Kalindi Express : कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश में चौंकाने वाला खुलासा
कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। फोरेंसिक जांच में सामने आया है कि सिलेंडर इंजन के बाद 71 बार स्लीपर से टकराया था। गनीमत यह रही कि यह फटा नहीं। अगर सिलेंडर फट जाता तो मंजर बेहद भयावह हो सकता था। इससे पहले, फोरेंसिक टीम को जांच में पता चला था कि साजिशकर्ताओं ने घटनास्थल से ट्रैक के किनारे-किनारे काफी दूर तक ज्वलनशील पदार्थ का छिड़काव भी किया था। ताकि हादसे में उठी मामूली चिंगारी भी बड़ी आग का रूप ले सके।
फोरेंसिक टीम को मौके से ज्वलनशील पाउडर, पेट्रोल और माचिस भी बरामद हुई थी। लखनऊ से फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पहुंची। करीब 2 घंटे तक चली जांच के दौरान टीम ने घटना में इस्तेमाल हुए इंडेन के उसी एलपीजी सिलेंडर को ट्रैक पर रखकर पूरे घटनाक्रम का सीन रीक्रिएट किया।इस दौरान पता चला कि इंजन से टकराने के बाद करीब पचास मीटर की दूरी के बीच सिलेंडर 71 बार ट्रैक के स्लीपरों से टकराया लेकिन फटा नहीं और फिर झाड़ियों में जा गिरा। टीम ने हर उस निशान को चिह्नित किया जहां सिलेंडर टकराया था। टीम ने पेट्रोल व बारूद के मिलने वाले स्थान व साजिशकर्ताओं के रेलवे ट्रैक के किनारे के संभावित ठिकाने को लेकर भी आकलन किया।

घिसटते हुए नहीं, टकराते हुए गया सिलिंडर
अधिकारियों का कहना है कि सिलेंडर ट्रेन से टकराने के बाद घिसटते हुए नहीं बल्कि उछलकर टकराते हुए दूर जा गिरा। टक्कर के बाद यह 50 मीटर दूर 77वें स्लीपर के पास दायीं ओर पड़ा मिला। इस दौरान सिलेंडर चौथे, सातवें, 12वें, 13वें, 14वें, 27वें, 39वें, 48वें और 50वें स्लीपर से टकराया। इन सभी स्लीपर में टकराने के निशान दिखाई पड़े हैं। यह सभी निशान स्लीपर के बाएं तरफ थे लेकिन इसके बाद सिलेंडर 59वें, 60वें और 70वें स्लीपर के दाएं तरफ टकराने के बाद सात स्लीपर आगे दाहिनी ओर ट्रैक से बाहर जा गिरा। टीम का मानना है कि सिलेंडर ट्रेन के साथ घिसटता नहीं गया, नहीं तो 77 स्लीपर में से अधिकांश में टकराने के निशान होते।
Read more: Bhupinder Singh Hooda: हरियाणा में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का दबदबा

एफआईआर में गलत जानकारी पर रेलवे ने भेजा स्पष्टीकरण
हादसे के बाद रेलवे के जूनियर इंजीनियर की ओर से शिवराजपुर थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में घटनाक्रम की गलत जानकारी दर्ज कराई गई थी। रेलवे ने इस गलती को सुधारने के लिए पुलिस को स्पष्टीकरण भेजा है। एफआईआर में किमी 37/08 पर सिलेंडर ट्रेन से टकराने की बात कही गई है जबकि ट्रेन और सिलेंडर की टक्कर किमी 37/17 और किमी 37/18 के बीच हुई।

घटनास्थल से 200 मीटर की दूरी तक तलाशे गए सबूत
फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल व उसके दो सौ मीटर के दायरे में मैग्नीफाइंग लेंस से रोंगटे (ह्यूमन गूजबंप्स) की तलाश की। इसके अलावा टीम पैरों, जूते व हाथों के निशान की भी तलाश कर रही है जिससे कि साजिशकर्ता तक पहुंचा जा सके।
Read more: Jammu Kashmir Election 2024: बिजबेहरा सीट से किस्मत आजमा रही है महबूबा की बेटी

एनआईए ने पूछताछ के बाद हिस्ट्रीशीटर को छोड़ा
साजिश मामले में एनआईए की टीम ने हिरासत में लिए गए हिस्ट्रीशीटर शाहरुख को पूछताछ के बाद परिजनों के हवाले कर दिया। डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर से पूछताछ में कुछ नहीं मिला है। उससे कुछ भी ऐसा हासिल नहीं हुआ, जिससे वह संदेह में आए। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने हिस्ट्रीशीटर के मोबाइल की भी जांच शुरू कर दी है। वह बीते एक साल से किसके संपर्क में था। इसकी जानकारी भी खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाई जा रही है।
- Content Marketing : भारत में तेजी से बढ़ रहा है कंटेंट मार्केटिंग का क्रेज - January 22, 2025
- Black Magic Hathras: ‘काले जादू’ के नाम पर 9 वर्ष के बच्चे की बलि - January 18, 2025
- Digital Marketing: आपके व्यवसाय की सफलता की कुंजी ‘डिजिटल मार्केटिंग’ - January 18, 2025