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Reading: Child Labour: दुनिया में 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूर
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WeStory > हिंदी न्यूज़ > Child Labour: दुनिया में 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूर
हिंदी न्यूज़

Child Labour: दुनिया में 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूर

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 5-14 आयु वर्ग के एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चे बाल श्रम की दलदल में धकेले गए हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूर हैं।

WeStory Editorial Team
Last updated: 2024/06/18 at 11:50 AM
WeStory Editorial Team
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8 Min Read
Child Labour
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Child Labour: दुनिया में 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूर

Child Labour: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 5-14 आयु वर्ग के एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चे बाल श्रम की दलदल में धकेले गए हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूर हैं। इनकी संख्या घटने की जगह बढ़ती जा रही है। जानकारी के मुताबिक भारत में बाल मजदूरों का सबसे ज्यादा संख्या 5 राज्यों में है। जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हैं। यहां बाल मजदूरों की कुल संख्या लगभग 55 प्रतिशत है। वहीं हाल ही में मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से शराब की भट्टी में काम कर रहे कुल 58 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के साथ मिलकर सोम डिस्टिलरी पर कार्रवाई की। बीबीए ने बताया कि एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में एक टीम ने सोम डिस्टिलरी से 58 बच्चों को बचाया, जिनमें 19 लड़कियां और 39 लड़के शामिल हैं।

Table of Contents
Child Labour: दुनिया में 15.2 करोड़ बच्चे बाल श्रम के लिए मजबूरप्रतिदिन 12-14 घंटे काम कराया जाता थाशराब और रसायनों की दुर्गंध असहनीय थीफतेहाबाद में भी विभिन्न दुकानों पर छापेमारी( देश में बाल मजदूरी के आंकड़े-2024 )( देश इन 3 राज्य में सबसे ज्यादा संख्या )( दुनियाभर पर एक नजर )भारत में कानून
Child Labour
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प्रतिदिन 12-14 घंटे काम कराया जाता था

बचपन बचाओ आंदोलन के अनुसार बच्चों के हाथों में हानिकारक रसायन और अल्कोहल से जलने के निशान थे। नियोक्ता इन बच्चों को रोजाना स्कूल बस में भेजता था और उनसे प्रतिदिन 12-14 घंटे काम कराया जाता था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। यादव ने लिखा,‘श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग से विस्तृत जानकारी ली तथा उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’ ‘सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रूअरीज’ आईएसओ प्रमाणित कंपनियों का समूह है जो बीयर, आईएमएफएल (भारत निर्मित विदेशी शराब) और आरटीडी पेय पदार्थ का उत्पादन एवं आपूर्ति करती है।

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शराब और रसायनों की दुर्गंध असहनीय थी

बीबीए के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा,‘शराब और रसायनों की दुर्गंध असहनीय थी। यह अकल्पनीय है कि बच्चे हर दिन इतने लंबे समय तक इन परिस्थितियों में काम करते थे। हम नियोक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील करते हैं।’ प्रयास करने के बावजूद ‘सोम ग्रुप ऑफ कंपनीज’ के निदेशक आलोक अरोड़ा से संपर्क नहीं हो सका। रायसेन के जिलाधिकारी अरविंद दुबे से भी संपर्क नहीं हो सका। दो दिन पहले बीबीए की शिकायत पर एनसीपीसीआर ने रायसेन जिले के मंडीदीप कस्बे के तीन कारखानों से 36 बच्चों को मुक्त कराया गया था। बाल मजदूरी की सबसे बड़ी वजह गरीबी है, जिसके कारण बच्चों को मजदूरी करना पड़ता है। सरकार लगातार बाल मजदूरी को रोकने का प्रयास कर रही है, लेकिन गरीबी के कारण अभी भी बच्चे मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। आज बाल श्रम निषेध दिवस के दिन हम आपको बताएंगे कि किस राज्य में सबसे ज्यादा बाल मजदूरी कराई जाती है।

Child Labour
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फतेहाबाद में भी विभिन्न दुकानों पर छापेमारी

उधर, फतेहाबाद में भी विभिन्न दुकानदारों पर छापेमारी की गई। इस दौरान टीम ने 4 दुकानों पर बाल श्रम होते पाया और 4 बालकों को रेस्क्यू कर दुकान मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस को दी शिकायत में बचपन बचाओ आंदोलन, दिल्ली निवासी पुनीत शर्मा ने कहा है कि बाल श्रम रोकने को लेकर उसके नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है। उन्होंने बाल श्रम रोकने को लेकर टीम सदस्यों के साथ फतेहाबाद शहर में चैकिंग की। चैकिंग के दौरान उन्हें लाल बत्ती चौक स्थित हुल्शी कन्फैक्शनरी पर बिहार का एक 16 साल का लडक़ा मौज्जम वेटर का काम करते हुए मिला। दुकान मालिक राकेश उसे 7500 रुपये प्रति माह वेतन देता है और वह तीन महीने से यहां का कर रहा है। दुकानदार पूरा दिन काम करवाता है।

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टीम ने जवाहर चौक स्थित सेवक ढाबा पर 14 साल के प्रवीन को काम करते पाया। प्रवीन यहां तंदूर पर रोटियां सेंकने का काम कर रहा था।वह एक सप्ताह से यहां काम कर रहा है। ढाका मालिक देवीलाल उससे सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक काम करवाता है और 8 हजार मासिक वेतन देने का वायदा किया है। इसके अलावा टीम ने रतिया चुंगी स्थित इनफिल्ड डॉक्टर, मोटर मैकेनिक की दुकान पर 14 साल के गुरप्रीत को बाईक रिपेयर का काम करते पाया। उसने बताया कि वह 3 महीने से यहां काम करता है और दुकान मालिक सचिन सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक काम करवाता है और प्रतिदिन सिर्फ 50 रुपये देता है। इसके बाद टीम रतिया चुंगी स्थित कन्हैया रसगुल्ला भंडार पर पहुंची। यहां टीम ने 17 साल के संदीप को काम करते पाया। संदीप ने बताया कि वह एक महीने से यहां काम कर रहा है। दुकान मालिक सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक लगातार काम करवाता है और 8 हजार रुपये मासिक देता है। इस पर टीम ने इन चारों बच्चों को रेस्क्यू किया और दुकान मालिकों के खिलाफ बाल श्रम अधिनियम तथा जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

( देश में बाल मजदूरी के आंकड़े-2024 )

– 80 % बाल मजदूरी की जड़ें ग्रामीण इलाकों में ही फैली हैं
– 32।9 % (33 लाख) खेती से जुड़े कामों में लगी है
– 26 % (26।30 लाख) बच्चे खेतीहर मजदूर हैं।

Child Labour
Child Labour

( देश इन 3 राज्य में सबसे ज्यादा संख्या )

राज्य संख्या प्रश
उत्तर प्रदेश 21.80 लाख 21.5%
बिहार 10.9 लाख 10.7%
राजस्थान 8.5 लाख 8.3 %

( दुनियाभर पर एक नजर )

– 7.21 करोड़ बच्चे बाल श्रम की कैद में हैं अफ्रीका में
– 6.21 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी कर रहे हैं एशिया-पैसेफिक में
– 01 करोड़ के पार है अमेरिका में बाल मजूदरों की संख्या

भारत में कानून

– 14 वर्ष से कम आयु या 14 से 18 वर्ष की आयु के बीच के बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में नियोजित करता है, तो उसे एक से छह महीने के बीच जेल की सजा या 20,000 से 50,000 के बीच जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।

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