Shavasana Yoga: कुछ देर के लिये मुर्दा बन जाओ
Shavasana Yoga: आजकल की लाइफस्टाइल के चलते हम कब तनाव का शिकार हो जाएं इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। पढ़ाई का बोझ, नौकरी में टारगेट का दबाव और न जाने किस किस तरह की स्थितियां हैं जो हमें हर समय तनाव से घेरे रहती हैं। इसलिए इस तनाव से मुक्ति के लिए हमारे पास कोई न कोई ऐसा तरीका होना चाहिए, जो हमें जरा सी कोशिश से राहत दे और इस मामले में सबसे उपयोगी है एक योगासन, जिसे शवासन कहते हैं। शायद इसलिए इसे सबसे उपयोगी आसान भी कहते हैं। इस आसन के जरिये आप कुछ ही मिनटों में तनाव, थकान से मुक्ति पा जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह आसन बहुत ही सरल है। इसे कोई भी बहुत आसानी से कर सकता है।

जमीन पर लेट जाएं
शवासन करने के लिए सबसे पहले हमें जमीन पर लेट जाना चाहिए। पैरों को बिल्कुल ढीला छोड़ दें, दोनो हाथों को शरीर से दूर रखें और कुछ इस तरह भाव भंगिमा हो जैसे आपमें चेतना ही नहीं है, आप जीवित इंसान नहीं बल्कि मुर्दा हैं। इसके लिए हमें अपने अंगूठों से यह एहसास शुरु करना चाहिए और खुद को ढीला छोड़कर प्रकृति से ऊर्जा महसूस करना चाहिए। यह आसन हमेशा सारे आसन करने के बाद किया जाता है। इसके पीछे कारण यह होता है कि हम ये सब करते हुए भी जो थकान महसूस करने लगते हैं, उससे मुक्ति हो जाए। शवासन बहुत सरल है लेकिन ठीक उसी समय इसे गहराई से किया जाए तो बहुत जटिल और बहुत तेजी से आत्म नियंत्रण देने वाला आसन है। इससे हमें डीप हीलिंग का एहसास होता है और शरीर को गहरे विश्राम की अनुभूति होती है। बाकी आसन करने के लिए कहा जाता है कि शरीर में ऊर्जा होनी चाहिए, लेकिन यह ऐसा आसन है कि बहुत थके होने पर करना और बेहतर होता है। यह आसन हमें इस्टेंट एनर्जी देता है।

रक्तचाप और एंजाइटी घटती
इस आसन के करने के तनाव से तात्कालिक मुक्ति और थकान का एहसास कम होना तो है ही। उससे रक्तचाप और एंजाइटी घटती है। एकाग्रता और मैमोरी बढ़ती है। ऊर्जा का स्तर बेहतर होता है और हम बहुत गहरे मन में शांति का एहसास करते हैं। लेकिन इस आसन से इतने फायदे होते हैं पर अगर जरा सा ध्यान न रखा जाए तो इसके नुकसान भी होते हैं। मसलन शवासन को पहले आसन के रूप में कभी न करें इसके बाद भी कोई और आसन न करें। यह शरीर को रिलेक्स करता है, नयापन देता है, ऊर्जा से भरपूर बनाता है। इसे करने से हमारे शरीर के ऊर्जा स्तर में बहुत तेजी से बढोतरी होती है।
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10 मिनट ही करें
इसे ज्यादा से ज्यादा शुरुआत में 10 मिनट ही करें। करने के लिए योग चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं। इस दौरान आपको कोई भी डिस्टर्ब न करें यह सुनिश्चित करना चाहिए, क्योंकि इससे शवासन के दौरान दिक्कत होती है। शवासन करते समय सांस बहुत धीमी गति से लेनी चाहिए और आंखें खोलने से पहले गहरी सांसें लेकर आंखें खोलनी चाहिए। शवासन से पहले इस बात का भी ध्यान रखिए कि सिर को हल्का सा उठाकर रखें। अगर हल्के तकिये का सहारा लें तो और ठीक है। लेकिन धीरे धीरे एक स्थिति में आकर सिर के नीचे कुछ रखना बंद कर दें। शवासन करने से बहुत शानदार लाभ होते हैं सबसे बड़ी बात यह है कि इससे न सिर्फ दिमाग रिलैक्स होता है बल्कि मजबूत और कल्पनाशील बनता है। …और हां, इस आसन को करने में शारीरिक मेहनत बिल्कुल नहीं करनी पड़ती तो जब भी तनाव में हों तो इसे जरूर करें।

