Elisa Carlson Mars Mission: मार्स एटमॉसफियर & वोलटाइ इवोल्यूशन मिशन की हिस्सा होंगी एलिसा कार्सन
Elisa Carlson Mars Mission: नासा ने खुलासा कर दिया है कि मंगल ग्रह पर जाने वाली पहली इंसान एलिसा कार्सन होंगी। हालांकि बिना कहे भी लोग यही मान रहे थे कि जब भी नासा की तरफ से कोई अंतरिक्ष यात्री मिशन टू मार्स के लिए रवाना होगा तो वह एलिसा कार्सन ही होंगी क्योंकि एलिसा में वे सारी खूबियां हैं जो किसी भी मंगल ग्रह की यात्रा पर जाने वाले प्रशिक्षित व्यक्ति में हो सकती हैं। माना जा रहा है कि साल 2028 में नासा के लांच होने वाले मार्स एटमॉसफियर एंड वोलटाइ इवोल्यूशन मिशन का वह हिस्सा होंगी। इसे अब तक के मुताबिक जून 2028 में लांच किया जाना है। साल 2030 तक मंगल ग्रह के कुछ अद्यतन सैंपल धरती तक पहुंच जाएंगे। इसके बाद साल 2033 में नासा का मंगल ग्रह पर इंसान को भेजने की योजना है जो एलिसा कार्सन हो सकती हैं। वास्तव में एलिसा ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर खुद को बहुत कम उम्र से ही इस लक्ष्य के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था और जब साल 2013 में वह इसके लिए चुन ली गईं तब से नासा खुद उनकी इस संभावित यात्रा की तैयारियों में जुटा रहा है।
पासपोर्ट प्रोग्राम पूरा करने वाली पहली शख्स
एलिसा ने साल 2013 के पहले ही नासा के उन सभी 14 विजिटर सेंटर की विजिट कर चुकी थीं जहां आम छात्रों और अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वाले लोग जा सकते हैं। नासा के इन 14 विजिटर सेंटर घूमने के बाद एलिसा कार्सन नासा पासपोर्ट प्रोग्राम पूरा करने वाली पहली शख्स बन गई थीं। बचपन से ही स्पेस कैंप में हिस्सा लेने वाली एलिसा ने बहुत कम उम्र में ही यह तय कर लिया था कि वह भविष्य में एस्ट्रोनॉट बनेंगी। शायद उनके इस सपने में मार्स मिशन जैसे टीवी प्रोग्राम की भी भूमिका रही हो। और हां, शायद यही वजह थी कि बहुत कम उम्र में उनके कमरे में जो एक बड़ा पोस्टर लगा और सालों तक लगा रहा, वह टीवी प्रोग्राम मार्स मिशन से ही संबंधित था। कुछ दिनों पहले जब इस बात की घोषणा हो गई कि नासा अगर किसी इंसान को मंगल ग्रह पर भेजेगा तो सबसे पहला वह इंसान एलिसा कार्सन होंगी।

एलिसा कार्सन ने एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘मैं मूल रूप से बैटन रूज लुईसियाना से हूं और वर्तमान में फ्लोरिडा टेक्निकल इंस्टीट्यूट में एस्ट्रोबायोलॉजी का अध्ययन कर रही हूं और एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट बनने की उम्मीद कर रही हूं। जाहिर तौर पर मेरा अंतिम सपना अंतरिक्ष यात्री बनना है जिसे मैं बचपन से जी रही हूं। शायद इसीलिए अपनी पढ़ाई भी इसी के नजदीक कर रही हूं।’एलिसा का कहना था, ‘अगर मैं मुड़कर अपने बचपन को देखूं तो पता चलता है कि मुझे बचपन में सिर्फ अंतरिक्ष में ही रुचि थी। अंतरिक्ष में रुचि का मतलब अंतरिक्ष यात्री बनने में रुचि थी और बचपन से ही मैं विशेष रूप से मंगल ग्रह जाना चाहती थी। मैंने बचपन में अपने डैडी से सवाल पूछा था कि क्या लोग पहले मंगल ग्रह पर गए हैं तो उन्होंने मुझे चंद्रमा के बारे में थोड़ा बहुत बताया था। शायद वही समय था जब मैंने यह कल्पना की थी कि एक दिन मैं मंगल ग्रह पर जाऊंगी और शायद मेरे इस सपने की वजह मिशन टू मार्स का वह एक एपीसोड था जिसका पोस्टर मेरे कमरे में उन दिनों लटका था जब मैं ज्यादा कुछ नहीं जानती थी।’
अंतरिक्ष से जबरदस्त प्यार हो गया
अपने पिता की अकेली बेटी एलिसा बचपन से ही इसी एक धुन में रहती थीं कि उन्हें बड़ा होकर अंतरिक्ष यात्री बनना है। इसलिए वह तभी से नासा के उन सभी अंतरिक्ष शिविरों में जाने लगी थीं जो विशेष रूप से छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए लगाये जाते रहे हैं। कहना न होगा कि इन शिविरों में भाग लेने के दौरान एलिसा को अंतरिक्ष से जबरदस्त प्यार हो गया। वह हर पल अंतरिक्ष के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने के लिए उत्सुक रहने लगीं। बचपन में ही उनके पढ़ने के विषय हुआ करते थे- माइक्रोग्रैविटी उड़ाने, विमान उड़ाना सीखना और ऐसा ही वह सब कुछ जो एस्ट्रोनॉट बनने के लिए जरूरी हो।
