Haryana Elections – जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश
Haryana Elections: हरियाणा में भाजपा ने इस बार तीन मंत्रियों, नौ विधायकों और एक पूर्व मंत्री का टिकट काट दिया। मुख्यमंत्री सहित 4 विधायकों की सीट भी बदल दी। वहीं 10 दलबदलुओं को भी पार्टी ने टिकट दे दिया है। इनमें छह नेता तो दो दिन पहले ही भाजपा में आए थे। भाजपा ने 23 नए चेहरों पर भी दांव लगाया है। यही नहीं भाजपा ने जातीय समीकरणों को भी साधने की पूरी कोशिश की है। सर्वाधिक 17 टिकट ओबीसी को दी गई हैं। इनके अलावा 13 जाट व 13 अनुसूचित जाति, नौ ब्राह्मणों आठ पंजाबी, पांच वैश्य और एक-एक सिख व राजपूत को टिकट दी गई है।

बंसीलाल की पोती श्रुति को टिकट
ऐसा पहली बार है कि हरियाणा के तीन लालों में दो लाल बंसीलाल और भजनलाल के परिजन भाजपा के साथ हैं। भाजपा ने बंसीलाल की पोती श्रुति को तोशाम और भजनलाल के पोते भव्य को आदमपुर से टिकट दिया है। यही नहीं बंसीलाल की बहू किरन चौधरी को भाजपा ने हाल ही में राज्यसभा भी भेज दिया है। हरियाणा की राजनीति के एक और स्तंभ राव बीरेंद्र सिंह की पोती आरती राव को भी भाजपा ने अटेली से प्रत्याशी बनाया है। आरती के पिता राव इंद्रजीत सिंह केंद्र में मंत्री हैं व गुरुग्राम के सांसद हैं।

सैनी को मिली लाडवा सीट
जिन मंत्रियों की सीटें बदली गई हैं उनमें सबसे प्रमुख नाम मुख्यमंत्री नायब सैनी का है। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की करनाल सीट से वह रिकार्ड मतों से जीते थे। सैनी को इस बार लाडवा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। पिछले विधान सभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के पवन सैनी कांग्रेस के मेवा सिंह से करीब साढ़े बारह हजार वोटों से हार गए थे। 2014 में नायब सैनी नारायणगढ़ सीट से जीते थे। 2019 में नायब सैनी ने कुरुक्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में बड़े अंतर से हारी सीट से सैनी को टिकट देना क्या भाजपा के अतिआत्मविश्वास का प्रतीक है? कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि कहीं सैनी का हाल भी पंजाब के मुख्यमंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी की तरह तो नहीं हो जाएगा। क्योंकि चुनाव से ठीक पहले पंजाब की गद्दी पर बिठाए गए चन्नी के नेतृत्व में कांग्रेस व चन्नी दोनों ही खेत रहे थे। हांलाकि उत्तराखंड में भाजपा ने ऐसे ही हालात में विधानसभा का चुनाव हारे पुष्कर सिंह धामी को ही मुख्यमंत्री बना दिया था।
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कालका से शक्तिरानी शर्मा को टिकट
भाजपा की सूची में कालका से शक्तिरानी शर्मा को टिकट दिया गया है। शक्तिरानी अंबाला की मेयर हैं और बहुचर्चित जेसिका लाल हत्याकांड में सजाकाट रहे मनु शर्मा की मां हैं। भाजपा कालका में भी पिछला चुनाव हार गई थी। भाजपा के कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल की माता श्रीमती सावित्री जिंदल को भाजपा ने हिसार से टिकट नहीं दिया है। भारत की सबसे अमीर महिलाओं में शुमार सावित्री जिंदल इस बार भाजपा से टिकट की उम्मीद कर रहीं थी। पिछला चुनाव हार चुके दो पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को बादली और कैप्टन अभिमन्यु को नारनौद से दोबारा टिकट दिया गया हैं। अभिमन्यु को हराने वाले रामकुमार शर्मा देवीलाल के पड़पोते दुष्यंत चौटाला की जजपा को छोड़कर तीन दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने रामकुमार को सफीदों से टिकट दी है। भाजपा यहां पर भी पिछला चुनाव हार गई थी।
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