India Maldives Row: फिर दुनिया में बजा भारत का डंका
India Maldives Row: क्या आपको पता है, पूरी दुनिया में फिर एक भारत का डंका बज गया, आप सोच रहे होंगे ऐसा क्या हो गया, तो हम आपको बता दें कि, मालदीव के 3 मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की थी, जिसकी दुनिया भर में आलोचना हो रही है और सोशल मीडिया पर #BycottMaldives काफी ट्रेंड हो रहा है, इसके बाद मालदीव की मुइज्जू सरकार शर्म के मारे हरकत में आई और अपने तीनों मंत्रियों को बर्खास्त करना पड़ा।
मालदीव की अर्थव्यस्था पर सीधे असर
मालदीव को भारत के साथ पंगा लेना बहुत महंगा पड़ा, क्योंकि मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने से मालदीव की अर्थव्यस्था पर सीधे असर होने वाला है, आज पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ी है।
लक्षद्वीप की तस्वीरों से बौखलाया था मालदीव
मोदी के हालिया लक्षद्वीप दौरे के बाद से मालदीव को मिर्ची लग गई थी। पीएम मोदी की तरफ से लक्षद्वीप यात्रा की तस्वीरें पोस्ट करने के बाद मालदीव की उपमंत्री मरियम शिउना ने मोदी के लिए ‘जोकर’ और ‘इजरायल की कठपुतली’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया था। विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने ये ट्वीट हटा दिए थे। लेकिन इस टिप्पणी पर विवाद बढ़ा और शिउना को सस्पेंड कर दिया गया और साथ ही दो और मंत्रियों माल्शा और हसन जिहान को भी सस्पेंड किया गया है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #BycottMaldives
शिउना की पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी से भड़की आग भारत तक फैल चुकी है। इस मामले में भारतीय उच्चायोग ने मुइज्जू सरकार के समक्ष इस मामले को प्रमुखता से उठाया और बयान पर कड़ा विरोध दर्ज किया था। शिउना की मुइज्जू सरकार के गले की फांस बन गई है,और दुनियाभर में मालदीव की कड़ी आलोचना की जा रही है। भारत में #BycottMaldives सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड हो रहा है। कई भारतीय बॉलीवुड सेलिब्रेटी भी मालदीव के बहिष्कार के पक्ष में सामने आए हैं।
पूर्व राष्ट्रपति ने की निंदा
अब बैकफुट में आया मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंत्री की टिप्पणी की निंदा की और भारत को मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि का “प्रमुख सहयोगी” बताया। उधर, भारतीय उच्चायोग ने कहा कि इस तरह के बयान से दोनों देशों के बीच संबंधों पर असर पड़ सकता है। वहीं बयान विवाद पर मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब ने कहा, “यह बहुत दुखद घटना है, जो नहीं होनी चाहिए थी। जब आप एक निर्वाचित पद पर होते हैं, तो आपको अधिक जिम्मेदार होना होगा और साथ ही वैश्विक नेता प्रधानमंत्री मोदी के प्रति ये अपमानजनक टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं।”
मालदीव की टूरिज्म इंडस्ट्री पर होगा असर
मालदीव को इसके क्या परिणाम भुगतने होंगे, और इसका सीधा असर मालदीव की टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ेगा, क्योंकि दुनिया में भारत ही ऐसा देश है जहां के लोग सबसे ज्यादा मालदीव घूमने जाते हैं, पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 तक मालदीव आने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक थी। मालदीव के टूरिज्म मिनिस्ट्री के आंकड़े बताते हैं कि 13 दिसंबर 2023 तक यहां कुल 17,57,939 पर्यटक पहुंचे। यह संख्या 2022 में दर्ज 1।5 मिलियन की तुलना में 12।6 प्रतिशत अधिक है। इसके बाद रूस, चीन, ब्रिटेन आदि देशों का आता है।
बहिष्कार की मांग जोर पकड़ने लगी
अब मालदीव का भारत विरोधी कमेंट के बाद, इसे देखते हुए भारत में मालदीव और उसके पर्यटन स्थलों के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ चुकी है। कई मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स ने इसका समर्थन किया है। भारतीयों ने इसका करारा जवाब देते हुए #bycottmaldives ट्रेंड कराया और लोग पहले से तय अपनी मालदीव की यात्राओं को कैंसिल कर रहे हैं।
मालदीव जाने में भारतीय सबसे आगे
मालदीव घूमने जाने के मामले में भारतीय सबसे आगे रहे हैं। पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 तक मालदीव आने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक थी। मालदीव के टूरिज्म मिनिस्ट्री के आंकड़े बताते हैं कि 13 दिसंबर तक यहां कुल 17,57,939 पर्यटक पहुंचे। यह संख्या 2022 में दर्ज 1.5 मिलियन की तुलना में 12.6 प्रतिशत अधिक है।
हर दिन लगभग 700 यात्रियों का आना-जाना
विमानन डेटा से संकेत मिलता है कि मालदीव बीते कुछ बरसों में पर्यटन स्थल के तौर पर भारतीयों के लिए लोकप्रिय विकल्प बना रहा। 2018 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में मालदीव में पर्यटन विस्तार का पहला चरण शुरू हुआ, तब 51 हजार यात्रियों ने भारत और मालदीव के बीच सीधी फ्लाइट्स से यात्रा की। 2019 में इसी तिमाही में यह संख्या करीब 60 हजार यात्रियों तक पहुंच गई। इससे पता चलता है कि भारत और मालदीव के बीच हर दिन लगभग 700 यात्रियों का आना-जाना हुआ।
1.15 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी
कोरोना महामारी ने जरूर पर्यटन का यह खेल बिगाड़ा, मगर 2020 के अक्टूबर से दिसंबर तक दोनों ओर से 32,000 यात्रियों का आवाजाही हुई। 2021 आते-आते इस संख्या ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। भारत कोविड की दूसरी घातक लहर से आगे निकल चुका था और मालदीव ने कुछ प्रतिबंधों के साथ पर्यटकों का स्वागत करना शुरू कर दिया। इस दौरान दुनिया के अधिकांश हिस्सों में अभी भी कोरोना पाबंदियां लगी हुई थीं। 2021 की चौथी तिमाही में 1.15 लाख यात्रियों ने भारत से मालदीव के लिए सीधी फ्लाइट्स से उड़ान भरी। प्रतिदिन के हिसाब से यह औसत 1250 यात्रियों का है। 2022 में इसमें गिरावट आई क्योंकि दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी भारतीय का आना-जाना दोबारा शुरू हो गया।
बहिष्कार के समर्थन में उतरीं
हाल के दिनों में सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक मंत्री सहित मालदीव के कई लोगों ने भारत विरोधी कमेंट किए हैं। इसे देखते हुए देश में मालदीव और उसके पर्यटन स्थलों के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ चुकी है। कई मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स ने इसका समर्थन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लक्षद्वीप की यात्रा की थी। इस दौरान वह यहां के सी-बीच पर घूमते हुए नजर आए और उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने की अपील भी की। इसे लेकर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी के नेता बौखलाए हुए हैं। वे भारत को निशाना बनाते हुए एक्स पर कई तरह के पोस्ट कर रहे हैं। भारतीयों ने इसका करारा जवाब देते हुए #bycottmaldives ट्रेंड कराया और लोग पहले से तय अपनी मालदीव की यात्राओं को कैंसिल कर रहे हैं।
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