Maharashtra Politics – ठाकरे, पवार ने की मोदी, राज्य सरकार की निंदा
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन एमवीए के नेताओं ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर रविवार को दक्षिण मुंबई में प्रतिष्ठित हुतात्मा चौक से ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ तक मार्च निकाला। एमवीए नेताओं ने प्रतिमा गिरने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की। गठबंधन की घटक शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मांगी गई माफी में ‘अहंकार की बू’ है और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने इस घटना को भ्रष्टाचार का नमूना बताया। राकांपा-एसपी के शरद पवार, शिवसेना(यूबीटी) के उद्धव ठाकरे, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख नाना पटोले और पार्टी की मुंबई इकाई की प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ आंदोलन में शहीद हुए लोगों की याद में बने हुतात्मा चौक पर पुष्पांजलि अर्पित कर विरोध मार्च की शुरुआत की।

मोदी की माफी में अहंकार की बू – ठाकरे
ठाकरे ने कहा कि क्या आपने (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की) माफी में अहंकार को देखा? इसमें अहंकार की बू आ रही थी। एक उपमुख्यमंत्री मुस्कुरा रहे थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग महान योद्धा के अपमान को कभी माफ नहीं करेंगे। ठाकरे ने मोदी की ‘गारंटी’ का उपहास उड़ाने के लिए प्रतिमा के गिरने, राम मंदिर में रिसाव और नए संसद भवन परिसर का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किस बात के लिए माफी मांग रहे थे? उस प्रतिमा के लिए जिसका उन्होंने आठ महीने पहले उद्घाटन किया था? उसमें शामिल भ्रष्टाचार के लिए? एमवीए काडरों को शिवाजी महाराज का अपमान करने वाली ताकतों को हराने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। प्रतिमा का गिरना महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान है।
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शिवाजी प्रेमियों का अपमान – पवार
पवार ने विरोध मार्च में कहा कि सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। यह सभी शिवाजी प्रेमियों का अपमान है। शरद पवार ने विरोध मार्च के तहत कुछ दूरी तक पैदल यात्रा की।

ऐसा दोबारा नहीं होगा – पटोले
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री के माफी मांगने से बहुत पहले ही विपक्ष ने ऐसी ‘शिवाजी द्रोही’ (छत्रपति शिवाजी के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात करने वाली) सरकार को सत्ता में आने देने के लिए मराठा योद्धा से माफी मांगी थी। आगामी विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा,‘हमने संकल्प लिया है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।’ पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए माफी मांगी है। शिवाजी के वंशज एवं कोल्हापुर से कांग्रेस सांसद शाहू छत्रपति ने कहा कि मराठा योद्धा की गरिमा को हर कीमत पर बनाए रखा जाना चाहिए।
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अपने देवता से माफी मांगता हूं – मोदी
मार्च में हिस्सा लेने वालों में कोल्हापुर से कांग्रेस सांसद शाहू छत्रपति, राकांपा (एसपी) नेता एवं बारामती की सांसद सुप्रिया सुले और विधायक अनिल देशमुख शामिल रहे। हुतात्मा चौक पर शिवाजी की एक आवक्ष प्रतिमा स्थापित की गई। विरोध मार्च में शामिल लोगों ने प्रतिमा ढहने की घटना की निंदा करने वाली तख्तियां लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार के खिलाफ नारे लगाए। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को पालघर में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं, बल्कि एक देवता हैं। उन्होंने कहा, ‘आज, मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूं और अपने देवता से माफी मांगता हूं।’ मुंबई से करीब 480 किलोमीटर दूर मालवण तहसील के राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा की प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी। इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था।
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