Walking For Fitness: 10 हजार कदम पैदल चलागे तो BP का खात्मा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में हर साल 32 लाख लोग अपनी मौत से पहले ही इसलिए मर जाते हैं क्योंकि वे फिजिकल एक्टीविटी नहीं करते। अगर ये लोग प्रतिदिन 2 हजार कदम भी चले होते तो कम से कम अपनी प्राकृतिक उम्र के पहले न मरते। अगर कोई व्यक्ति हर दिन 4 हजार कदम पैदल चलता है तो वह 10 किस्म की बीमारियों से दूर रहता है। हृदय संबंधी परेशानियां उसे 20 फीसदी कम होती हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से पैदल चलने के अनगिनत जादुई फायदे हैं। पैदल चलने से हमारा हाई ब्लडप्रेशर यानी हाइपरटेंशन कंट्रोल में रहता है। एक रिसर्च के मुताबिक हर दिन अगर कम से कम 1000 कदम भी आप पैदल चलते हैं तो सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर में लगभग 0.45 अंक कम होते हैं। अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन 10 हजार पैदल चलता है तो मेडिकल कॉलेज जापान में हुए एक शोध के मुताबिक महज 12 सप्ताह में ब्लड प्रेशर की समस्या खत्म हो जाती है।

20 मिनट पैदल चलने से ग्लूकोज नियंत्रित
एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिदिन 2 हजार कदम चलने वाले व्यक्तियों में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में 10 फीसदी की कमी आती है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिदिन 20 मिनट पैदल चलने से शरीर का ग्लूकोज नियंत्रित रहता है। चिकित्सा जगत के जनक हिपोक्रेटिक्स ने कहा था, ‘पैदल चलना सेहत के लिए सबसे अच्छी दवा है।’ वॉकिंग एक सुपर फिटनेस फॉर्मूला है। इन दिनों सोशल मीडिया में बहस का विषय बनी यह बात अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग सच है कि आखिरकार स्वस्थ रहने के लिए या कहें कि जब वॉकिंग फिटनेस का सुपर फॉर्मूला बन जाती है,
उस लेबल की वॉकिंग के लिए हर दिन कितने कदम चलने चाहिए? तो इसका सबसे वैज्ञानिक उत्तर यह है कि सभी व्यक्तियों के लिए एक ही संख्या फिक्स नहीं हो सकती। लोगों की लंबाई, उनकी उम्र, मोटापा और शरीर संबंधी दूसरी निजताओं के मुताबिक ही उनके लिए हर दिन पैदल चलने के निश्चित कदम तय किए जा सकते हैं। इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि अपने डॉक्टर या फिटनेस एक्सपर्ट से मिलें। वह आपकी विभिन्न पैमानों पर स्वास्थ्य संबंधी जांच के बाद आपको बता सकता है कि आपको सर्वश्रेष्ठ फायदा पाने के लिए हर दिन कितने कदम पैदल चलने चाहिए।
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जल्दी मरने के खतरे से मुक्त
अलग-अलग उम्र, स्वास्थ्य और बॉडी के मुताबिक यह 4 हजार कदम की संख्या भी हो सकती है, 5 हजार भी हो सकती हैं 8 या 10 हजार भी हो सकती है और 2000 कदम भी पर्याप्त हो सकते हैं। बच्चों को प्रतिदिन कम से कम एक घंटे फिजिकल एक्टीविटी करनी चाहिए। अगर इसे पैदल चलने में काउंट करें तो करीब 7 से 8 हजार कदम बनते हैं।
वैसे पोलैंड की एक यूनिवर्सिटी में हुए लंबे समय तक के रिसर्च में यह पाया गया है कि अगर कोई व्यक्ति हर दिन 4 हजार कदम पैदल चलता है तो वह जल्दी मरने के खतरे से मुक्त हो जाता है और अगर हर दिन महज 2400 कदम चलता है तब भी दिल से संबंधित बीमारियों से बचा जा सकता है। पोलैंड की मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉड्ज में 2 लाख से ज्यादा लोगों पर हुए एक शोध अध्ययन में पाया गया है कि हर रोज पैदल चलने के कम से कम 10 फायदे होते हैं।
- – ब्लडप्रेशर कंट्रोल में रहता है
- – जोड़ों का दर्द कम होता है
- – शरीर फिजिकली एक्टिव रहता है
- – डायबिटीज कंट्रोल में रहती है
- – हड्डियां मजबूत होती हैं
- – डाइजेशन सिस्टम ठीक रहता है
- – हार्ट अटैक का खतरा कम होता है
- – मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है
- – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- – काम करने में मन लगता है
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सेरोटोनिन नामक केमिकल रिलीज
पैदल चलने से ब्रेन में सेरोटोनिन नामक केमिकल रिलीज होता है जिससे मानसिक रूप से हमें अच्छा महसूस होता है। शरीर की कार्य संरचना के जानकार मानते हैं कि पैदल चलने से शरीर को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा में बढ़ोतरी होती है जिससे हमारी ढेर सारी कैलोरी जलती है। हड्डी रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि सुबह के समय पैदल चलने से शरीर को विटामिन डी की प्राप्ति होती है लेकिन अगर अर्थराइटिस की समस्या है तो ऐसे में पैदल चलना सही फैसला नहीं होगा।
कुल मिलाकर पैदल चलना बेहिसाब फायदों से भरी गतिविधि है। यह किसी भी उम्र के लोगों के लिए स्वास्थ्यप्रद है। एक औसत फॉर्मूले के मुताबिक बच्चों को हर दिन एक से डेढ़ घंटे शारीरिक रूप से खेलना कूदना चाहिए। किशोरों और युवावस्था में प्रवेश करने वाले युवाओं को हर दिन 6 से 7 हजार कदम पैदल चलने चाहिए। कुछ लोगों को इस बात को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन रहता है कि आखिर किस समय वॉक करना ज्यादा फायदेमंद रहता है,
सुबह या शाम? एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर सुबह आपके पास समय हो तो वॉक करने का इससे बेहतर कोई दूसरा समय नहीं होता। अगर सुबह का समय न हो तो दिन में कभी भी जब भी बॉडी में वॉक करने की एनर्जी हो, बिना मौका गंवाए वॉक करना चाहिए। आजकल एक कंफ्यूजन यह भी बहुत से लोगों को परेशान करता है कि आखिर खाना खाने के बाद वॉक करना चाहिए या नहीं?

