Health Alert: किसी काम में मन नहीं लग रहा है क्या ?
हम सभी आमतौर पर अपने स्वास्थ्य को बहुत हल्के में लेते हैं। भले हमें खुद यह यकीन न हो कि हम पूरी तरह से स्वस्थ हैं, फिर भी जब तक कोई ऐसी स्थिति नहीं आती कि उसके बाद हम किसी तरह की दिक्कत महसूस कर ही नहीं सकते, तब तक हम हर तरह की अनदेखी करने की कोशिश करते हैं। फिर जब पानी हमारे सिर के ऊपर से गुजर जाता है तो डॉक्टर के पास भागते हैं। यह बहुत खराब तरीका है अपने स्वास्थ्य के प्रति देखरेख का। इससे पता चलता है कि हम खुद को महत्वपूर्ण नहीं मानते या खुद के प्रति संवेदनशील नहीं हैं।
अगर लगे कि हम जरा सी देर में थक रहे हैं, हमारा किसी काम में मन नहीं लग रहा और रह रहकर रूलाई फूट रही हो तो समझ लेना चाहिए कि हमारा स्वास्थ्य खतरे में है। भले ऐसी स्थिति न आयी हो कि हम अपने दफ्तर से एक दिन भी अपसेंट न हुए हों या किसी दिन खाना न खाएं हों। इस सबके बाद भी मतलब यह नहीं है कि सब कुछ ठीक है। अपने लक्षणों पर ध्यान दें।

त्वचा मुरझायी है
क्या आपकी त्वचा बिल्कुल मुरझायी हुई सी है, किसी तरह की चमक नहीं है। बाल झड़ रहे हैं या बिल्कुल चमक खो चुके हैं। अकसर पेट खराब रहता है या कम खाने के बावजूद लगातार पेट निकलता जा रहा है। ये सब स्थितियां खतरनाक स्वास्थ्य की तरफ इशारा कर रही हैं।
दरअसल आज की तारीख में बहुत सी बीमारियां मानसिक और शारीरिक बंटवारे के नाम पर गड़बड़ हो गयी हैं यानी जो मानसिक समस्याएं है, वो शारीरिक समस्याओं के रूप में दिख रही हैं और जो शारीरिक समस्याएं मानी जाती हैं कई बार वे मानसिक होती हैं।
माइनर डिमेंसिया का शिकार
जैसा कि हम सब जानते हैं इन दिनों बहुत तेजी से एक उम्र के बाद लोग माइनर डिमेंसिया का शिकार हो रहे हैं यानी पूरी तरह से तो नहीं, लेकिन वे कुछ हद तक अपनी याद्दाश्त खो रहे हैं या फिर वो अपनी याद्दाश्त को लेकर गफलत में रहते हैं। उन्हें चीजें याद भी रहती है और याद न रहने की भी स्थिति होती है यानी वो तय ही नहीं कर पाते कि ये बात वो जानते हैं या नहीं। यह डिमेंसिया या मनोभ्रंश के हल्के और शुरुआती लक्षण हैं, जो मानसिक परेशानियों के कारण भी हो सकते हैं और रक्तचाप, शुगर, अवसाद, जरूरत से ज्यादा उपवास रहने आदि का नतीजा भी हो सकता है।
अचानक खानपान में बदलाव
कई बार हम बिना चीजों को जाने बिना अचानक अपने खानपान में बदलाव कर देते हैं। खाने को बिल्कुल शुगर फ्री कर लेते हैं, वसा कम खाने के नाम पर घी और मक्खन का एक बूंद भी नहीं इस्तेमाल करते। ये स्थितियां फायदे की जगह नुकसानदायक हो सकती हैं, क्योंकि यह निर्णय किसी जानकार का नहीं, आपकी अतिरिक्त सजगता का है। कहने की बात ये कि खाने पीने के मामले में खुद को सार्वभौमिक नियमों से चलाने की कोशिश न करें। कुछ भी परेशानी दिखे तो डॉक्टर से अपने खानपान को लेकर सलाह लें।

हर दिन प्राणायाम जरूर करें
दुनिया में हर किसी का शरीर बिल्कुल यूनिक होता है यानी दूसरे से बिल्कुल अलग। इसलिए जरूरी नहीं है कि जो मिस्टर ‘क’ को सूट करता है, वह बिना किसी बाधा के मिस्टर ‘ख’ को भी सूट करेगा ही। डॉक्टर कहते हैं हर दिन प्राणायाम जरूर करें। इसे आदत बनाएं क्योंकि आज की तनावभरी जिंदगी में दवाओं से ज्यादा एकाग्र मन मस्तिष्क कहीं बड़ी राहत होते हैं।
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त्वचा अच्छी है, मतलब स्वास्थ्य अच्छा
अगर आपकी बिना किसी वजह त्वचा काली पड़ती जा रही है, मोटी होने का एहसास करा रही है, तो तुरंत ध्यान दें। त्वचा हमारा सबसे संवेदनशील शारीरिक अंग है। त्वचा अच्छी है, मतलब स्वास्थ्य अच्छा है। त्वचा सबसे पहले बाहरी परेशानियों से प्रभावित होती है। आंतरिक स्वास्थ्य की जांच के लिए आप तुरंत एक रक्त परीक्षण कराएं। रोज सुबह नियमित वाक करें, इससे शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है और त्वचा का रंग निखरता है। लेकिन अगर इस सबसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा तो जाहिर है समस्या अंदर हैं, तुरंत डॉक्टर से मिलें हो सकता है कोई बड़ी समस्या हो, जो त्वचा की समस्या के रूप में सामने आ रही हो। इसलिए डॉक्टर से मिलना जरूरी है।
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