Meesho Online Shopping : डायरेक्ट टु कंज्यूमर कंपनी मीशो की कहानी
Meesho Online Shopping – आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद विदित आत्रे की आईटीसी में अच्छे पैकेज पर नौकरी लग गई। जॉब के दौरान उन्होंने खुद का बिजनेस करने का फैसला लिया। उन्होंने अपने दोस्त संजीव बरनवाल के साथ मिलकर कंपनी बनाने की प्लानिंग की। विदित आत्रे और संजीव बरनवाल ने नौकरी छोड़कर 2015 में फैशनियर एप बनाया। शुरुआती दौर में इसका ट्रायल बेंगलुरु में किया। इस एप की मदद से लोग नजदीकी दुकानों से खरीदारी कर सकते थे।

फैशनियर का किया ट्रायल
साल 2015, अक्टूबर का महीना था। विदित आत्रे और संजीव बरनवाल एक कपड़े की दुकान के बाहर खड़े थे। जैसे ही एक कस्टमर उस दुकान में दाखिल होने लगा, उन्होंने उसे रोककर कहा- प्लीज यहां मत आइए। दोनों ने अपनी जेब से एक पर्ची निकाली और कस्टमर को देते हुए कहा- यहां से सामान मत खरीदिए। आप हमारे एप पर जाइए। वहां ये दुकान भी मिल जाएगी। साथ ही आप दूसरे फैशन प्रोडक्ट भी खरीद सकते हैं। इस तरह से प्रचार करने के बावजूद उनके एप फैशनियर पर यूजर्स नहीं आ रहे थे। फैशनियर के ट्रायल के दौरान ही उन्होंने गौर किया कि दुकानदार यहां तक कि गृहिणियां भी सोशल मीडिया, खासतौर से वॉट्सएप के जरिए भी बिजनेस कर रही हैं।
विदित और संजीव को इससे आइडिया आया और उन्होंने मीशो यानी माय शॉप की नए सिरे से शुरुआत की। पहले यह महज रीसेलर प्लेटफॉर्म या सोशल कॉमर्स की तरह ही बिजनेस करता था। मतलब लोग अपने सोशल मीडिया अकाउंट से मीशो के प्रोडक्ट बेचते थे और इसके बदले में उन्हें कुछ कमीशन मिलता था। मीशो ने 2015 में जब बिजनेस शुरू किया, तब अमेजन को भारत आए महज दो साल ही हुए थे। जबकि, फ्लिपकार्ट लंबे समय से बिजनेस कर रही थी, लेकिन दोनों कंपनियों का फोकस इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली देश की शहरी आबादी थी। यहां मीशो को एक गैप और मौका नजर आया।

छोटे शहर की आबादी को किया ऑनलाइन
मीशो ने सोशल मीडिया पर मौजूद, लेकिन इंटरनेट पर खरीदारी से हिचकिचाने वाले छोटे शहर (टीयर-2, टीयर-3) की आबादी को ऑफलाइन से ऑनलाइन शॉपिंग के लिए मोटिवेट किया। कंपनी का मेन टारगेट छोटे शहर की महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना था। यहीं से मीशो की सफलता की शुरुआत हुई। अलायंस बर्नस्टीन की रिपोर्ट के मुताबिक यूजर बेस में मीशो ने देश की बाकी ई-कॉमर्स कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। फाइनेंशियल ईयर 2023 में जहां फ्लिपकार्ट का यूजर बेस 21% बढ़ा। वहीं, मीशो के यूजर बेस में 32% का इजाफा हुआ। जबकि अमेजन के यूजर बेस में 13% की बढ़ोतरी हुई। डाटा.एआई कंपनी के मुताबिक 2023 में 14.5 करोड़ डाउनलोड के साथ मीशो देश का नंबर-1 एप बन गया था।
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50 करोड़ एप डाउनलोड हुए
फाइनेशियल ईयर 2023-24 की पहली छमाही में इसके 50 करोड़ एप डाउनलोड हुए थे। मीशो के ऑर्डर वॉल्यूम में भी 43% का इजाफा हुआ। फ्लिपकार्ट-अमेजन जैसी कंपनियां सेलर्स के प्रोडक्ट के हिसाब से कमीशन लेती हैं, लेकिन मीशो ने शुरुआत से ही जीरो कमीशन की रणनीति अपनाई है। इससे सेलर्स कम कीमत पर प्रोडक्ट बेच पाते हैं। इस रणनीति ने ही सेलर्स और कस्टमर्स के बीच मीशो को पॉपुलर बनाया। मीशो पिछले फाइनेंशियल ईयर में मुनाफा कमाने वाली देश की पहली हॉरिजॉन्टल ई-कॉमर्स कंपनी बनी थी। गत फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में कंपनी को रिकॉर्ड 5 मिलियन डॉलर का मुनाफा हुआ था। हालांकि तीसरी तिमाही में कंपनी को घाटा हुआ है। 2016 से 2020 तक मीशो की ग्रोथ में रीसेलर्स का अच्छ-खासा योगदान था। हालांकि चार साल पहले यह मॉडल बंद कर दिया गया।