शरीर में चुस्ती फुर्ती रहती है
ज्यादातर एक्सपर्ट रात का खाना खाने के बाद वॉक करने की बात करते हैं लेकिन कई एक्सपर्ट कहते हैं कि खाना खाने के तुरंत बाद वॉक नहीं करना चाहिए। अगर बहुत हल्का फुल्का खाया है तो भी एक से दो घंटे बाद ही वॉक करना चाहिए। हां, खाना खाने के पहले भरपूर वॉक की जाती है लेकिन वॉक खत्म करते ही खाना नहीं खाना चाहिए। पैदल चलने को लेकर जहां कई तरह के मिथकों में जरूरत से ज्यादा भी इससे उम्मीदें की जाती हैं
जबकि हकीकत यह है कि ऐसा नहीं करना चाहिए यानी यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि महज वॉक करने से हमारा वजन कम हो जायेगा या मसल्स बन जाएंगे। वॉक करने से शरीर में चुस्ती फुर्ती रहती है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का मन करता है और हां, इससे हम कई बार बिना किसी वजह के भी खुश रहते हैं जो कि इसका रासायनिक प्रभाव होता है।
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ये उपाय आजमाने चाहिए
सवाल है जिन लोगों के आसपास वॉक करने के लिए पार्क न हों, वॉकिंग ट्रेड न हो, वे लोग कहां जाएं? याद रखिए कई लोग इतने व्यस्त होते हैं कि वॉक के लिए समय निकलना उनके लिए मुश्किल होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे लोगों को ये उपाय आजमाने चाहिए।
- – जब भी किसी से फोन पर बात कर रहे हों, बैठकर बात करने की बजाय कोशिश करें कि अगर टहलते हुए कर सकते हैं तो करें।
- – अगर दिनभर कुर्सी में बैठकर काम करना पड़ता हो तो हर एक घंटे में एक बार कम से 2 मिनट के लिए जरूर उठें । 5 मिनट के लिए उठें तो और अच्छी बात है। कम से कम 100 कदम टहलें, बॉडी स्ट्रैच करें और फिर बैठ जाएं।
- – अपने दफ्तर में अगर वह कई मंजिल ऊपर हो तो सीढ़ियों से चढ़कर जाएं, बजाय लिफ्ट के। घर में भी यही फॉर्मूला अपनाएं।
- – जब भी दोपहर का लंच करें 5 से 7 मिनट टहल लें। ऑफिस में हैं तो बाहर तक घूम आएं।
- – घर मुहल्ले में आसपास जाना हो मसलन दूध लेने, सब्जी लेने तो किसी वाहन से जाने की बजाय पैदल जाएं।
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ज्यादा पैदल चलने से भी परहेज करें
इस बात को भी याद रखें कि जरूरत से ज्यादा और बेतरतीब पैदल चलने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसका भी ख्याल रखें। जैसे- ज्यादा पैदल चलने से पैरों में सूजन आ जाती है। नसों में खिंचाव आ जाता है। कमर में दर्द हो जाता है। मसल्स दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं और तेज बुखार भी आ जाता है। इसलिए जरूरत से ज्यादा पैदल चलने से भी परहेज करें और अंत में इन बातों को भी याद रखें-
- – खुली जगहों या छत पर अथवा पार्क में टहलना सबसे अच्छा होता है।
- – जब भी पैदल चलें तो कमर झुकाकर, कंधे झुकाकर पैदल न चलें।
- – हमेशा बॉडी पोश्चर सावधान की मुद्रा वाला रखें।
- – स्पोर्ट्स शूज पहनकर टहलें तो सबसे अच्छा।
- – कभी भी टाइट कपड़े पहनकर मॉर्निंग वॉक न करें और हां जब सुबह घूमें तो हमेशा नाक से सांस लें न कि मुंह से।
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