Kerala Tourism: पर्यटकों को लुभा रही है देश की पहली वाटर मेट्रो रेल सेवा
पिछले साल 26 अप्रैल को देश की पहली वाटर मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत केरल के ऐतिहासिक शहर कोच्चि से शुरू की गई है। जमीन पर और जमीन के नीचे चलने वाली दूसरी मेट्रो की तरह यह भी पूर्ण वातानुकूलित है। इसके साथ ही यह पर्यावरण और विकलांगों के अनुकूल है। कोच्चि जल मेट्रो बैटरी चालित इलेक्ट्रिक हाइब्रिड नौकाओं के माध्यम से कोच्चि और उसके आसपास के 10 द्वीपों को आपस में जोड़ती है।
इसके लिए 38 टर्मिनल बनाये गये हैं जिनमें से कुछ टर्मिनल अभी निर्माणाधीन हैं। जब ये सारे टर्मिनल बनकर तैयार हो जाएंगे तो यहां 78 इलेक्ट्रिक हाइब्रिड बोटें पूरे दिन एक जगह से दूसरी जगह के लिए दौड़ा करेंगी। कोच्चि वाटर मेट्रो की लागत 1,137 करोड़ रुपये है जिसमें 100 करोड़ रुपये केरल सरकार ने लगाए हैं। बाकी एक जर्मन कंपनी ने फाइनेंस किया है। संभावना है कि जब यह पूरी तरह बनकर तैयार हो जायेगी तो लागत बढ़ चुकी होगी। अभी तक इस वाटर मेट्रो के कुछ रूट ही शुरू हुए हैं।

अन्य शहरों के लिए रोल मॉडल
कोच्चि वाटर मेट्रो लिमिटेड और कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड अपनी तरह का देश में नया उद्यम है। यह वाटर मेट्रो रेल सेवा न सिर्फ स्थानीय लोगों को सुविधा प्रदान कर रही है बल्कि बड़े पैमाने पर देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों से आये पर्यटक भी इसका रोमांचक एहसास कर रहे हैं। कोच्चि वाटर मेट्रो शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में काफी मददगार साबित होगा। यह कोच्चि ही नहीं पूरे केरल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस परियोजना के जरिए बड़ी संख्या में पर्यटकों का प्यार केरल को मिलेगा तो शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार महसूस किया जाएगा।
यह वाटर मेट्रो रेल सेवा अन्य राज्यों के ऐसे शहरों के लिए रोल मॉडल हो सकती है, जहां पारंपरिक मेट्रो के निर्माण में दिक्कतें हैं। ये वाटर मेट्रो अपने फास्ट चार्जिंग के साथ सिर्फ 15 मिनट में फुल चार्ज हो जाएगी। हर चार्जिंग में ये 6-7 फेरी लगा सकती है। ये वाटर मेट्रो पानी में 8-10 Nautical Miles की स्पीड से चलती है. ऐसे में सड़क से तुलना करने पर आप अपने डेस्टिनेशन पर पहले पहुंच जाएंगे।
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हाइब्रिड नौकाओं से बैकवाटर का लुत्फ
देश की इस पहली वाटर मेट्रो में उन्नत लिथियम टाइटेनाइट स्पिनल बैटरी का उपयोग किया गया है और यह पहली बार है जब सार्वजनिक क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक हाइब्रिड नौकाएं एक बेड़े के रूप में काम कर रही हैं। अगर यह वाटर मेट्रो हिट होती है तो केरल के टूरिज्म का नक्शा बदल जायेगा। अभी तक जिस बैकवाटर का लुत्फ जो मुट्ठीभर केरल आये पर्यटक उठाते थे, अब वह लुत्फ हर पर्यटक उठायेगा क्योंकि यह हाथ से चलने वाली नौकाओं के कारण काफी महंगा लुत्फ था। अब वही इस मेट्रो वाटर के चलते हर पर्यटक के लिए बहुत आसानी से 40-50 या 100 रुपये में उपलब्ध होगा। ऐसे में भला कौन पर्यटक है जो केरल आने के बाद इसका लुत्फ नहीं लेना चाहेगा। इस तरह यह वाटर मेट्रो केरल के पर्यटन उद्योग में क्रांति ला सकता है।
पास की भी सुविधा
