Indian Business Family – पापा के करोड़ों-अरबों के बिजनेस से कोई मतलब नहीं, उत्तराधिकार का संकट
Indian Business Family: इंडियन बिजनेस फैमिली को लेकर एक नई चिंता सामने आई है। दरअसल, फैमिली बिजनेस में युवा कम दिलचस्पी ले रहे हैं, जिससे वे उत्तराधिकारी जिम्मेदारी लेने से कतराते दिख रहे हैं। जारी एचएसबीसी सर्वे में यह जानकारी मिली। सर्वे के अनुसार, बहुत कम भारतीय उत्तराधिकारी पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं। यह स्थिति ऐसे समय में उजागर हुई है जब लंबे समय से यह चिंता जताई जा रही है कि अगली पीढ़ी पारिवारिक व्यवसायों में सक्रिय भागीदारी नहीं ले रही है।

200 व्यवसाय मालिकों पर सर्वेक्षण
सर्वेक्षण में उन लगभग 200 व्यवसाय मालिकों को शामिल किया गया, जिनके पास कम से कम 20 लाख अमेरिकी डॉलर की निवेश योग्य संपत्ति है। नतीजों के अनुसार, लगभग हर 5 में से 4 भारतीय उद्यमी अब भी अपने कारोबार को परिवार के सदस्यों को सौंपने की योजना बना रहे हैं, बावजूद इसके कि उत्तराधिकारियों में रुचि की कमी स्पष्ट है।
Read more: US Debt Crisis: सिर से पैर तक कर्ज में डूबा है अमेरिका, रेटिंग एजेंसी का झटका

केवल 7% की ही दिलचस्पी
एचएसबीसी के सर्वेक्षण के निष्कर्षों से यह सामने आया है कि केवल 7% भारतीय उत्तराधिकारी ही पारिवारिक व्यवसाय को संभालने की जिम्मेदारी को अपनी बाध्यता मानते हैं। यह संकेत देता है कि अधिकांश युवा उत्तराधिकारी पारिवारिक उद्यम के बाहर नए अवसरों की तलाश में अधिक रुचि रखते हैं। एचएसबीसी इंडिया के इंटरनेशनल वेल्थ एंड प्रीमियर बैंकिंग प्रमुख संदीप बत्रा ने कहा, पारिवारिक व्यवसाय अगली पीढ़ी पर अपनी मूल्यों और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए भरोसा करते हैं, लेकिन इसके लिए पारदर्शी संवाद और मजबूत उत्तराधिकार योजना भी उतनी ही जरूरी है।

उदय कोटक ने इस संकट की ओर इशारा किया था
इससे पहले अनुभवी बैंकर उदय कोटक ने भी पारिवारिक व्यवसायों में उत्तराधिकार की चुनौती की ओर इशारा करते हुए कहा था कि अगली पीढ़ी में व्यवसाय शुरू करने और उसे आगे बढ़ाने का उत्साह कम होता जा रहा है। उनके अनुसार, बहुत कम युवा ऐसे हैं जो व्यवसाय बनाने और उसे संचालित करने को लेकर वास्तव में उत्सुक हैं। एचएसबीसी की रिपोर्ट में भी इस रुझान की पुष्टि की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, भले ही 88 प्रतिशत भारतीय उद्यमी अगली पीढ़ी की पारिवारिक संपत्ति प्रबंधन की क्षमता पर भरोसा जताते हैं, लेकिन 45 प्रतिशत उद्यमियों को यह उम्मीद नहीं है कि उनके बच्चे पारिवारिक व्यवसाय की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह स्पष्ट करता है कि उत्तराधिकार को लेकर भरोसे और हकीकत के बीच एक बड़ा अंतर बना हुआ है।