Free Trade Agreement – ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता
Free Trade Agreement: ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत परिधान, वस्त्र और चमड़ा जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में भारतीय निर्यात पर आयात शुल्क हटाने से बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले घरेलू कंपनियों को बढ़त मिलेगी। निर्यातकों ने ऐसी उम्मीद जाहिर करते हुए कहा है कि मुक्त व्यापार समझौते से बड़ी संख्या में भारतीय वस्तुओं पर शुल्क खत्म हो गया है या काफी कम कर दिया गया है। इससे घरेलू निर्यातकों को दुनिया के सबसे समृद्ध और उपभोग आधारित बाजारों में से एक में तरजीही पहुंच मिलेगी। निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा शुल्क हटाने से बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि नियामकीय प्रक्रियाओं के व्यवस्थित होने से ब्रिटेन में जेनेरिक दवाओं की मंजूरी में तेजी आएगी।

निर्माताओं और निर्यातकों को लाभ होगा
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के उपाध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि नए निर्यात अवसरों को खोलने, व्यापार बाधाओं को कम करने और प्रमुख ब्रिटेन बाजार तक अधिक पहुंच से भारतीय बुनकरों, निर्माताओं और निर्यातकों को लाभ होगा। रेमंड समूह के चेयरमैन गौतम हरि सिंघानिया ने कहा कि इस तरह के समझौते भारत के लिए लचीली वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ अधिक गहराई से जुड़ने तथा विश्व मंच पर एक भरोसेमंद विनिर्माण और निर्यात भागीदार के रूप में स्थिति मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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ब्रिटिश डेयरी उत्पादों, सेब, पनीर को शुल्क रियायत नहीं
भारत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत डेयरी उत्पादों, सेब और पनीर जैसी संवेदनशील कृषि वस्तुओं पर आयात शुल्क में ब्रिटेन को कोई रियायत नहीं देगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि करीब 10 प्रतिशत शुल्क लाइनें संवेदनशील वस्तुओं की सूची में हैं। भारत और ब्रिटेन ने मंगलवार को एफटीए पर बातचीत पूरी होने की घोषणा की। इसके लिए बातचीत जनवरी, 2022 में शुरू हुई थी। अधिकारी ने कहा, डेयरी उत्पाद, सेब, पनीर आदि कृषि उत्पादों को किसी भी शुल्क रियायत से बाहर रखा गया है। इससे भारत को अपने किसानों के हितों की रक्षा करने में मदद मिलेगी। अपने सभी मुक्त व्यापार समझौतों में भारत ने इन वस्तुओं की रक्षा की है क्योंकि इसमें छोटे किसानों की आजीविका के मुद्दे शामिल हैं।

द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर तक पहुंचेगा
भारत ने पिछले साल मार्च में हस्ताक्षरित ईएफटीए (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) व्यापार समझौते के तहत स्विट्जरलैंड और नॉर्वे को भी डेयरी क्षेत्र में कोई शुल्क रियायत नहीं दी है। ब्रिटेन भारत के विशाल बाजार को देखते हुए इन उत्पादों पर कुछ शुल्क रियायतों की उम्मीद कर रहा था। मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के बाद भारतीय उद्योग जगत में उत्साह की लहर है। उद्योग संगठनों का मानना है कि यह समझौता मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय निर्यातकों को ब्रिटिश बाजार में बेहतर अवसर देगा और दोनों देशों के बीच व्यापार को 2030 तक 100 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर ले जाएगा।
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इनोवेशन-ड्रिवन क्षेत्रों में नए मौके बनाएगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद समझौते की घोषणा की गई। इसमें लगभग 99% उत्पादों पर शुल्क छूट का प्रावधान है। फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने इसे भारत की वैश्विक आर्थिक शक्ति के तौर पर उभरती भूमिका का प्रतीक बताया। यह समझौता एफएमसीजी, हेल्थकेयर और इनोवेशन-ड्रिवन क्षेत्रों में नए मौके बनाएगा। सीआईआई प्रमुख संजीव पुरी ने कहा कि यह समझौता भारत-ब्रिटेन के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करेगा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने में मदद करेगा।