Womens Skill: 87% महिला पेशेवर अपना कौशल बढ़ाने की इच्छुक
तकनीक के तेजी से बदलते युग में महिलाएं भी परिवर्तन के लिए तैयार हैं। भारत की 87 फीसदी महिला पेशेवरों का मानना है कि अपना कौशल बढ़ाने से उन्हें जॉब मार्केट में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। एमिरेट्स ग्लोबल वर्कप्लेस स्किल स्टडी 2023 के अनुसार देश के 20 बड़े और छोटे शहरों में भविष्य की चुनौतियों से निपटने और वर्कप्लेस में उच्च पदों पर अपना स्थान बनाने के लिए महिलाएं लगातार तकनीक संबंधी नए कौशल सीख रही हैं।
यह प्रतिशत देश में पुरुष पेशेवरों की रुचि की तुलना में महज एक फीसदी ही कम है। उच्च प्रबंधक पदों पर महिलाएं, पुरुष समकक्षों की तुलना में आगे की शिक्षा में अधिक निवेश करने के लिए तैयार हैं। जैसे महिला सीएक्सओ अपनी अपस्किलिंग पर औसतन आठ लाख रुपए से अधिक खर्च करने की इच्छा रखती हैं, जो पुरुष सीएक्सओ के सवा लाख रुपए के खर्च की तुलना में अधिक है। यह सकारात्मक बदलाव है क्योंकि पूर्व में हुए कई शोध पुष्टि करते हैं कि वर्कप्लेस पर असमानता को केवल तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं के कौशल को बढ़ाकर ही कम किया जा सकता है।
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ब्रेक से लौटने वाली पेशेवर हुईं सशक्त
अपग्रेड की ओर से जारी ‘इंडिया कॅरियर अपस्किलिंग रिपोर्ट’ के मुताबिक बीते पांच वर्षों में जिन महिला पेशेवरों ने अपस्किलिंग में निवेश किया, वे अपनी नई भूमिकाओं में पांच गुना अधिक समय तक रहीं। साथ ही नए कौशल ने महिला पेशेवरों को जॉब सिक्योरिटी के अलावा प्रमोशन भी प्रदान किया। वहीं अपस्किलिंग ने कॅरियर ब्रेक से वापस आने वाली महिलाओं (75%) को भी सशक्त बनाया, जिससे उन्हें ऐसे अवसर खोजने में मदद मिली जो उनकी पिछली भूमिकाओं के करीब थे या नए और अधिक स्थायी थे।
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सकारात्मक बदलाव से उद्योगों को मिलेगी बढ़त
कौशल संबंधी नए ज्ञान के लिए पुरुष कार्यबल छोटे कार्यक्रमों को प्राथमिकता दे रहा है (अधिकांश एक कार्यक्रम पर 2-3 महीने खर्च करने के इच्छुक), जबकि वरिष्ठता स्तर पर महिला पेशेवर अपस्किलिंग के लिए 4-6 महीने देने को तैयार हैं। इंडिया स्किल रिपोर्ट 2024 के अनुसार अपस्किल्ड महिला पेशेवरों की बढ़ती भागीदारी से उद्योगों को लाभ होगा क्योंकि पिछले 10 वर्षों में महिलाओं की रोजगार क्षमता में लगातार वृद्धि भारत के विकासशील श्रम बाजार में बदलाव का सकारात्मक संकेत है।