Diet Crazy: खास फूड ग्रुप को नकारना सेहत के लिए खतरा
Diet Crazy: डाइट एक ऐसी चीज नहीं है जिसको शेयर किया जा सके। किसी के डाइट प्लान को फॉलो करना, जिसे दूसरे लोग बनाकर दें, ठीक वैसा ही होता है जैसा किसी दूसरे आदमी के कपड़ों को पहनना। हर व्यक्ति एक दूसरे से अलग होता है और हर व्यक्ति की खाने की जरूरत दूसरे से अलग होती है। एक ऐसी डाइट जो किसी एक के लिए माफिक होती है, वह दूसरे के लिए बिल्कुल फिट नहीं बैठती।
शरीर के लिए नमक और चीनी उतने ही जरूरी हैं, जितने दूसरे प्राकृतिक फूड्स बस मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है। किसी खास फूड ग्रुप को पूरी तरह नकारना सेहत के लिहाज से सही नहीं है बशर्ते आपको उससे दिक्कत न होती हो। उदाहरण के तौर पर यदि आपको दूध से एलर्जी है तो आपका शरीर उसे पचा नहीं सकता इसलिए उससे दूर रहना चाहिए। इसलिए अगर कोई आपको किसी भोजन विशेष से दूर रहने के लिए कहे तो उसका विकल्प भी तो होना चाहिए। यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो भोजन कम मात्रा में खाएं लेकिन इसे पूरी तरह नकारा तो नहीं जा सकता न। कैलोरीज कम मात्रा में लें बजाय इसके कि किसी खास फूड ग्रुप को ही पूरी तरह नकार दें।

भावनात्मक और दिमागी स्वास्थ्य पर बुरा
हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि यूके की ज्यादातर आबादी एक ऐसी बीमारी से पीड़ित है, जिसमें ग्लूटेन को खाना मना होता है। एक अनुमान के अनुसार वहां की 15 प्रतिशत आबादी लैक्टोस को पचा नहीं पातीं, इसीलिए वहां के फूड्स में पिछले 5 साल में इस तरह के भोज्य पदार्थों में दोगुनी वृद्धि हो गई है। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट सीमा हिंगोरानी इस बारे में कहती हैं, ‘इस तरह के ऑब्शेसन को एक डिस्ऑर्डर का नाम दिया जाता है।
हमारे समाज में कई लड़कियां इंटरनेट की जानकारी को ही पूर्ण मान लेती हैं और इस तरह की भोजन शैली अपनाती हैं, जो उनके लिए नुकसादेह होती है। दरअसल अपने भोजन से पोषक तत्वों से भरी चीजों को बाहर करने का मतलब है, इसका आपके भावनात्मक और दिमागी स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
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रोज लिया जाने वाला भोजन
आज की तारीख में डाइट शब्द अपने आप में ही काफी भ्रामक हो गया है। डाइट का मतलब है भोजन कम से कम खाना। जबकि हकीकत में डाइट का तात्पर्य है, आपके द्वारा रोज लिया जाने वाला भोजन। संतुलित आहार के तहत प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा विटामिन और खनिज लवण की जरूरत हमारे शरीर को होती है ताकि हम अपने रोजमर्रा के काम सही तरह कर सकें। कोई भी डाइट अनहेल्दी उसी स्थिति में होती है, अगर उनमें किसी चीज की अधिकता हो या कोई चीज बिल्कुल कम हों।
अब चाहे बिना अनाज, बिना डेयरी प्रोडक्टस, कार्बोहाइड्रेट या सिर्फ अंगूर हो। फैट डाइट का यह मतलब नहीं है कि आप अपने खाने से इन तमाम चीजों और पौष्टिक तत्वों को अपने भोजन से बाहर कर दें। हां, अगर आप ऐसा करते हैं तो वजन घटाने का ये एक ऐसा तरीका होता है, जिसमें आपको कम मेहनत करनी पड़ती है लेकिन जिसका आपके शरीर को नुकसान होता है।

वजन कम करने की ललक
आज की तारीख में जिसे देखो वही कहता है कि वह डायटिंग पर है, वह वजन कम करने की दिशा में अपने खान-पान को नियंत्रित कर रहा है। कुल मिलाकर लोग अब डाइट क्रेजी हो गए हैं। वेटलॉस डाइट, वेटलॉस ट्रिप और वेटलॉस एक्सरसाइज, वजन घटाने के लिए आजकल लोग न जानें कितने उपाय कर रहे हैं। अगर आपका वजन थोड़ा सा भी ज्यादा है तो आप कम दूसरे लोग इस बात से चिंतित हैं कि आपको अपना वजन कम करना चाहिए। स्किनी मेल, फीमेल मॉडल्स को देखकर या फिर सेलिब्रिटीज का नपा-तुला बदन और सेलिब्रिटीज के अपने फिट फिगर के बारे में दिये गए कमेंट्स या उन्होंने अपना वजन कैसे-कैसे घटाया, कैसे उन्होंने अपने डाइट से ग्लूटिन और डेयरी प्रोडक्टस, गेहूं, कार्बोहाइड्रेट को कम से कम खाकर अपने जिस्म को इतना खूबसूरत बनाया, उनकी बातों को पढ़ और सुनकर ऐसा लगता है मानों ये सारे हमारी जान के दुश्मन हैं और जो लोग इन सब चीजों को खा रहे हैं, वे सब जानते नहीं हैं कि उनको इसका कितना नुकसान भुगतना पड़ सकता है।

क्या खाया और क्या नहीं खाया
यदि सोनाक्षी सिन्हा या सोनम कपूर ने घर में ग्लूटेन से बने फूड को प्रतिबंधित कर दिया और अपने जिस्म को तराशने के लिए यदि इन्होंने कार्बो हाइड्रेट युक्त फूड आइटम्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया तो मैं ऐसा क्यों नहीं कर सकता? करीना कपूर ने जीरो साइज पाने के लिए मीट को पूरी तरह खाना बंद कर दिया था। आहार विद् विजय लक्ष्मी आयंगर का कहना है कि आजकल लोगों को तरह-तरह के मैसेज फेसबुक और व्हाट्सएप पर मिलते हैं जो उन्हें बताते हैं कि वह खुश और सफल तभी हो सकते हैं अगर वो स्लिम हैं। फिल्मी एक्टर और एक्ट्रेस अपने जिस शरीर का प्रदर्शन फिल्मों में करते हैं उसके लिए वह जोर-शोर से प्रचार करते हैं कि उन्होंने क्या खाया और क्या नहीं खाया और अपने को स्लिम रखने के लिए वो क्या करते हैं वगैरह-वगैरह…।
अब सवाल पैदा होता है कि सुपर मार्केट की सेल्फ में रखे बड़ी-बड़ी दुकानों में सजे ये फूड प्राडक्टस जिनकी पूरी दुनिया में प्रचार किया जाता है, क्या वे कार्बो हाइड्रेट और प्रोटीन से रहित होते हैं।
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