Manipur Violence – हिंसा के पीछे उग्रवादी संगठनों का हाथ
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में इस्तेमाल बम और बंदूक की जगह अब रॉकेट और ड्रोन ने ले ली है। 2 माह की अस्थायी शांति के बाद ये हमले एकाएक शुरू हुए हैं, जो सुरक्षाबलों के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी बड़ा सवाल बन गए हैं। जांच एजेंसियां इस बात का जवाब तलाशने में जुटी हैं कि आखिर मणिपुर में हाईटेक हथियार आ कहां से रहे हैं। एक वर्ष से भी अधिक समय तक 2 समुदायों के बीच हिंसा से जूझ रहा मणिपुर फिर उबल रहा है। सिर्फ सितंबर में ही अब तक 9 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये हिंसा मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हो रही है।
ये सवाल लगातार उठ रहा है कि मणिपुर की हिंसा के पीछे क्या म्यांमार का हाथ है। दरअसल भारत और मणिपुर के बीच तकरीबन डेढ़ हजार किमी की सीमा लगती है। इस सीमा से आए दिन भारत की सीमा में उग्रवादी हरकतें होती हैं। म्यांमार के कई आतंकी गुट हैं जो मणिपुर में हिंसा भड़काते हैं और यहां हथियारों की सप्लाई करते हैं। माना जा रहा है कि इन उग्रवादियों की योजना मणिपुर को भारत से अलग करने की है। खुलेतौर पर वह इस बात का ऐलान भी करते रहे हैं। माना ये भी जाता है कि इस हिंसा के पीछे बांग्लादेश के भी कुछ उग्रवादी संगठन हैं।

म्यांमार में पनाह लेते हैं आतंकी
म्यांमार घरेलू हिंसा से जूझ रहा है। ऐसे में वहां का काफी इलाका ऐसा है जिस पर म्यांमार सरकार और सेना का अंकुश नहीं है। ऐसे में भारत में उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले आतंकी और उग्रवादी संगठन भारत में नापाक हरकत कर म्यांमार में पनाह लेते हैं। 2015 में भारतीय कमांडो टुकड़ी म्यांमार में घुसकर एक बड़े सर्जिकल स्ट्राइक को भी अंजाम दे चुकी है। इस ऑपरेशन में सेना के 70 जवान म्यांमार के जंगलों में गए थे और महज 40 मिनट में ही 38 से ज्यादा नागा आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया था। यह सर्जिकल स्ट्राइक भारतीय जवानों पर हुए उस हमले के बाद ली गई थी, जिसे 18 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद ही भारतीय सेना ने मणिपुर के रास्ते ही म्यांमार में एंट्री की और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।
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म्यांमार और बांग्लादेश के उग्रवादी समूहों पर संदेह
मणिपुर में हथियार सप्लाई म्यांमार से होने का एक लंबा इतिहास रहा है। पिछले साल मैतई और कूकी समुदाय के बीच भी म्यांमार से बड़ी संख्या में हथियार सप्लाई किए गए थे। पिछले साल एक अक्टूबर को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी NIA ने इसका खुलासा किया था और इस बात का दावा किया था कि म्यांमार और बांग्लादेश के उग्रवादी मणिपुर में हिंसा को भड़काने के लिए गोला बारूद और हथियार पहुंचा रहे हैं। NIA की जांच रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था कि म्यांमार और बांग्लादेश के उग्रवादी समूह मणिपुर के जातीय समूहों में दरार पैदा कर भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने का इरादा रखते हैं।
मणिपुर में जो ड्रोन इस्तेमाल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इनके पीछे पीपुल्स डिफेंस फोर्स हो सकती है। यह म्यांमार का संगठन है जो वहां की सेना के खिलाफ लगातार एक्टिव है। यह संगठन कई बार म्यांमार की सेना के खिलाफ भी ऐसे ड्रोन अटैक का इस्तेमाल करता रहा है। वही अब भारत में भी हो रहा है। इसके बाद रॉकेट लांच करने के लिए पंपी गन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके पीछे भी म्यांमार का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस महानिरीक्षक के। जयंत सिंह के मुताबिक हाईटेक मिसाइल, रॉकेट और ड्रोन हमले के सबूत मिले हैं। इनका सोर्स क्या है इसका पता लगाया जा रहा है।

भारी मात्रा में बरामद हो रहे हथियार
सिक्योरिटी फोर्स ने लगातार छापामार कार्रवाई कर बड़ी मात्रा में हथियारों को जब्त भी किया है। इनमें कांगपोकपी जिले में कई 12 इंच सिंगल बोर राइफल, मोर्टार, मोर्टार बैरल, जिलेटिन की छड़ें, डेटोनेटर, रॉकेट, पांच रेडियो सेट बरामद किए गए हैं। इसके अलावा कास्टिंग जिले में एसएलआर राइफल, इंफसान से 9 एमएम सब मीशन गन, मोर्टार, बम पैरा, डेटोनेटर, विष्णुपुर से एके 47 बंदूक, सीएमजी कार्बाइन, स्नाइपर, हैंड ग्रेनेड, इंसास एलएमजी राइफल बरामद किए हैं। इनमें कई हथियार ऐसे हैं जो निश्चित तौर पर मणिपुर में हो रही हिंसा के पीछे विदेशी हाथ होने की आशंका की तरफ इशारा कर रहे हैं।
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15 सितंबर तक इंटरनेट बैन
मणिपुर में फिर शुरू हुई हिंसा को देखते हुए 15 सितंबर तक यहां इंटरनेट बैन कर दिया गया है। इस संबंध में मणिपुर सरकार की ओर से नोटिस जारी किया गया है। सीएम बीरेन सिंह की ओर से जारी इस नोटिस में कहा गया है कि इंटरनेट बैन सिर्फ नफरत फैलने और हिंसा भड़कने से रोकने के लिए लगाया गया है। कई जिलों में कफ्र्यू भी लगाया गया है। इस आदेश के तहत मोबाइल के अलावा लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड तथा VPN सेवाओं का इंटरनेट भी बंद रखा गया है। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षा संस्थानों को भी 12 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है।
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