आसन को करने का सही तरीका
बिना तकिये या किसी भी वस्तु का सहारा लिए पीठ के बल लेट जाएं। यदि आवश्यकता हो तो अपनी गर्दन के नीचे एक छोटा तकिया लगा सकते हैं। आंखें बंद कर लें। अपने पैरों को आराम से फैला लें और अपने घुटनों व पंजे को पूर्ण विश्राम दे। दोनों पैरों की उँगलियाँ एक दुसरे के विमुख होनी चाहिए। अपने हाथों को शरीर के साथ रखें परंतु वे आपके शरीर को न छुएं। हथेलियां आसमान की ओर फैली हुई। अपना ध्यान शरीर के हर अंग पर धीरे-धीरे लेकर जाएँ और अपने पूरे शरीर को विश्राम दे। अपना ध्यान दाहिने पंजे पर ले जाएँ, और फिर दाहिने घुटने पर ले जाएँ( इस प्रकार पूरे दाहिने पैर पर अपना ध्यान ले जाएं और उसके पश्चात बहिनी पैर पर अपना ध्यान ले जाएँ), धीरे-धीरे शरीर के हर एक अंग को विश्राम देते हुए सिर पर अपना ध्यान ले जाएं।
धीमी और गहरी साँसे ले और हर साँस लेते हुए विश्राम करें। अंदर आती हुई हर सांस आपको ऊर्जा देती है और बाहर जाती हुई हर सांस आपको विश्राम देती है। अपने मन में उठ रही उत्तेजना, शीघ्रता, अथवा किसी भी चीज़ पर ध्यान न दे। सिर्फ अपने शरीर और मन के साथ रहे। अपने पूरे शरीर को धरती पर समर्पित कर दे और विश्राम करें। ध्यान दे के आप यह आसन करते हुए सो न जाएं। 10-20 मिनट के बाद, जब आप पूर्णतः विश्राम की स्थिति में पहुँच जाएँ तब अपनी आँखें बंद रखते हुए अपनी दाहिनी ओर करवट लें। उस स्थिति में 1 मिनट तक रहे। अपने दाहिने हाथ का सहारा लेते हुए उठ कर बैठ जाएं। अपनी आँखों को बंद रखते हुए कुछ लंबी गहरी सां से ले और धीरे से अपना ध्यान वापस अपने वातावरण और शरीर की ओर लेकर आएँ। जब आप पूर्णता का अनुभव करें तो अपनी आँखें धीरे से खोल सकते हैं।
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गहरे ध्यान की स्थिति
शवासन करने से व्यक्ति एक गहरी ध्यान की स्थिति में पहुंच जाता है जो शरीर को तनाव से मुक्त करती है और कोशिकाओं को पूर्णतः ठीक करती हैं। योगाभयास के पश्चात शवासन करने से आप गहरे ध्यान की स्थिति में जा सकते है। आसन के अभ्यास से आपका शरीर पुनः ऊर्जा से भर जाता है। यह पूर्ण योगाभ्यास के क्रम को खत्म करने के लिए सबसे उत्तम आसन है, मुख्यतः जब आपने योगासन तेज़ गति से किया हो। आसन नीचे रक्त-चाप, इंसोम्निया, और एंग्जायटी के मरीजों के लिए बहुत अच्छा है। आसन शरीर को स्थिर करने के लिए सबसे उत्तम आसन है और वात दोश को शरीर में ठीक करता है।
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