Job Interview – देशभर में 10,000 से ज्यादा लोगों पर किया सर्वे
Job Interview: देश में अवसरों और अभ्यर्थियों की तैयारी के बीच अंतर बढ़ता जा रहा है। नौकरी ढूंढने वाले सिर्फ 32 प्रतिशत लोग साक्षात्कार के लिए खुद को तैयार मानते हैं। नौकरी मंच अपना।को ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह कहा गया है। ‘साक्षात्कार तैयारी सूचकांक-2025′ को देशभर में 10,000 से ज्यादा लोगों के बातचीत के अधार पर तैयार किया गया है। रिपोर्ट से पता चलता है कि नौकरी चाहने वालों के बीच कार्य अनुभव और साक्षात्कार के प्रति आत्मविश्वास के बीच एक मजबूत संबंध है। छह साल से ज्यादा अनुभव वाले लगभग आधे (49 प्रतिशत) उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए अच्छी तरह से तैयार महसूस करते हैं। तीन से छह साल का अनुभव रखने वाले 34 प्रतिशत लोग साक्षात्कार के लिए खुद को तैयार मानते हैं, और एक से तीन साल के अनुभव वाले शुरुआती करियर पेशेवरों के लिए यह आंकड़ा 29 प्रतिशत है।

फ्रेशर्स करते हैं चुनौतियों का समाना
फ्रेशर्स को सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि एक साल से कम के अनुभव वाले केवल 21 प्रतिशत उम्मीदवार खुद को साक्षात्कार के लिए तैयार मानते हैं। चिंता, अप्रत्याशित सवालों का डर और सीमित व्यावहारिक अनुभव इन नए लोगों के आत्मविश्वास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक बनकर उभरे हैं। साक्षात्कार के प्रति आत्मविश्वास विभिन्न आयु समूहों में किस तरह से भिन्न होता है। ‘जेन एक्स’ यानी 45 वर्ष से अधिक आयु वालों में सबसे अधिक आत्मविश्वास देखा गया। इनमें 54 प्रतिशत प्रतिभागियों ने साक्षात्कार के लिए खुद को अच्छी तरह से तैयार पाया। ‘मिलेनियल्स’ यानी 25 से 44 वर्ष तक आयु वालों में आत्मविश्वास का स्तर 36 प्रतिशत से कम है, और युवा उम्मीदवारों में यह और भी कम है।
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3.1 लाख नौकरियों की सूचना
अपना.को के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निर्मित पारिख ने कहा कि भारतीय नौकरी बाजार में अपार अवसरों के बावजूद, अकेले अपना.को पर 2025 की पहली तिमाही में 3.1 लाख नौकरियों की सूचना दी गई हैं। कई उम्मीदवार अभी भी आत्मविश्वास के साथ संघर्ष करते हैं और प्रभावी साक्षात्कार की तैयारी के मामले में कमी दिखती हैं। यह अंतर बड़ी संख्या में नौकरी चाहने वालों को उनकी वास्तविक क्षमता को उजागर करने और संभावनाओं को उजागर करने से रोकता है।” अंग्रेजी माध्यम की पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा आत्मविश्वास पाया गया, जिनमें 44 प्रतिशत ने साक्षात्कार के लिए पर्याप्त रूप से तैयार होने का अनुभव किया। वहीं हिंदी माध्यम के संस्थानों से 34 प्रतिशत और क्षेत्रीय भाषा के स्कूलों से निकले अभ्यर्थियों में 26 प्रतिशत ने आत्मविश्वास महसूस किया।

67% पेशेवरों को नए अवसरों की तलाश
लगभग 67 प्रतिशत पेशेवर नए अवसरों की तलाश करना चाहते हैं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर यह नहीं जानते हैं कि उन्हें किस पद या उद्योग में अपने के लिए अवसरों की तलाश करनी है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। पेशेवर नेटवर्क मंच लिंक्डइन के शोध के अनुसार, 65 प्रतिशत पेशेवरों ने कहा कि वे अपने करियर के लक्ष्यों को एक दोस्त को समझा सकते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि उस भूमिका की खोज कैसे करें। वहीं 64 प्रतिशत को नौकरी फिल्टर भ्रमित करने वाले लगते हैं। रिपोर्ट में कहा गया भारत में दो-तिहाई (67 प्रतिशत) पेशेवरों का कहना है कि वे नए अवसरों के लिए तैयार हैं।
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प्रासंगिक भूमिकाओं की खोज
हालांकि, वे नहीं जानते कि उन्हें किस पद या उद्योग में नौकरी की तलाश करनी चाहिए। इसमें कहा गया है कि 74 प्रतिशत लोगों की इच्छा है कि वे ऐसी प्रासंगिक भूमिकाएं खोज पाएं, जिनके बारे में उन्होंने सोचा भी नहीं था। अध्ययन में कहा गया है कि जैसे-जैसे नौकरी के पद विकसित होते हैं और कौशल नियुक्ति संबंधी फैसलों का प्रमुख कारक होता जाता है, वैसे-वैसे नौकरी चाहने वालों के बीच पूर्वनिर्धारित पद या कीवर्ड के बजाय अपने कौशल और लक्ष्यों के आधार पर अवसर खोजने के आसान तरीकों की मांग बढ़ रही है। लिंक्डइन की यह रिपोर्ट इस साल 25 अप्रैल से छह मई के बीच 18-78 वर्ष की आयु के 2,001 से अधिक कार्यरत और बेरोजगार उत्तरदाताओं से प्राप्त जवाब पर आधारित है।