Salsa Aerobic Workout: सालसा और एरोबिक डांस में तेजी का कमाल
हर कोई चाहे तो डांस कर सकता है। अगर किसी समारोह में लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाला नृत्य नहीं भी कर सकता तो ऐसा नृत्य तो हर कोई कर ही सकता है, जो तन और मन दोनो को स्वस्थ रखे, दुरुस्त रखे। नृत्य करने से हमें एरोबिक और वजन कम करने संबंधी दोनो किस्म के फायदे मिलते हैं। नृत्य से हमारी हड्डियां ताकतवर और लोच लचक को बर्दास्त करने वाली बनती हैं। नाचने के लिए किसी विशेष मूड की जरूरत तब तक होती है, जब तक हम नाचने से झिझकते हैं। एक बार हमारी यह झिझक टूट जाए तो फिर किसी भी तरह की मूड संबंधी बाधा नहीं रहती।
इन दिनों अपने पसंदीदा डांस के तरीके को ढूंढ़ना और उसके हिसाब से थिरकने की सुविधा भी बहुत आसान है। यू-ट्यूब में किसी भी किस्म के नृत्य को सर्च किया जा सकता है या मोबाइल में गूगल म्यूजिक जैसे संगीत एप्स के जरिये किसी भी किस्म के डांस को ढूंढ़कर चालू कर दीजिए और तबीयत से नाचिये। नृत्य करने में बहुत आसानी से आप महज 50 से 55 मिनट में 260 से ज्यादा कैलोरी जला सकते हैं। जबकि अगर आपका नृत्य बहुत तीव्र और सालसा या एरोबिक नृत्य है, तो आप 500 कैलोरी तक एक घंटे में जला सकते हैं। इससे पता चलता है कि नृत्य फिटनेस के लिए कितना लाभकारी है। किसी भी और एक्सरसाइज में इतनी कैलोरी इतने कम समय में जलाना संभव नहीं है। इसलिए नाचने को लेकर अपनी पारंपरिक झिझक को तोड़िये और हर दिन अपनी सुविधा के एक तय समय पर थिरकिए फिर देखिए मन व तन कैसे प्रसन्न रहते हैं।

खुशी और मन की मस्ती की अभिव्यक्ति
नृत्य अत्यधिक खुशी और मन की मस्ती की अभिव्यक्ति है। जब हम खुश होते हैं तो मन हवा में उड़ने लगता है। उस समय हमें नृत्य चाहे आता हो या न आता हो, हम खुशी से थिरकने लगते हैं। लेकिन जीवन में ऐसे मौके रोज नहीं, कभी कभार ही आते हैं। इस तरह अगर हम नाचने को महज मन की उमंगों और खुशियों की तरंगों तक ही सीमित रखेंगे तो कभी कभार ही नाच सकते हैं, जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं नृत्य का जितना हमारी खुशियों से संबंध है, उससे कई गुना ज्यादा इसका हमारी सेहत से संबंध है। इसलिए हर स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से नाचने की सलाह देता है।
वास्तव में नृत्य एक ऐसा फिटनेस मंत्र है जिसका मुकाबला दुनिया की कोई भी दूसरी एक्सरसाइज नहीं कर सकती। जब हम नृत्य करते हैं तो हमें एक नहीं सेहत संबंधी अनेक फायदे होते हैं। इससे हमारा हृदय स्वस्थ रहता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं, शरीर के विभिन्न अंगों के बीच शानदार संतुलन रहता है। किसी भी शारीरिक प्रतिक्रिया में सभी अंगों का समन्वय लयात्मक होता है।
याद्दशत तेज, हड्डियां मजबूत
