियनशिप (प्रतियोगिता) शब्द ‘एब्सिल’ था, जिसे ‘पर्वतारोहण के दौरान ऊपर एक आगे निकले हुए हिस्से पर रस्सी के सहारे उतरना’ के रूप में परिभाषित किया गया है। टाईब्रेकर में बृहत पहले स्थान पर रहे और 30 शब्द पूरे करने के बाद ऐसा लगा कि उन्हें हराना असंभव होगा। शुरुआत में फैजान की गति अधिक असमान थी। उन्होंने 25 शब्दों का उच्चारण किया, लेकिन उनमें से चार गलत हो गए।
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एक भी शब्द नहीं चूका
आयोजकों ने कहा, “बृहत सोम की शब्दों पर अदभुत पकड़ है। 2024 स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी का चैंपियन। अविश्वसनीय याददाश्त वाला यह लड़का एक भी शब्द नहीं चूका और स्क्रिप्स कप घर ले जा रहा है। आयोजकों ने कहा, बृहत सोमा ने 30 में से 29 शब्दों का सही उच्चारण किया और प्रतिष्ठित चैंपियन का खिताब हासिल करने एवं 2022 में हरिनी लोगन द्वारा बनाए गए स्थायी स्पेल-ऑफ रिकॉर्ड को तोड़ने का प्रयास किया।

26 में से 22 शब्दों का सही उच्चारण
प्रतियोगिता के पहले ‘स्पेल-ऑफ’ के दौरान लोगन ने 26 में से 22 शब्दों का सही उच्चारण किया था। बी के कार्यकारी निदेशक कोरी लोफ्लर ने कहा, जैसे-जैसे प्रतियोगिता आगे बढ़ी, यह स्पष्ट हो गया कि फैजान और बृहत शब्दकोश को पढ़ने के लिए तैयार थे। इन दोनों प्रतियोगियों में से प्रत्येक को पूर्व निर्धारित शब्द सूची में से अधिक से अधिक शब्दों का उच्चारण करने के लिए 90 सेकंड का समय दिया गया था जबकि अन्य प्रतिभागियों को को अलग रखा गया। उन्होंने 90 सेकंड की अवधि में अपने सामने आए हर शब्द को सही ढंग से उच्चारण किया। प्रतियोगिता के दौरान बृहत के माथे पर सिंदूर का टीका लगा था जो शक्ति और पवित्रता का हिंदू प्रतीक है। उनके माता-पिता ने बताया कि बृहत को पवित्र हिंदू ग्रंथ भगवद गीता का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा याद था। बृहत ने कहा, जब मुझे एहसास हुआ कि मैं जीत गया हूं तो मेरा दिल बहुत तेजी से धड़कने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था कि मैं जीत जाऊंगा क्योंकि मैंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन हां, आप कभी नहीं जानते। मैं अभी भी उस पल को आत्मसात नहीं कर पाया हूं।

ढाई दशक से भारतवंशी बच्चों का वर्चस्व
ढाई दशक से स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में भारतवंशी बच्चों का वर्चस्व है, जबकि अमेरिका में भारतवंशी स्टूडेंट्स की तादाद 1% से भी कम है। फिर भी इस स्पेलिंग कॉम्पिटिशन में क्वॉलिफाई करने वाले 300 बच्चों में से हर साल 20% से ज्यादा भारतवंशी होते हैं। साल 2008 से लगातार भारतवंशी स्टूडेंट्स इसे जीत रहे हैं। भारतीय बच्चों की पढ़ाई मुख्य रूप से अंग्रेजी माध्यम से होती है। दूसरा, रटकर सीखने पर जोर दिया जाता है। पैरंट्स क्वॉलिटी एजुकेशन के साथ अनुशासन पर भी जोर देते हैं। चूंकि, स्पेलिंग बी के विजेता भारतीय मूल के रहे हैं। इसलिए इस प्रतियोगिता को हर साल जीतने का दबाव भी है। बच्चों को स्पेलिंग बी जिताने के लिए पूरा खानदान लग जाता है। मसलन- पहले के दौर में गुजराती मूल के एक बच्चे को प्रतियोगिता में जिताने के लिए उनके दादा-दादी ने भारत में पूजा रखवाई, मुफ्त खाना खिलाया। एक माता-पिता ने दूसरी भाषाओं से अंग्रेजी में आने वाले शब्दों को सिखाने के लिए फ्रेंच, जर्मन, इटैलियन टीचर रखे। प्रतियोगिता को रटंत विद्या कह आलोचक उपहास उड़ाते हैं। वहीं, विजेता कहते हैं कि जीत से हमें अनुशासित रहने, किसी मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली।
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पिछले साल भी दबदबा बरकरार रहा
पिछले साल भी प्रतियोगिता में भारतवंशी बच्चों का दबदबा बरकरार रहा। अमेरिकी राज्य फ्लॉरिडा के लार्गो निवासी 14 साल के देव शाह ने 11 अक्षरों वाले ‘सैममोफाइल’ शब्द की सही स्पेलिंग बताकर इस प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया। ‘सैमोफाइल’ रेतीले क्षेत्रों में पाए जाने वाले पौधे या जीव होते हैं। आठवीं के छात्र देव ने इस शब्द को लिखने के साथ ही मैरिलैंड के नैशनल हार्बर में इस प्रतियोगिता के फाइनल की ट्रोफी और 50 हजार डॉलर का पुरस्कार जीता था। 95वीं नैशनल बी प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचे 11 लोगों में 10 भारतवंशी थे। श्रद्धा रचमरेड्डी और सूर्या कापू 15 हजार डॉलर के पुरस्कार के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे। शाह तीसरी बार इस प्रतियोगिता में शामिल हुए। इससे पहले, वह 2019 और 2021 में शामिल हुए थे। कोविड के कारण 2020 में इस प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया गया था। शाह की जीत पर माता-पिता बेहद भावुक नजर आए।
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