Indian Market – निवेशकों के लिए बेहतर चांस, वित्तीय योजनाओं पर टिके रहने की जरूरत
Indian Market: वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत माध्यम से लंबी अवधि के लिहाज से आकर्षक और काफी अवसरों वाला मजबूत बाजार है तथा निवेशकों को मौजूदा हालात से घबराने के बजाय अपनी दीर्घकालीन वित्तीय योजनाओं पर टिके रहने की जरूरत है। इसके साथ निवेशक निवेश राशि को एक जगह लगाने के बजाय बॉन्ड, सोने, सावधि जमा समेत अन्य क्षेत्रों पर लगाने पर गौर कर सकते हैं। अमेरिका के शुल्क लगाने की घोषणा के बाद हाल में शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के साथ म्यूचुअल फंड में विशेषकर इक्विटी से जुड़े रिटर्न पर भी असर पड़ा है। वहीं सोने के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने से निवेशक इसमें नये निवेश से बच रहे हैं।

पूंजी लगाने के लिए माहौल अनुकूल
इन परिस्थितियों में निवेशकों के पास निवेश के विकल्प के बारे में पूछे जाने पर आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के प्रमुख (निवेश उत्पाद) अमर रानू ने कहा उथल-पुथल से भरी दुनिया में, भारत एक ऐसा बाजार है, जो स्थिर और अवसरों से भरा है। अनुकूल राजकोषीय और मौद्रिक नीति के साथ विशेष रूप से विविध और अनुशासित रणनीतियों के माध्यम से, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए भरोसे के साथ पूंजी लगाने के लिए माहौल अनुकूल है। मौजूदा हालात में चुनिंदा बॉन्ड में निवेश, सुरक्षा के लिए सोने और शेयरों में एसआईपी सबसे अच्छे उपाय हो सकते हैं।
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निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए
यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लि. के इक्विटी प्रमुख संजय बेम्बालकर ने कहा हमारा मानना है कि वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था के नजरिये से भारत आकर्षक स्थल बना हुआ है। अनिश्चितता से भरे मौजूदा माहौल में हमारा सुझाव है कि निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और लंबी अवधि के निवेश नजरिये को अपनाने के साथ एसआईपी/एसटीपी (सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान) को जारी रखना चाहिए और लंबी अवधि की अपनी वित्तीय योजनाओं से विचलित नहीं होना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो में शेयर समेत विभिन्न निवेश उत्पादों को शामिल करने पर ध्यान देना चाहिए।
वित्तीय सेवा कंपनी वेंचुरा के शोध प्रमुख विनित बोलिंजकर ने कहा, वैश्विक स्तर पर तनाव, वृहद आर्थिक बदलाव और पूंजी प्रवाह में अस्थिरता के कारण उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितता के मौजूदा माहौल में वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है। इसका असर सिर्फ शेयर बाजार पर ही नहीं, बल्कि म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर भी पड़ा है। ऐसी स्थिति में निवेशकों के लिए सबसे बेहतर विकल्प एक विविध रणनीति है जो जोखिम और लाभ को संतुलित करे। चुनिंदा कम अवधि के बॉन्ड, अच्छी कंपंनियों के शेयर और महंगाई से निपटने में मददगार सोने जैसी परिसंपत्तियों में पूंजी लगाने से इस दौर से मजबूती से निपटने में मदद मिल सकती है। एक ही जगह पैसा लगाने से बचना और अल्पकालिक रुख के हिसाब से निर्णय नहीं करना, सबसे जरूरी है।

अस्थिरता को प्रबंधित करने पर ध्यान केंद्रित
यह पूछे जाने पर कि मौजूदा अनिश्चितता के बीच निवेशकों को क्या करना चाहिए, रानू ने कहा मौजूदा निवेशकों को घबराने के बजाय, अस्थिरता को प्रबंधित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि उनका कोई मौजूदा निवेश भविष्य की बाजार स्थितियों के अनुरूप नहीं है, तो उन्हें उनपर गौर करना चाहिए और आवश्यक फेरबदल करने चाहिए। उन्हें जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा हालांकि, नए निवेशकों जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं, उनके लिए बाजार की वर्तमान स्थिति से बेहतर कुछ नहीं है। एसआईपी या एसटीपी के साथ कोई भी एकमुश्त निवेश दीर्घकालिक स्तर पर पोर्टफोलियो के विकास में योगदान देगा। नये और मौजूदा दोनों निवेशकों को, बाजार की स्थिति की परवाह किये बिना, अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते समय आपात स्थिति के लिए बचत और एक ही जगह पैसा लगाने के जोखिम को लेकर उससे बचाव के उपायों पर ध्यान रखना चाहिए।