याद्दशत तेज होती है, हड्डियां मजबूत होती हैं इस वजह से गिरने पड़ने पर भी उनके टूटने का जोखिम कम रहता है। हम हमेशा ऊर्जा से भरे होते हैं और हमारी मनोदशा सकारात्मक रहती है। इस तरह देखें तो नृत्य के न सिर्फ सेहत संबंधी बल्कि मानसिक और भावनात्मक फायदे भी बहुत होते हैं, शायद इसीलिए फिटनेस एक्सपर्ट नृत्य को सबसे खास व्यायाम कहते हैं। मगर यह भी सच है कि दुनिया में ज्यादातर लोग नृत्य करने से झिझकते हैं। उन्हें किसी के सामने नृत्य करने से हमेशा संकोच होता है, उन्हें लगता कि वह अच्छा नृत्य नहीं कर पाते, इसलिए देखने वाले लोग उसका मजाक उड़ाएंगे। भले नृत्य के बहुत सारे सेहत संबंधी फायदे हों, लेकिन सामाजिक रूप से नृत्य इस कदर हमारी व्यक्तिगत भावनाओं से जुड़ा हुआ है कि लोग आमतौर पर नृत्य करने से बचते हैं।
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एक्सरसाइज के रूप में लें डांस को
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं अगर आपको सबके सामने नाचने में दिक्कत होती है तो कोई बात नहीं, सबके सामने मत नाचिए, क्योंकि नाचने से यहां लोगों की वाहवाही पाना लक्ष्य नहीं है और न ही अपनी विशिष्ट पर्सनैलिटी का सिक्का जमाना है। जब हम बात सेहत के लिए नाचने की करते हैं तो साफ सा मतलब है कि इसे एक एक्सरसाइज के रूप में लें और घर के एकांत में या जहां कहीं भी हम सुविधाजनक महसूस करें नाच सकते हैं। क्योंकि हम दूसरों को अपनी नृत्य प्रतिभा से हैरान करने के लिए नहीं नाच रहे होते, हम तो सिर्फ अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए, अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए नाचते हैं।

स्कूलों में नृत्य की कक्षाएं अनिवार्य हो
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का तो यह भी कहना है कि सरकारों को स्कूलों में नृत्य की कक्षाएं अनिवार्य कर देनी चाहिए, इससे दो बड़े फायदे होंगे एक तो हर दिन 40-45 मिनट तक नृत्य करने से सभी छात्र फिट रहेंगे और जब हर दिन सैकड़ों सहपाठियों के सामने नाचेंगे या थिरकेंगे तो नाचने या थिरकने की जो शुरुआती झिझक है, टूट जायेगी। लेकिन पता नहीं क्यों नृत्य कभी भी किसी स्कूल में अनिवार्य कक्षा के रूप शुरू नहीं किया जाता। बहरहाल नाचने के स्कूल कॉलेज के नियम कुछ भी हों, हम अगर अपनी सेहत के प्रति सजग हैं तो हम हर दिन महज 30-35 मिनट तक नाचकर अपने शानदार स्वास्थ्य की गारंटी पा सकते हैं।
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नाचने को लेकर जो सबसे अच्छी बात है, वह यह है कि किसी भी दूसरी एक्सरसाइज में जहां हमें एक स्थिति के बाद अरूचि हो जाती है, आनंद नहीं आता, उसके उलट नाचना एक ऐसी एक्सरसाइज है कि यदि हम उसे इंज्वाय करने लगे तो फिर हम कभी थकेंगे नहीं। कई ऐसे नर्तक हैं जो पूरी पूरी रात नाचकर अगले दिन फिर तरोताजा मिलते हैं। क्योंकि नृत्य वह गतिविधि है जिससे शरीर तो स्वस्थ होता ही होता है, मन को बहुत खुशी भी मिलती है। इसलिए हम नाचने से जल्दी थकते नहीं। लेकिन ज्यादातर लोगों के मन में यह बात घर किये रहती है कि वह नाच नहीं सकते। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आपके मन में भी यह बात घर कर गई है कि आप नाच नहीं सकते, तो इसे आपको चुनौती देना चाहिए यानी नाचने को आजमाकर देखना चाहिए।
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