Stand-up Comedian, Vikram Poddar Boredroom : कॉमेडी कंपनी बनाई, करते हैं लाखों की कमाई
Stand-up Comedian, Vikram Poddar – राजस्थान के रहने वाले विक्रम पोद्दार कहते हैं कि कुमार मंगलम, आदित्य बिड़ला, अरुंधती भट्टाचार्य, रतन टाटा जैसे लोग भी मेरी कॉमेडी के दीवाने हैं और सालाना 50 लाख रुपए से ज्यादा टर्नओवर। विक्रम कहते हैं कि मैं तो हर मंच पर खुलकर कहता हूं कि कॉमेडी मेरे लिए धंधा है। क्योंकि मैंने इसकी शुरुआत शौक से नहीं की, मजबूरी में करना पड़ा। कहते हैं कि मैंने अब तक की अपनी लाइफ में अमीरी और गरीबी दोनों ही देखी हैं। जब सबकुछ ठीक था तो बहुत पैसे थे, जब हालात बिगड़े तो दो जून की रोटी पर भी आफत आ गई थी। तब विक्रम की उम्र तकरीबन 14 साल रही होगी। जैसे-तैसे पढ़ाई पूरी करने के बाद विक्रम ने पहली नौकरी आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल फंड में की।
इसके बाद एवलान, इन्वेस्टमेंट बैंकिग समेत कई कॉर्पोरेट हाउसेज में काम किया और मार्केटिंग की अच्छी-खासी समझ डेवलप कर ली। इसी बीच साल 2012 में उनके पिता को ब्रेन हेमरेज हो गया। साथ ही विक्रम की नौकरी भी छूटने की कगार पर आ गई। नौकरी बचाने के लिए थॉम्स कुक इंडिया की डील ब्रेक करने का टास्क मिला। कई दिनों तक उन्होंने दिन-रात मेहनत की और वे इस डील को पूरा करने में कामयाब रहे। तब करीब 176 मिलियन डॉलर डील उन्होंने की थी।

पहली स्पीच ठीक-ठाक पसंद की गई
विक्रम कहते हैं कि तब नौकरी तो बच गई, लेकिन आगे की लाइफ के लिए एक बड़ी सीख भी मिल गई कि कुछ एक्सट्रा नहीं किया तो किसी भी दिन ये नौकरी जा सकती है। इस वजह से अक्सर वे परेशान रहने लगे। कई बार काफी स्ट्रेस में आ जाते थे। जब विक्रम के पिता को यह बात पता चली तो उन्होंने सुझाव दिया कि तुम अच्छा बोलते हो। तुम्हें पब्लिक प्लेटफॉर्म पर स्पीच देनी चाहिए। इससे मन भी बहलेगा और कुछ नया करने को भी मिलेगा। इसके बाद विक्रम ने एक टोस्ट मास्टर में हिस्सा लिया। उनकी पहली स्पीच ठीक-ठाक पसंद की गई। फिर वे अक्सर टोस्ट मास्टर में जाने लगे। वहां उनके कई नए दोस्त बने। कई लोग उनसे कहने लगे कि यार तुम बहुत फनी बोलते हो।

