BJD Achyuta Samanta ने 5 सालों में बेरोजगारी से लेकर भुखमरी तक को दिया मुंहतोड़ जवाब
- शिक्षा की अलख जगाया, पीने का पानी घर-घर पहुंचाया
- 40,000 से ज्यादा आदिवासी स्टूडेंट्स ले रहे मुफ्त शिक्षा
- बीजेडी का गढ़ है कंधमाल
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजू जनता दल (BJD) के अच्युतानंद सामंत ने जीत हासिल की थी। अच्युतानंद सामंत को चुनाव में 461,679 वोट मिले थे। इस बार फिर से बीजू जनता दल ने Achyuta Samanta को कंधमाल लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। कंधमाल जिला मध्य ओडिशा में स्थित है। बीजेडी का गढ़ कहा जाने वाली कंधमाल लोकसभा सीट पर अक्सर बीजेडी का ही कब्जा रहा है। शिक्षाविद् से राजनेता बने अच्युतानंद सामंत ने कंधमाल का चहुंमुखी विकास तो किया ही है, साथ ही आदिवासियों में शिक्षा की अलख जगाकर आदिवासी सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है, उन्होंने हज़ारों गरीब, अभावग्रस्त आदिवासी बच्चों का कल्याण भी किया है। उनके द्वारा स्थापित राजधानी भुवनेश्वर में स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (कीट) और कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (कीस) में 80 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। वहीं, कीस जो विश्व का प्रथम आदिवासी आवासीय यूनिवर्सिटी में 65 देशों के करीब 40,000 भी अधिक अधिक आदिवासी छात्र-छात्राएं को मुफ्त रहने से लेकर शिक्षा दी जा रही है।

500 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण
कोविड-19 महामारी के दौरान भी अच्युतानंद सामंत ने विकास का दामन नहीं छोड़ा, उन्होंने फुलबनी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर पिछले 50 वर्षों का सपना पूरा किया। चूंकि मोबाइल कनेक्टिविटी बहुत कम थी, इसलिए 1,094 टावर लगाए गए, उन्होंने कहा कि कंधमाल में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और फुलबनी में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना एक सांसद के रूप में मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस आवश्यकता को पहचाना और 100 सीटों वाले एक विशाल मेडिकल कॉलेज के निर्माण की परियोजना शुरू की। 504 करोड़ की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज के साथ 500 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण अंतिम चरण में है और इस परियोजना को साकार करने के लिए हम मुख्यमंत्री के आभारी हैं।

बेरोजगारी की समस्या दूर करने कार्य किये
Achyuta Samanta ने बताया कि पिछले 5 सालों में मैंने अपने जिले की बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कई काम किए हैं। मैंने अपनी एक पहल से पहली बार फुलबनी में रोजगार मेला का आयोजन किया, जिसमें 20 हजार युवाओं ने हिस्सा लिया था। इस रोजगार मेले की सबसे खास बात ये रही कि इसमें 102 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। आपको बताना चाहूंगा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का ऐसा कदम इतिहास में कभी नहीं उठाया गया।
सड़क निर्माण करवाया -पेयजल पहुंचाया
अच्युतानंद सामंत ने कहा कि कंधमाल में बहुसंख्यक आदिवासियों के विकास के लिये मैंने कई कदम उठाएं है। शहरों से आदिवासियों के गांवों को जोड़ने के सड़कों का निर्माण कराया, इसके अलावा पीने का पानी भी जन-जन तक औक गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया है। कंधामाल में पानी की समस्या को काफी हद तक सुलझा दिया गया है।
169 किमी रेलवे लाइन का काम जल्द होगा पूरा
अच्युतानंद सामंत के अनुसार आज के समय कंधमाल में सबसे बड़ी कमी है कि इस जिले में एक भी रेलवे लाइन नहीं है। लेकिन अब इस समस्या का निवारण भी कर लिया गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री और मैंने रेल मंत्री से बार-बार अनुरोध किया है और परिणाम स्वरूप खुर्दा-बलांगीर रेल कनेक्शन का काम बहुत जल्द पूरा होने वाला है। जिले की इस 169 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन में 11 स्टेशन होंगे, जिनमें पुनुनापानी, झार्समुंडा, बौध, चंपापुर, पुरुनाकटक, चारीचक, अधोनिगाड, वाणीगोचा, बुगुडा, दासपल्ला और नुआगांव शामिल होंगे।
Landmark day for Daspalla in Kandhamal with the inauguration of the railway station by Hon'ble Minister @AshwiniVaishnaw Ji. Thankful to our Hon'ble CM @Naveen_Odisha Ji for his unwavering support in railway expansion, including land provision & funding 50% of construction cost pic.twitter.com/ONxbpxX5Zw
— Achyuta Samanta (@achyuta_samanta) January 6, 2024
Read more: LAC Border Dispute: देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी
जिले में बीजेडी की स्थिति काफी अच्छी
अच्युतानंद सामंत ने कहा कि वर्तमान में कंधमाल जिले में BJD की स्थिति काफी अच्छी है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं के दौरे से कोई असर नहीं होने वाला है, क्योंकि जिले की जनता बीजेडी के साथ है। यहां कंधमाल में केवल मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ही मायने रखते हैं। पार्टी लोकसभा और सभी विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करने जा रही है।
12 बैंक स्थापित करने की योजना
अच्युतानंद सामंत ने जिले की विकास के लिये भविष्य की योजनाओं के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि कंधमाल के लिए स्वीकृत कई परियोजनाएं 2024-25 में लागू होने वाली हैं। हमने पर्यटन और रोजगार पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है, साथ ही 2024 तक सरकार कंधमाल जिले में घर-घर तक पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए भी युद्ध स्तर पर काम कर रही है। निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में 12 बैंक स्थापित करने की योजना भी बनाई गई है, जिसे जल्द दी क्रियान्वित किया जाएगा। इसके अलावा महासिंगी, बैदा और कांटामाल में गरीब बच्चों के लिए 3 डे-बोर्डिंग स्कूल और 3,200 बिस्तरों वाले अस्पताल स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
2019 का चुनाव बड़े अंतर से जीते थे सामंत

