ABF Rural Livelihood Mission : रिजनरेटिव एग्रीकल्चर सिस्टम और प्रथाओं को मजबूत करने उठाया कदम
ABF Rural Livelihood Mission – एक्सिस बैंक फाउंडेशन (एबीएफ) और एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट (एएसए) ने मध्य प्रदेश में सतत आजीविका कार्यक्रम (एसएलपी) शुरू करने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश के 60,000 ग्रामीण परिवारों की आजीविका को और बेहतर बनाना है। इन परिवारों में मुख्य रूप से आदिवासी और हाशिए के समूहों से संबंधित छोटे भूमिधारक शामिल हैं। यह कार्यक्रम छह जिलों – झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, शहडोल, अनूपपुर और उमरिया के 350 से अधिक गांवों में फैला होगा। इस 5 वर्षीय पहल का उद्देश्य कृषि, प्राकृतिक संसाधन विकास और सामुदायिक संस्था निर्माण पर केंद्रित व्यापक आजीविका संवर्धन रणनीतियों के साथ क्षेत्र के ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना है।

एग्रीकल्चर वैल्यू चैन विकसित करेगी
यह साझेदारी 2017-2021 के कार्यक्रम के पिछले चरण के दौरान अपनाए गए मल्टी स्टेकहोल्डर मॉडल पर आधारित है, ताकि एक सस्टेनेबल जल संसाधन और कृषि उत्पादन प्रणाली को और विकसित किया जा सके और जलवायु परिवर्तन जोखिमों से निपटने के लिए आवश्यक उपाय किए जा सकें। यह परियोजना सस्टेनेबल प्रॉडक्ट्स की एक मजबूत एग्रीकल्चर वैल्यू चैन (एवीसी) विकसित करेगी और स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में व्यापक प्रभाव पैदा करने के लिए सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) जैसे समूहों के साथ मौजूदा संबंधों का लाभ उठाएगी। यह कार्यक्रम पिछले चरण की सफलता पर आधारित होगा जिसने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 55,000 से अधिक ग्रामीण परिवारों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया था।

स्थानीय समुदाय के जीवन स्तर में होगा सुधार
परियोजना के शुभारंभ की स्मृति में, एक्सिस बैंक फाउंडेशन की एग्जीक्यूटिव ट्रस्टी और सीईओ सुश्री ध्रुवी शाह ने कहा, ‘‘एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट के साथ हमारा सहयोग एक ऐसा सिस्टम विकसित करता है जो आर्थिक स्थिरता को सुरक्षित करता है। इसके अलावा, साथ मिलकर हम स्थानीय संस्थानों को सशक्त बनाने और समुदायों को आत्मनिर्भर बनने के लिए जानकारी, उपकरण और पहुँच से लैस करने का प्रयास करते हैं। इस दिशा में कदम उठाते हुए कृषि के सर्वोत्तम तरीकों की गहरी समझ को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जाता है। साथ ही क्षेत्र में परियोजना के पिछले चरण से सीख लेते हुए, हम साथ मिलकर दीर्घकालिक परिवर्तन की उम्मीद जगा रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि किसान और उनके स्थानीय समुदाय भविष्य में अपने जीवन स्तर पर और सुधार कर सकें।’’
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समृद्ध रिजनरेटिव प्रोडक्शन लैंडस्केप विकसित होगा
एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट की डायरेक्टर सुश्री जी. जयंती ने कहा, ‘‘हमारी कोशिश है कि हम कृषि से संबंधित ईको सिस्टम के भीतर लोगों के साथ प्रकृति और अर्थव्यवस्था का तालमेल कायम करें, ताकि एक समृद्ध रिजनरेटिव प्रोडक्शन लैंडस्केप विकसित किया जा सके। इस नई पहल में, हमारे आजीविका संवर्धन मॉडल का उद्देश्य हमारे समुदायों की भौतिक संपत्तियों – जैसे भूमि, पानी और पेड़ – और उनकी आवश्यक सामाजिक पूंजी, जिसमें संस्थान, कौशल और बाजार कनेक्शन शामिल हैं, दोनों को मजबूत करना है। उत्पादक कृषि संपत्तियों को बढ़ाकर, हम परिवारों को एक निरंतर आय प्रदान करते हैं, उन्हें गरीबी के चक्र को तोड़ने और सतत विकास को अपनाने के लिए सशक्त बनाते हैं। किसान समूहों को मजबूत करने से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि परियोजना के समापन के बाद भी बदलाव की यह गति लंबे समय तक जारी रहती है। एक्सिस बैंक फाउंडेशन और एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट मिलकर सीमांत क्षेत्रों में उज्जवल, अधिक समृद्ध भविष्य के लिए आधार तैयार कर रहे हैं, जिससे मांग-संचालित विकास का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।’’ एक्सिस बैंक फाउंडेशन और एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट मध्य प्रदेश में ग्रामीण आजीविका पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रयास पहले चरण की सफलताओं पर निर्माण करना जारी रखेगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि समुदायों को स्थायी रूप से समृद्ध होने के लिए आवश्यक संसाधन, ज्ञान और समर्थन से लैस किया जाए।

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
– बेहतर कृषि पद्धतियों, प्राकृतिक संसाधनों (भूमि, जल, वृक्ष) के विकास और बागवानी को बढ़ावा देकर 60,000 ग्रामीण परिवारों के लिए आय सृजन के अवसरों को बढ़ाना।
– किसानों के समूहों का विस्तार करके और कपास जैसे सस्टेनेबल और ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए उन्नत टैक्नोलॉजी-आधारित ट्रेसेबिलिटी प्रणालियों के साथ बाजार की जानकारी विकसित करके मजबूत कृषि मूल्य श्रृंखलाओं का निर्माण करना।
– सस्टेनेबल पद्धतियों और शासन को सुनिश्चित करने के लिए एसएचजी, उत्पादक समूहों और ग्राम पंचायतों सहित सामुदायिक संस्थानों को मजबूत बनाना।
– दीर्घकालिक ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय संसाधनों और तकनीकी सहायता के लिए सरकारी योजनाओं के साथ तालमेल की सुविधा प्रदान करना।
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