ये हाइब्रिड बोट्स एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ-साथ इको फ्रेंडली भी हैं। केरल वाटर मेट्रो पूरी तरह से एसी रहेगी, इको-फ्रेंडली के साथ दिव्यांगों के लिए भी इसमें हर तरह की सुविधा दी गईं हैं। वाटर मेट्रो के लिए पास की व्यवस्था भी हुई है। एक सप्ताह का पास जिसमें 12 ट्रिप और 7 दिन शामिल होंगे, वह 180 रुपये का होगा और 50 ट्रिप 30 दिनों का मासिक पास 600 रुपये का होगा जबकि 3 महीने का 150 ट्रिप वाला पास 1500 रुपये होगा। ये वाटर मेट्रो कोच्चि और उसके आस-पास के 10 द्वीपों को आपस में जोड़ेगी।
इसके लिए कोच्चि जल मेट्रो में 78 इलेक्ट्रिक हाइब्रिड बोट खरीदे गए हैं। 38 टर्मिनल्स बनाये गये हैं और इनमें से कुछ अभी बने नही हैं व कुछ टर्मिनल्स बनाये जा रहे हैं। आपको बता दें कि ये वाटर मेट्रो 100 लोगों की क्षमता के साथ चलेंगी। इसमें 50 लोगों को बैठने की सुविधा होगी और 50 लोगों खड़े होकर यात्रा करेंगे. यात्रा के दौरान टर्मिनल से सिक्योरिटी अनाउंसमेंट होती रहेगी। किसी भी इमरजेंसी में लोगों की सुरक्षा के लिए हर सीट के नीचे लाइफ जैकेट रखे रहेंगे. यात्रा के दौरान मेट्रो के अंदर लोगों को खाने-पीने की इजाजत नहीं होगी।
देश के 10 शहरों में भी होगी शुरुआत
इस परियोजना को जर्मन फंडिंग एजेंसी केएफडब्ल्यू द्वारा फाइनेंस किया गया है। अगर यह सफल रहती है तो देश के कई दूसरे शहरों में इस जर्मन कंपनी को ठेके मिलेंगे। कोच्चि के आसपास 10 द्वीपों में 4 लाख से ज्यादा आबादी है। इनमें से कम से कम 1 लाख लोग नियमित रूप से यहां से बाहर आते जाते हैं। इस तरह देखा जाए तो इनके लिए यह एक बहुत बड़ी सुविधा है। 26 अप्रैल, 2023 की सुबह 7 बजे इसका जो पहला रूट शुरू हुआ वह हाई कोर्ट-वाइपिन के बीच है। यह सफर 20 मिनट से भी कम टाइम में पूरा हो रहा है। इसका एक तरफ का किराया 20 रुपया है।

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सुबह 7 बजे से यह सर्विस शुरू होगी और रात 8 बजे तक जारी रहेगी। दूसरा रूट जो अगले दिन शुरू हुआ वह व्यट्टीला-कक्कनाड के बीच है। इस रूट पर भी मेट्रो की सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक सेवाएं हैं। यहां भी एक तरफ का किराया 20 रुपये है। अभी पीक ऑवर्स में हर 15 मिनट में वाटर मेट्रो की सेवा उपलब्ध होगी लेकिन आने वाले दिनों में इसके रिस्पॉन्स के आधार पर इसकी फ्रीक्वेंसी तय होगी। देश की यह पहली वाटर मेट्रो है। अगर यह सफल रहती है तो देश में कम से कम 10 शहरों में वाटर मेट्रो की शुरुआत होगी और उन इलाकों में भी तीव्र ट्रांसपोर्ट मिलना शुरू होगा जहां अभी तक यह संभव नहीं हो सका है।
ऐसे जाएं कोच्चि
नेदुम्बस्सेरी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कोच्चि से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। टैक्सी के साथ-साथ आप बस की सुविधा से भी यहां तक पहुंच सकते हैं। विदेशों में भी कई शहरों से नियमित उड़ानें हैं। इसके अलावा रेल द्वारा जाना है तो विलिंगडन द्वीप पर हार्बर टर्मिनस, एर्नाकुलम शहर और एर्नाकुलम जंक्शन इस क्षेत्र के तीन महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन हैं। रेलवे स्टेशन से देश के कई अन्य शहरों के लिए लगातार रेल सेवाएं उपलब्ध हैं। वहीं सड़क मार्ग से जाना है तो केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) कोच्चि को केरल के सभी प्रमुख शहरों और तमिलनाडु और कर्नाटक के कई शहरों से जोड़ता है। आप कई शहरों से डीलक्स वोल्वो बसें, एसी स्लीपर के साथ-साथ एसी बसों के साथ भी यहां तक पहुंच सकते हैं।
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