कॉमेडी स्टोर में हिस्सा लेने का मौका
विक्रम कहते हैं कि उन दिनों मुंबई में कॉमेडी स्टोर का बहुत बोलबाला था। यहां सिर्फ फॉरेनर्स ही कॉमेडी शो किया करते थे। इसके मालिक डॉन वार्ड की बेटी शारलेट इसका कामकाज देखा करती थीं। शारलेट ने स्थानीय कॉमेडियंस को भी कुछ मिनट का स्लॉट देना शुरू किया था। मैंने तय किया कि इस शो में भी परफॉर्म किया जाए, लेकिन यहां एंट्री आसान नहीं थी। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार विक्रम को कॉमेडी स्टोर में हिस्सा लेने का मौका मिल गया। शुरूआत में वे बच्चों वाले जोक सुनाया करते थे। कुछ दिनों बाद विक्रम को पता लगा कि एक साथी कलाकार डेनियल ने कॉमेडी के लिए नौकरी छोड़ दी। तब विक्रम को रियलाइज हुआ कि इसमें पैसा काफी है, तभी लोग नौकरी छोड़ रहे हैं।
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अच्छी खासी पहचान बन गई
अब तक विक्रम की अच्छी खासी पहचान बन गई थी और देश के टॉप 50 अंग्रेजी स्टैंडअप कॉमेडियन में शामिल हो चुके थे। इधर विक्रम के बॉस ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। यानी अब नौकरी करना मुश्किल हो रहा था। कुछ वक्त बाद नौकरी चली भी गई। इसी बीच एक दिन उनके पास कॉर्पोरेट ट्रेनिंग के लिए कॉल आया। एक कंपनी के कर्मचारियों को स्पीकिंग स्किल की ट्रेनिंग देनी थी। यहां से उनके दिमाग में नया बिजनेस मॉडल घूमने लगा। वे कहते हैं कि तब मैंने तय किया कि अब कॉर्पोरेट सेक्टर में घूसना है। सिर्फ कला से पेट नहीं भरेगा, इसे बेचना पड़ेगा। यहां से उन्होंने कॉमेडी को बिजनेस के रूप में आगे बढ़ाना शुरू किया।
अपने काम को निखारने के लिए हर छोटे-बड़े कॉमेडियन की परफॉर्मेंस देखनी शुरू कर दी। अलग-अलग तरह की किताबें पढ़ने लगे। कॉर्पोरेट सेक्टर के लोगों से मिलने लगे। उनकी पार्टीज में जाने लगें। उनके साथ घंटों बिताने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने समाज के हर तबके के आदमी के साथ उठना बैठना शुरू किया। जैसे पलंबर, बिजली वाला, रिक्शा वाला, टैक्सी वाला। ताकि वह उससे उसके बारे में जान सकें और उनकी बातों को अपने जोक्स में डाल सकें।

बोर्ड रूम कॉमेडी नाम से कंपनी बना दी
विक्रम ने तय किया कि वे अपनी कंपनी बनाएंगे। बिजनेस और मार्केटिंग पकड़ बना चुके थे। अपनी सेविंग्स से करीब 1.5 लाख रुपए खर्च किए और बोर्ड रूम कॉमेडी नाम से कंपनी बना दी। वे कहते हैं कि कंपनी की वेबसाइट बनाने में करीब 70 हजार रुपए खर्च हुए थे और लोगो बनाने में भी करीब 70 हजार रुपए लगे थे। इसके बाद ऑफिस वैगर का खर्च थोड़ा बहुत आया था। फिर उन्होंने पांच कंटेंट राइटर रखे। वीडियो प्रोडक्शन और सोशल मीडिया की टीम रखी और अपनी कॉमेडी को बेचना शुरू कर दिया। वे कॉमेडी शो के साथ-साथ कॉर्पोरेट ट्रेनिंग भी प्रोवाइड कराने लगे।
वह बताते हैं कि SBI के लिए तैयार किए गए शो में ‘रामायण नेरेटेड बाय इंवेस्टमेंट बैंकर’ जबरदस्त हिट हुआ था। विक्रम कहते हैं कि कॉर्पोरेट शो में एचआर पर उनके जोक जबरदस्त हिट होते थे, क्योंकि कर्मचारी एचआर के मुंह पर जो बोलना चाहते थे, वे बोल नहीं पाते थे और जब मैं बोलता था तो उन्हें बहुत मजा आता था। विक्रम के शो के हिट होने की दूसरी वजह थी कि उनका पब्लिक रिलेशन। हर वर्ग के लोगों से उनका रेगुलर मिलना जुलना था। लिहाजा उन्हें पता था कि कब और किस मंच पर क्या बोलना है। ताकि लोगों को हंसा सके।
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