एलिसा को शुरू में ही यह एहसास हो गया था कि एस्ट्रोनॉट बनना है तो साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स यानी एसटीईएम के क्षेत्र में मास्टर डिग्री लेनी होगी। इसलिए उन्होंने पढ़ने के लिए एस्ट्रोबायोलॉजी का चयन किया। एलिसा बचपन से ही मंगल ग्रह के बारे में वह सब कुछ खोजने लगी थीं जो किसी भी जिज्ञासु के लिए जरूरी होता है। एलिसा ने 16 साल की उम्र तक मंगल मिशन के लिए इंसान द्वारा ईजाद की गई तब की सारी तकनीकों के बारे में जान लिया था। जाहिर है नासा की ट्रेनिंग का भी इसमें योगदान था।
डॉक्टरेट की छात्रा है
फिलहाल मूल बात उनके जज्बे की है। 23 साल की एलिसा कार्सन अब अधिकृत रूप से नासा द्वारा घोषित मंगल मिशन की पहली अंतरिक्ष यात्री हैं। 10 मार्च, 2001 को पैदा हुईं एलिसा बचपन से ही अंतरिक्ष यात्रा के लिए उत्साही रही हैं और आज डॉक्टरेट की छात्रा हैं। उन्होंने वह सारी तैयारी कर ली है जो किसी संभावित मंगल ग्रह के यात्री के लिए हो सकती है। वाटर सर्वाइवल ट्रेनिंग के साथ-साथ वह स्कूबा सर्टिफिकेशन और डिकम्प्रेशन की भी ट्रेनिंग हासिल कर चुकी हैं। 2023 में फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन डिग्री हासिल करने के बाद वर्तमान में वह अराकंसास विश्वविद्यालय से अंतरिक्ष और ग्रह विज्ञान में पीएचडी कर रही हैं। लगभग अमेरिका के सभी बड़े अखबारों ने उनका एक-दो बार इंटरव्यू किया है।

वह अपने पिता बर्ट कार्सन की इकलौती बेटी हैं। उन्होंने 7 साल की उम्र में पहली बार हंट्सविले अलबामा में एक अंतरिक्ष शिविर में भाग लिया था। बाद में 6 और अंतरिक्ष शिविरों में हिस्सा लिया और सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि तुर्की और कनाडा में आयोजित नासा के अंतरिक्ष शिविरों में भी उन्होंने भागीदारी की। इस तरह नासा के सभी शिविरों में हिस्सा लेने वाली एकमात्र शख्सियत बनीं। उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों से संबंधित एमआईटी के सैली राइड समर कैंप में भी हिस्सा लिया। उनके वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल की गई नासा ‘ब्लू बेरी’ की ब्रांडिंग वास्तव में अंतरिक्ष शिविर में उनके द्वारा चुने गए कॉल साइन पर आधारित है। 16 साल की उम्र तक उन्होंने ‘प्रोजेक्ट पोलर सबऑर्बिटल साइंस इन अपर मेसोस्फीयर’ स्पेस अकादमी में हिस्सा ले चुकी थीं और 18 साल की उम्र में उन्होंने पायलट का लाइसेंस हासिल कर लिया था।
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जिंदा रहने हर किस्म की तरकीबों का जाना
मंगल ग्रह पर जिंदा रहने के लिए जितनी किस्म की तरकीबों का जानना किसी एस्ट्रोनॉट के लिए जरूरी हो सकता है, उन सब पर उन्होंने महारत हासिल कर लिया है। उन्होंने एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी में अंतरिक्ष शरीर क्रिया विज्ञान पर केंद्रित कक्षाओं में भाग लिया है। उन्हें 2013 में ही नासा पासपोर्ट कार्यक्रम पूरा करने के बाद वाशिंगटन डीसी स्थित स्मिथसोनियन नेशनल एयर एंड स्पेस म्यूजियम में मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर-10 पैनल में पैनलिस्ट बनने के लिए आमंत्रित किया गया था और स्टीव हार्वे टॉक शो में सबसे कम उम्र की महिला ग्राउंड ब्रेकर के रूप में भी उन्हें दिखाया गया था।
उन्हें साल 2017 की मशहूर डाक्यूमेंट्री ‘द मार्स जनरेशन’ में भी दिखाया गया था। साल 2019 में कार्सन रयान के मिस्ट्री प्लेडेट के एक एपिसोड में भी वह दिखायी दी थीं। अंतरिक्ष यात्री बनने और मंगल ग्रह की यात्रा का बचपन से ही सपना रखने वाली एलिसा कार्सन बचपन से ही मीडिया की प्रिय रही हैं। उन्हें अंग्रेजी के साथ स्पेनिश, फ्रेंच और चीनी भाषाएं भी अच्छी तरह से आती हैं। जब कोई बच्चा ठीक से अपने विजन को भी नहीं समझ पाता, एलिसा उस उम्र से अंतरिक्ष यात्री बनने का ख्वाब देख रही हैं।
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