Haryana Elections 2024- 2 सीटें तय, 3 पर हलोपा नेता की मर्जी चलेगी
Haryana Elections 2024: हरियाणा में गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ सकती है। मुख्यमंत्री नायब सैनी सिरसा दौरे के दौरान सिरसा के विधायक हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा से मिले थे। इसके बाद सीएम ने बयान दिया था कि भाजपा हलोपा के साथ है और आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। अब माना जा रहा है कि भाजपा 5 विधानसभा सीटों पर हलोपा की जिम्मेदारी लगा सकती है। गोपाल कांडा पर ही 5 विधानसभाओं में कमल खिलाने की जिम्मेदारी होगी। 2 सीटों के उम्मीदवारों के चयन पर हलोपा और भाजपा दोनों की सहमति बनाई जाएगी, लेकिन 3 सीटें ऐसी हैं जिन पर दोनों पार्टियों में पेंच फंस सकता है। इसमें सिरसा, रानियां और फतेहाबाद विधानसभा सीट शामिल हैं। इससे कैबिनेट मंत्री समेत विधायकों की कुर्सी खतरे में है।

रानिया सीट से लड़ना चाहते हैं कांडा
हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा रानिया विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। रानिया से रणजीत चौटाला निर्दलीय विधायक चुने गए थे, लेकिन वह लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव भी हार गए। चौटाला के हिसार से चुनाव लड़वाने के पीछे का मकसद रानिया विधानसभा सीट पर गोविंद कांडा की दावेदारी को और मजबूत करना था, लेकिन चौटाला हारकर दोबारा रानिया विधानसभा से तैयारी में लग गए हैं। भाजपा लोकसभा में चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों से किनारा कर सकती है।
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फतेहाबाद सीट भी ऑफर हो सकती है
अगर रानिया में चौटाला अड़ जाते हैं तो फतेहाबाद सीट भी गोबिंद कांडा को ऑफर की जा सकती है। हालांकि, यहां से कुलदीप बिश्नोई के भाई दुड़ाराम मौजूदा विधायक हैं। ऐसे में दुड़ाराम की नाराजगी भी भाजपा मोल नहीं लेना चाहेगी। इधर, मुख्यमंत्री की हाल ही में हुई फतेहाबाद रैली में दुड़ाराम उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटा पाए। मुख्यमंत्री को रिपोर्ट मिल चुकी है कि स्थानीय विधायक के कामकाज को लेकर लोगों में रोष है। वहीं, लोकसभा चुनाव में भी दुड़ाराम शहरी क्षेत्र के होने के बावजूद सिरसा लोकसभा से उम्मीदवार रहे अशोक तंवर को फतेहाबाद हलके से जितवा नहीं पाए थे। इस कारण उनके रिपोर्ट कार्ड को देखते हुए इस बार उनका टिकट काटकर किसी नए चेहरे को फतेहाबाद में मौका दिया जा सकता है।

सिरसा सीट पर भाजपा नेताओं को लग सकता है झटका
सिरसा सीट पर तैयारी कर रहे भाजपा नेताओं को गोपाल कांडा के कारण दावेदारी छोड़नी पड़ सकती है। यहां से पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा के बेटे अमन चोपड़ा, पूर्व में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके प्रदीप रातुसरिया और पूर्व राज्यपाल प्रो। गणेशी लाल के बेटे मनीष गोयल दावेदार हैं। ऐसे में गोपाल कांडा के मैदान में आने से उनकी उम्मीदवारी कमजोर पड़ सकती है। बता दें कि भाजपा के गणेशी लाल सिरसा सीट से चौधरी बंसीलाल के समय विधायक बने थे। इसके बाद से सिरसा सीट भाजपा ने कभी नहीं जीती।
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2019 में सिरसा की 5 सीटें हारी थी BJP
भाजपा प्रदेश में अबकी बार हारी हुई विधानसभा सीटों पर फोकस कर रही है। हार के कारणों से सबक लेते हुए लगातार मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री उन विधानसभाओं में जा रहे हैं। सिरसा जिले की पांचों सीट भाजपा 2019 में हार गई थी। इसके अलावा ऐलनाबाद में हुए उपचुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। सिरसा जिले में सिरसा, रानिया, डबवाली, कालांवाली और ऐलानाबाद विधानसभाएं आती हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी एक महीने में तीसरी बार 31 जुलाई को सिरसा पहुंचे थे। लोकसभा चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री लगातार सिरसा का दौरा कर रहे हैं।
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