Pregabalin Medicine: 2004 से यूरोप और अमेरिका में हो रहा है इस्तेमाल
चिंता-घबराहट की समस्या को दूर करने के लिए आमतौर पर दी जाने वाली दवा प्रीगैबलिन से होने वाली मौतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2018 में इंग्लैंड और वेल्स में प्रीगैबलिन से जुड़ी 187 मौतें हुईं, वहीं 2022 में इस दवा से होने वाली मौतों की संख्या दोगुनी से भी अधिक 441 हो गई। हाल की प्रेस रिपोर्ट में इन मौतों को ‘‘जीवन को नुकसान पहुंचाने वाली” दवा के कारण होने वाली ‘‘अमेरिकी शैली की ओपिओइड महामारी” के संकेत के रूप में दर्शाया गया है।
यह तर्कसंगत तुलना नहीं है, यह देखते हुए कि ओपिओइड (दर्द निवारक दवा) के कारण हजारों अमेरिकियों की मृत्यु हो गई है। ये रिपोर्ट केवल दवा के बारे में अनुचित दहशत पैदा करने का काम कर सकती हैं, खासकर उन लोगों में, जिन्हें डॉक्टरों ने उपयोग करने की सलाह दी है। प्रीगैबलिन (ब्रांड नाम लिरिका और अल्ज़ैन के नाम से भी जाना जाता है) का इस्तेमाल मिर्गी, तंत्रिका संबंधी दर्द और चिंता-घबराहट सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। इस दवा को पहली बार 2004 में यूरोप और अमेरिका में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई थी।

उत्साह, शांति और सहज महसूस
प्रीगैबलिन में लाभकारी गुण हैं और यह उत्साह, शांति और सहज अवस्था की भावनाएं पैदा कर सकता है। ये प्रभाव समझा सकते हैं कि जिन लोगों के पास डॉक्टर का पर्चा नहीं है वे भी प्रीगैबलिन की तलाश क्यों करते हैं। प्रीगैबलिन अपने आप में आम तौर पर खतरनाक नहीं है, हालांकि सभी दवाओं की तरह इसके संभावित दुष्प्रभाव भी हैं-जिनमें भ्रम की स्थिति पैदा होना और सिरदर्द भी शामिल हैं।
इसमें लत लगने का जोखिम भी हो सकता है, खासकर अगर लंबे समय तक इसे लिया जाए। लेकिन जहां प्रीगैबलिन खतरनाक हो सकता है, चाहे इसे डॉक्टरी परामर्श से इस्तेमाल किया जाए या नहीं, अगर इसे अन्य दवाओं के साथ लिया जाए तो यह उन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। आदर्श रूप से अन्य ओपिओइड, नींद लाने में कुछ सहायक दवाओं, बेंजोडायजेपाइन (चिंता को दूर करने संबंधी दवाएं), मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं और यहां तक कि मधुमेह और मिर्गी संबंधी कुछ दवाओं के साथ प्रीगैबलिन से बचना चाहिए।
Read more: Cirrhosis of the liver: खामोश बीमारी है सिरोसिस

परस्पर क्रिया के कारण होती हैं मौतें
प्रीगैबलिन के कारण होने वाली अधिकांश मौतें अन्य दवाओं के साथ परस्पर क्रिया के कारण होती हैं, जिससे सांस लेने में रुकावट होती है। वर्ष 2004-2020 के बीच इंग्लैंड में प्रीगैबलिन से होने वाली मौतों के विश्लेषण से पता चला है कि 90 प्रतिशत से अधिक मौतों में, अन्य ओपिओइड (मेथाडोन या मॉर्फिन सहित) की उपस्थिति का पता चला था।
हालांकि, केवल एक चौथाई मामलों में ही ये ओपिओइड वास्तव में व्यक्ति को निर्धारित किए गए थे। इससे पता चलता है कि लोग संभवतः इन दवाओं को अवैध तरीकों से प्राप्त कर रहे थे, न कि अपने डॉक्टर के माध्यम से। इसी तरह, डेटा से यह स्पष्ट नहीं है कि क्या प्रीगैबलिन लेने के लिए कहा गया था, या क्या व्यक्ति ने इसे डॉक्टर के परामर्श के बिना प्राप्त किया था। हालांकि, यह डेटा केवल 2020 तक का है, लेकिन संभावना है कि तस्वीर प्रीगैबलिन से जुड़ी हाल की मौतों के समान ही है।

84 लाख नुस्खे लिखे गए अकेले ब्रिटेन में
प्रीगैबलिन से होने वाली मौतों में हालिया वृद्धि आंशिक रूप से दवा निर्धारित करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि के साथ मेल खाती है। अकेले ब्रिटेन में, 2022 में प्रीगैबलिन के लिए 84 लाख नुस्खे लिखे गए। यह 2016 में 55 लाख के आंकड़े से अधिक है। यह सुझाव दे सकता है कि रोगी के जोखिम को कम करने के लिए अधिक सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है-विशेष रूप से अन्य दवाओं के सह-उपयोग के संबंध में। नुस्खे और मरीज दोनों को प्रीगैबलिन के इस्तेमाल के संभावित जोखिमों के बारे में जागरुक करने की आवश्यकता है-जिसमें निर्भरता की संभावना भी शामिल है।
Read more: Dermatology: त्वचा को चमकाएं, रूप को निखारें डर्मेटोलॉजिस्ट

मरीजों और चिकित्सकों में जागरूक जरूरी
मरीजों और चिकित्सकों को उन दवाओं के बारे में भी जागरूक होना चाहिए जिनके साथ प्रीगैबलिन परस्पर क्रिया करता है और ऐसे संयोजनों के प्रभाव हो सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मरीजों को अभी भी इससे लाभ हो रहा है, डॉक्टरों को नियमित रूप से प्रीगैबलिन से संबंधित डॉक्टर के परामर्श की समीक्षा करनी चाहिए। यदि नहीं, तो अन्य उपचारों की सिफारिश करना-जैसे मनोवैज्ञानिक उपचार, यदि कोई व्यक्ति चिंता के लिए दवा ले रहा है-अधिक उपयुक्त हो सकता है। लेकिन प्रीगैबलिन से जुड़ी मौतों में शामिल दवाओं की संबंध में यह स्पष्ट है कि अकेले दवा पर जागरुकता पर्याप्त नहीं होगी।
साक्ष्य यह भी बताते हैं कि प्रीगैबलिन का अवैध रूप से इस्तेमाल यूरोप और उत्तरी अमेरिका दोनों में एक बढ़ती समस्या है। खुले तौर पर इसकी उपलब्धता का मतलब यह हो सकता है कि उपयोगकर्ताओं को अन्य दवाओं जैसे सिंथेटिक ओपियेट, मेथाडोन के साथ प्रीगैबलिन लेने के जोखिमों के बारे में पता नहीं है।
- Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला - March 7, 2025
- Umang Shridhar Designs: ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, 2500 महिलाओं को दी ट्रेनिंग - March 7, 2025
- Medha Tadpatrikar and Shirish Phadtare : इको फ्रेंडली स्टार्टअप से सालाना 2 करोड़ का बिजनेस - March 6, 2025