कंधमाल लोकसभा सीट के संसदीय इतिहास पर नजर डालें तो इस सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद 2009 में यह सीट अस्तित्व में आई। अस्तित्व में आने के बाद से ही कंधमाल सीट पर बीजेडी का कब्जा बना हुआ है। 2009 में बीजेडी के रुद्र माधव राय सांसद चुने गए थे। 2014 के आम चुनाव में बीजेडी ने हेमेंद्र चंद्र सिंह को मैदान में उतारा और वह विजयी भी रहे। बाद उनके पार्टी छोड़ने की वजह से अक्टूबर 2014 में उपचुनाव कराया गया और बीजेडी फिर से यहां पर विजयी हुई। तब प्रत्युष राजेश्वरी सिंह चुनाव जीते थे।
Read more: Lok Sabha Polls: इतिहास में पहली बार महिला वोटर्स जलवा
2019 के चुनाव में अच्युतानंद सामंत ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। पिछले 2 चुनावों में यहां पर BJD और BJP के बीच ही मुकाबला रहा है। ऐसे में इस बार भी दोनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। कांग्रेस के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना बड़ी चुनौती होगी। कंधमाल प्रकृति की सुंदरता से भरपूर है। यहां के वन्य जीवन, प्राकृतिक सुंदरता, स्वस्थ जलवायु पर्यटकों को लुभाने के लिए पर्याप्त हैं। जिले का करीब 66 फीसदी हिस्सा घने जंगलों और 2000 फीट से 3000 फीट की ऊंचाई पर हरे-हरे घास के मैदानों से समृद्ध ऊंचे पहाड़ों से ढका हुआ है।
भुखमरी को दिया मुंहतोड़ जवाब

अत्यंत गरीबी के कारण दो वक्त का भोजन जुटाने में असमर्थ डॉ। Achyuta Samanta ने कभी हार नहीं मानी और आज वो विश्व के सबसे बड़े नि:शुल्क आदिवासी आवासीय संस्थान ‘कीस’ के संस्थापक हैं। उनका उद्देश्य है कि जिस भुखमरी में उनका बचपन बीता वो समाज के गरीब और पिछड़ी जाति के लोगों को न देखना पड़े। सामंत द्वारा स्थापित कलिंग इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज (कीस), उन सभी गरीब आदिवासी बच्चों के लिए घर और विद्या का मंदिर बन चुका है, जो शायद एक वक़्त की रोटी जुटा पाने के लिए भी बहुत संघर्ष कर रहे होते। आज ये संस्थान ओडिशा की पहचान बन चुका है, हमेशा गरीबी के लिए जाना जाने वाला ओडिशा आज विश्व स्तर पर अपनी उपलब्धियों के लिए जाना जाने लगा है।
- Content Marketing : भारत में तेजी से बढ़ रहा है कंटेंट मार्केटिंग का क्रेज - January 22, 2025
- Black Magic Hathras: ‘काले जादू’ के नाम पर 9 वर्ष के बच्चे की बलि - January 18, 2025
- Digital Marketing: आपके व्यवसाय की सफलता की कुंजी ‘डिजिटल मार्केटिंग’ - January 18, 2025