India China Border Tension – 3,500 किलोमीटर का है सीमा विवाद – जयशंकर
India China Border Tension: जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंधों का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा और साथ ही स्पष्ट किया कि सबसे पहले द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए सीमा पर शांति बहाल करने की आवश्यकता है। जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ भारत का एक ‘कठिन इतिहास’ रहा है तथा दोनों देशों का ‘समानांतर विकास बहुत-बहुत अनोखी समस्या’ पेश करता है। मुझे लगता है कि भारत-चीन संबंध एशिया के भविष्य के लिए अहम है। एक तरह से आप कह सकते हैं कि अगर दुनिया को बहु-ध्रुवीय बनाना है, तो एशिया को बहु-ध्रुवीय होना होगा। और इसलिए यह रिश्ता न केवल एशिया के भविष्य पर, बल्कि संभवत: दुनिया के भविष्य पर भी असर डालेगा।

वैश्विक व्यवस्था में उभर रहे हैं दोनों देश
जयशंकर ने कहा कि आपके पास दो ऐसे देश हैं जो आपस में पड़ोसी हैं, वे इस दृष्टि से अनोखे हैं कि वे एक अरब से अधिक आबादी वाले देश भी हैं, दोनों वैश्विक व्यवस्था में उभर रहे हैं और उनकी सीमा अक्सर अस्पष्ट हैं तथा साथ ही उनकी एक साझा सीमा भी है। इसलिए यह बहुत जटिल मुद्दा है। मुझे लगता है कि अगर आप आज वैश्विक राजनीति में देखें तो भारत और चीन का समानांतर विकास बहुत अनोखी समस्या है।
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मुख्य मुद्दा गश्त का है
विदेश मंत्री ने कहा कि जब मैं कहता हूं कि इसमें से 75 प्रतिशत समस्याओं को सुलझा लिया गया है तो यह केवल सैनिकों के पीछे हटने के संबंध में है। इसलिए यह समस्या का एक हिस्सा है। अभी मुख्य मुद्दा गश्त का है। आप जानते हैं कि हम दोनों कैसे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त लगाते हैं। जयशंकर ने कहा कि 2020 के बाद गश्त की व्यवस्था बाधित हुई है और इसे हल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अत: हम सैनिकों को हटाने के मुद्दे को काफी हद तक हल कर पाए हैं लेकिन गश्ती संबंध कुछ मुद्दे हल करने की आवश्यकता है।
यह बड़ा मुद्दा है क्योंकि हम दोनों सीमा पर बहुत बड़ी संख्या में सैनिकों को ले आये थे। इसलिए हम इसे सैनिकों की वापसी कहते हैं और फिर एक बड़ा, अगला कदम वास्तव में यह है कि आप बाकी के रिश्ते से कैसे निपटते हैं? उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों और सीमा विवाद के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में कहा,‘भारत और चीन के बीच पूरे 3,500 किलोमीटर का सीमा विवाद है। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सीमा शांतिपूर्ण हो ताकि रिश्ते में अन्य बातें आगे बढ़ सकें।’

चीनियों ने समझौतों का उल्लंघन किया
जयशंकर ने कहा, ‘अब समस्या 2020 में पैदा हुई, हम सभी उस वक्त कोविड के दौर में थे लेकिन इन समझौतों का उल्लंघन करते हुए चीनियों ने बड़ी संख्या में सैनिकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर खड़ा कर दिया और हमने उसी तरह जवाब दिया।’ जयशंकर ने कहा, ‘एक बार जब सैनिकों को बहुत करीब तैनात किया जाता है, जो ‘बहुत खतरनाक’ है तो ऐसी आशंका होती है कि कोई दुर्घटना हो सकती है और ऐसा ही हुआ।’ उन्होंने 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के संदर्भ में कहा, ‘इसलिए झड़प हुई और दोनों ओर के कई सैनिकों की जान गयी तथा तब से एक तरह से रिश्ते में खटास है।
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