Jammu and Kashmir Election – घाटी में दो चरणों में कुल 214 स्वतंत्र उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने का विकल्प चुना
Jammu and Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव सभी पार्टियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता जा रहा है। पहले चरण में भी रिकॉर्ड मतदान हुआ। इस चुनाव में भाजपा की निगाहें कश्मीर संभाग में चुनाव लड़ रहे सात छोटे दलों के साथ निर्दलीय उम्मीदवारों पर है। पार्टी के आकलन के मुताबिक इनसे जुड़े उम्मीदवार कश्मीर की 47 सीटों में से 32 सीटों पर पीडीपी व नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं।
पार्टी ने साफ किया कि अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के मुखिया रशीद इंजीनियर से भविष्य में किसी प्रकार का गठबंधन नहीं होगा। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि कश्मीर के मतदाता पीपीडी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस से इतर नए विकल्प की तलाश कर रहे हैं। किसी भी सूरत में राज्य में इनकी सरकार नहीं बनने जा रही। जहां तक रशीद से समझौते की बात है तो आतंकवाद व टेरर फंडिंग से जुड़े ऐसे व्यक्ति से किसी समझौते का प्रश्न ही नहीं है।

विपक्षी दलों ने बताया BJP की चाल
जम्मू-कश्मीर में पहले दो चरणों में कुल उम्मीदवारों में से 44 प्रतिशत प्रत्याशी निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में हैं। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी सहित सभी दलों ने इनकी संख्या में वृद्धि को भाजपा की चाल बता रहे हैं। चुनाव के बाद यह संभावित किंगमेकर के तौर पर अहम भूमिका निभा सकते हैं।
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राशिद से किसी प्रकार का गठबंधन नहीं
भाजपा की निगाहें कश्मीर संभाग में चुनाव लड़ रहे सात छोटे दलों के साथ निर्दलीय उम्मीदवारों पर है। पार्टी के आकलन के मुताबिक इनसे जुड़े उम्मीदवार कश्मीर की 47 सीटों में से 32 सीटों पर पीडीपी व नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं। पार्टी ने साफ किया कि अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के मुखिया रशीद इंजीनियर से भविष्य में किसी प्रकार का गठबंधन नहीं होगा। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि कश्मीर के मतदाता पीपीडी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस से इतर नए विकल्प की तलाश कर रहे हैं। किसी भी सूरत में राज्य में इनकी सरकार नहीं बनने जा रही। जहां तक रशीद से समझौते की बात है तो आतंकवाद व टेरर फंडिंग से जुड़े ऐसे व्यक्ति से किसी समझौते का प्रश्न ही नहीं है। गौरतलब है कि लोकसभा की बारामुला सीट पर उमर अब्दुल्ला को हराने वाले रशीद हाल ही में जमानत पर छूटे हैं। उनकी पार्टी घाटी की 35 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

बहुमत से चार गुना अधिक निर्दलीय मैदान में
इस बार 44 प्रतिशत निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। तीसरे चरण में यह संख्या बढ़ सकती है। जानकारी के अनुसार, कुल 214 स्वतंत्र उम्मीदवारों ने पहले और दूसरे चरण के लिए जम्मू और कश्मीर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से लड़ने का विकल्प चुना है। भारतीय चुनाव आयोग की वेबसाइट के के अनुसार, विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि हुई है।
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सेंट्रल-शाल्टेंग और ईदगाह में सर्वाधिक निर्दलीय
सबसे अधिक निर्दलीय उम्मीदवार सेंट्रल-शाल्टेंग और ईदगाह निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से प्रत्येक में आठ-आठ उम्मीदवार हैं। इसके अलावा, कंगन (एसटी) से कोई भी निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से 19 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है।
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