1.36 अरब डॉलर की फंडिंग
अब मीशो पूरी तरह से डायरेक्ट टु कंज्यूमर (डी2सी) कंपनी बन गई है। कंपनी की कमाई का मेन सोर्स विज्ञापन है। इसमें सेलर्स अपने प्रोडक्ट्स को ऊपर फीचर कराने के लिए मीशो का ऐड देते हैं। मीशो ने हाल ही में 2200 करोड़ रुपए की फंडिंग ली है। कंपनी के नाम अब तक 1.36 अरब डॉलर (लगभग 11000 करोड़ रुपए) की फंडिंग हो चुकी है। इसके इन्वेस्टर्स में सॉफ्ट बैंक, एलीवेशन कैपिटल, पीक एक्सवी पार्टनर्स हैं। कंपनी अगले साल आईपीओ लाने की प्लानिंग कर रही है। मीशो के सीईओ विदित आत्रे का मानना है कि टारगेट और बिजनेस के विजन में तालमेल होना चाहिए। बिजनेस पार्टनर ऐसा चुनें, जो आपके विजन को समझे और उसकी सराहना करें।
आपकी बिजनेस जर्नी में सच्चा साथ देने और समझने वाला पार्टनर पेशेंस से ही मिलता है। मार्केट की डिमांड को समझकर कस्टमर्स से जुड़ाव रखकर और अपने काम को लगातार बेहतर बना कर ही भरोसा पैदा किया जा सकता है। ई-कॉमर्स कंपनी मीशो ने हाल ही में चार नए डायरेक्टर नियुक्त किए हैं। जिसमें भरतिया समूह के फाउंडर और को-चेयरमैन हरि एस भरतिया, जेपी मॉर्गन में साउथ-ईस्ट एशिया की पूर्व चेयरमैन कल्पना मोरपारिया, ब्लैकरॉक में एशिया पेसिफिक के पूर्व चेयरमैन रोहित भगत और जनरेटिव एआई फर्म ईमा के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव सुरोजित चटर्जी शामिल हैं।
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3 लाख नए सेलर्स जुड़े हैं
कंपनी की स्मार्ट शॉपर रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से जून 2024 के बीच 3 लाख नए सेलर्स इससे जुड़े हैं। ई-कॉमर्स कंपनी मीशो का 5,735 करोड़ का रेवेन्यू है, 7 साल पुरानी बात है। सबसे सस्ता सामान बेचने का दावा करने वाली कंपनी मीशो पर मीम्स बन रहे थे। सबसे सस्ता होने की वजह से कई बार मजाक उड़ाया गया। हालांकि उसी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर मीशो ने ‘सबसे सस्ते’ को अपना यूएसपी बना लिया। मीशो आज देश की टॉप हॉरिजॉन्टल ई-कॉमर्स कंपनियों में शुमार है। हॉरिजॉन्टल यानी, अमेजॉन-फ्लिपकार्ट की तरह हर कैटेगरी का सामान बेचने वाली कंपनी। हालांकि 48% हिस्सेदारी के साथ फ्लिपकार्ट मार्केट लीडर है, लेकिन देश की हॉरिजॉन्टल ई-कॉमर्स कंपनियों में मुनाफा कमाने वाली मीशो पहली कंपनी है। 2021 में 1 अरब डॉलर की वैल्युएशन हासिल करके यह कंपनी यूनिकॉर्न बनी।
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