Stock Market Crash: 447 शेयरों में उनके मार्केट कैप में कटौती देखी गई
Stock Market Crash – साल 2025 में अब तक 37 कारोबारी दिनों में से 22 मौकों पर गिरावट आई है। इस गिरावट की वजह से बीएसई 500 लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 31 दिसंबर, 2024 को 387.18 लाख करोड़ रुपए से 34 लाख करोड़ रुपए कम होकर 353.31 लाख करोड़ रुपए हो गया है। बीएसई 500 कंपनियों के विश्लेषण से पता चलता है कि 447 शेयरों में साल-दर-साल आधार पर उनके मार्केट कैप में कटौती देखी गई है। केवल 53 स्टॉक क्लोजिंग बेसिस पर 31 दिसंबर, 2024 के एम-कैप से ऊपर रहने में कामयाब रहे हैं।

लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट
अमेरिका के शुल्क लगाने पर अनिश्चितता के बीच स्थानीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही। कमजोर एशियाई बाजारों और विदेशी कोषों की निकासी से भी निवेशकों की धारणा कमजोर हुई। हालांकि, व्यापक बाजारों में तेजी रही और मिडकैप तथा स्मॉलकैप सूचकांक एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने संकेत दिया कि वह मुद्रास्फीति की चिंताओं के कारण ब्याज दरों में कटौती रोक सकता है। एशियाई बाजारों के कमजोर संकेतों ने घरेलू बाजार को सुस्त रखा। इस दौरान निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0।08 प्रतिशत बढ़कर 76.10 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

विनिमय दर में नकारात्मक रुझान
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 33 पैसे की बढ़त के साथ 86.65 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। रुपये में यह मजबूती अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी आने से हुई। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के बीच डॉलर/रुपये की विनिमय दर में नकारात्मक रुझान है तथा विदेशी पूंजी का निरंतर बहिर्गमन निवेशकों की भावनाओं पर असर डाल रहा है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86।88 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान इसने डॉलर के मुकाबले 86.58 के उच्चस्तर और 86.88 के निचले स्तर को छुआ। अंत में रुपया 86।65 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 33 पैसे की बढ़त है। पिछले मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10 पैसे कमजोर होकर 86.98 पर बंद हुआ था।
Read more : DICGC Insurance Cover : बैंक डूबा तो सुरक्षित रहेगी आपकी राशि

शेयर बाजार कर रहा अच्छे दिनों का इंतजार
शेयर बाजार अच्छे दिनों का इंतजार कर रहा है। मौजूदा साल के शुरुआती 51 दिन बीत चुके हैं। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी 3.50 फीसदी का गोता लगा चुके हैं। इस गिरावट की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को 45 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। आंकड़ों को देखें तो मौजूदा साल में अब तक शेयर बाजार में करीब साढ़े तीन फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है। साथ ही शेयर बाजार में निवेशकों के 45 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा डूब चुके हैं। अक्टूबर से इस गिरावट के आंकड़े को देखें तो शेयर बाजार को 10 फीसदी से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, जो कि काफी बड़ा है।

नए साल में भी हाल बुरा रहा
नए साल में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में काफी गिरावट देखने को मिल चुकी है। 31 दिसंबर 2024 को जब शेयर बाजार बंद हुआ था तब सेंसेक्स 78,139.01 अंकों पर था। 20 फरवरी को यह 203.22 अंक या 0.27 प्रतिशत गिरकर 75,735.96 अंक पर बंद हुआ। इसका मतलब है कि यह इस साल 2403.05 अंक गिर चुका है। पिछले गुरुवार को दिन के कारोबार में यह 476.17 अंक या 0.62 प्रतिशत गिरकर 75,463.01 अंक पर आ गया था। इस साल निफ्टी ने निवेशकों को 3.51 फीसदी का नुकसान पहुंचा दिया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर को निफ्टी 23,644.80 अंकों पर बंद हुआ था, जो गुरुवार 20 फरवरी को 22,913.15 अंकों पर आ गया। इसका मतलब है कि निफ्टी में तब से अब तक 730 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है। अगर बात गुरुवार यानी 20 फरवरी की करें तो निफ्टी 19.75 अंक या 0.09 प्रतिशत गिरकर 22,913.15 अंक पर बंद हुआ।